कोरबा : गर्मी के भीषण प्रकोप के बीच लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के 129 हैंडपंप सूख गए हैं. विभाग ने वित्तीय वर्ष के प्रथम 3 माह में 70 नए स्थानों पर हैंडपंप लगाने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन यह कब लगेंगे और लोगों को पानी कब मिलेगा ? फिलहाल स्पष्ट नहीं है. हालांकि विभाग का दावा है कि जो हैंडपंप सूखे हैं. उनकी मरम्मत का काम जारी है. जल्द ही इन हैंडपंप को भी शुरू कर दिया जाएगा. गर्मियों में काम अधिक होने के कारण लोगों को परेशानी(Hand pumps in rural areas of Korba dry up) हुई है.
जिले में कितने हैंडपंप : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप के माध्यम से पेयजल आपूर्ति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी का दायित्व (Public Health Engineering Department Korba ) है. जबकि शहरी क्षेत्र में यह काम नगर निगम के जिम्मे है. ग्रामीण क्षेत्र में कुल मिलाकर 14 हजार 375 हैंडपंप हैं. जिनके माध्यम से लोगों को पीने का पानी मिलता है. गर्मी के मौसम में ऐसे क्षेत्र जहां पेयजल संकट है, वहां 129 हैंडपंप खराब या सूख गए हैं. जिसके कारण लोग परेशान हो रहे हैं.
क्या है विभाग का दावा : विभाग का दावा है कि जो 129 हैंडपंप खराब हैं. वह पूरी तरह से सूखे नहीं हैं. इनमें किसी ना किसी तरह की तकनीकी खराबी आई है. जिसे विभाग लगातार ठीक कर रहा है. लोगों की शिकायतों पर भी अमल करते हुए हैंडपंप का सुधार कार्य जारी है. लेकिन गर्मियों में काम का बोझ अधिक है.
कितने हैंडपंप खोदने का है टारगेट : जिले के ऐसे स्थान जहां पेयजल संकट है. वहां नए हैंडपंप खोदने के लिए विभाग ने तैयारी कर रखी है. इनमें खासतौर पर गेवरा, दीपका क्षेत्र के गांव हैं. कोयला खदान वाले क्षेत्रों में वाटर लेवल नीचे चला जाता है. जिसके कारण लोगों को ज्यादा परेशानी होती (Drinking water crisis in Korba) है.
कैसे होगा हैंडपंप सुधारने का काम : हैंडपंप सुधार कार्य के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के पास 37 मैकेनिक हैं. ये अलग-अलग स्थानों पर शिकायत के आधार पर हैंडपंप में सुधार करते हैं. हालांकि विभाग का प्रयास है कि जहां हैंडपंप हैं, वहां विद्युतीकरण बोर का उत्खनन कर पानी टंकी के माध्यम से जल प्रदाय किया जाए. लेकिन इन योजनाओं को साकार होने में समय लगेगा.
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कब तक मिलने लगेगा पानी : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन अभियंता अनिल कुमार का कहना है कि ''129 हैंडपंप जो खराब हैं, उनमें सुधार का काम लगातार जारी है. 70 नए हैंडपंप में भी खोदे जाएंगे. जिसमें गंगदेई, चैनपुर, कठसीरा जैसे गांव शामिल हैं. एक समय में एक ही स्थान पर हैंडपंप खोदा जा सकता है. काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही लोगों को इसका लाभ मिलेगा.''