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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा - न्यायाधीश श्रीनिवास तिवारी

कोरबा में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है. 2 साल पहले युवक ने नाबालिग से दुष्कर्म की वारदात की घटना को अंजाम दिया था.

Fast track court sentenced 20 years imprisonment for raping minor in korba
फास्ट ट्रैक कोर्ट
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Published : Aug 5, 2021, 9:38 AM IST

Updated : Aug 5, 2021, 1:34 PM IST

कोरबा : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को कोरबा में न्यायाधीश श्रीनिवास तिवारी के फास्ट ट्रेक कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा दी है. लगभग 2 साल पहले 2019 में दुष्कर्म की वारदात की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. कोर्ट में अपराध सिद्ध होने के बाद आरोपी को 2 अलग-अलग मामलों में 4 और 20 साल की सजा दी गई है.

लोक अभियोजक

दोषी को दी गई दोनों सजा साथ-साथ चलेगी. आरोपी को 20 साल का कारावास भोगना होगा. जांजगीर जिले के शिवरीनारायण के रहौद का रहने वाला राहुल जांगड़े अपने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग को परेशान करता था.नाबालिग को राहुल से बचाने के लिए परिजन उसे कोरबा के उरगा थाना के अंतर्गत कुकरीचोली में अपने रिश्तेदार के घर ले गए थे. राहुल भी वहां पहुंच गया था जहां उसने नाबालिग को बहला-फुसलाकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ ले भागा था जहां उसने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.

कटघोरा में सड़क चौड़ीकरण में लापरवाही, मिट्टी के इस्तेमाल से बढ़ी फिसलन

परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 363, 376 व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. यूपी पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर वापस लाया गया. आरोपी के खिलाफ न्यायाधीश श्रीनिवास तिवारी के फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला विचाराधीन था. अंतिम निर्णय मंगलवार को पारित किया गया.

2 मामलों में सजा 20 साल का कारावास

पुलिस की तरफ से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक रोहित कुमार राजवाड़े ने बताया कि पैरवी के दौरान पुलिस द्वारा विवेचना में एकत्र सबूतों को न्यायालय में सिद्ध किया गया.
दोष सिद्ध होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने कठोर सजा सुनाई है. दो अलग-अलग मामलों में 4 और 20 वर्ष की सजा दी गई है. आरोपी को कम से कम 20 वर्ष तक कारावास में रहकर दंड भोगना होगा. ढाई हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है.

कोरबा : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को कोरबा में न्यायाधीश श्रीनिवास तिवारी के फास्ट ट्रेक कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा दी है. लगभग 2 साल पहले 2019 में दुष्कर्म की वारदात की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. कोर्ट में अपराध सिद्ध होने के बाद आरोपी को 2 अलग-अलग मामलों में 4 और 20 साल की सजा दी गई है.

लोक अभियोजक

दोषी को दी गई दोनों सजा साथ-साथ चलेगी. आरोपी को 20 साल का कारावास भोगना होगा. जांजगीर जिले के शिवरीनारायण के रहौद का रहने वाला राहुल जांगड़े अपने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग को परेशान करता था.नाबालिग को राहुल से बचाने के लिए परिजन उसे कोरबा के उरगा थाना के अंतर्गत कुकरीचोली में अपने रिश्तेदार के घर ले गए थे. राहुल भी वहां पहुंच गया था जहां उसने नाबालिग को बहला-फुसलाकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ ले भागा था जहां उसने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.

कटघोरा में सड़क चौड़ीकरण में लापरवाही, मिट्टी के इस्तेमाल से बढ़ी फिसलन

परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 363, 376 व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. यूपी पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर वापस लाया गया. आरोपी के खिलाफ न्यायाधीश श्रीनिवास तिवारी के फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला विचाराधीन था. अंतिम निर्णय मंगलवार को पारित किया गया.

2 मामलों में सजा 20 साल का कारावास

पुलिस की तरफ से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक रोहित कुमार राजवाड़े ने बताया कि पैरवी के दौरान पुलिस द्वारा विवेचना में एकत्र सबूतों को न्यायालय में सिद्ध किया गया.
दोष सिद्ध होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने कठोर सजा सुनाई है. दो अलग-अलग मामलों में 4 और 20 वर्ष की सजा दी गई है. आरोपी को कम से कम 20 वर्ष तक कारावास में रहकर दंड भोगना होगा. ढाई हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है.

Last Updated : Aug 5, 2021, 1:34 PM IST
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