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कोरबा के लोगों को नहीं मिल रहा साफ पीने का पानी

कोरबा में डायरिया से दो लोगों की मौत मामले में पोड़ी उपरोड़ा के एसडीएम नंदजी पांडे का कहना है कि खाना बनाने के लिए ढोढ़ी का पानी यूज किया गया था. जिसकी वजह से ग्रामीणों में फूड पॉइजनिंग होने की संभावना है. हालांकि उन्होंने कहा कि जांच चल रही है.

Diarrhea death update in Korba
कोरबा में डायरिया से मौत का अपडेट
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Published : Aug 23, 2022, 10:45 AM IST

Updated : Aug 23, 2022, 2:54 PM IST

कोरबा: खेती के बाद सामूहिक भोज में शामिल होने के बाद दो लोगों की मौत और 12 लोगों के बीमार होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. अधिकारियों का कहना है कि गंदे पानी से बना खाना खाने से ग्रामीण बीमार हुए हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि ग्रामीण क्षेत्र में क्या अब भी लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है. पूरा मामला जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के गांव पनगंवा का है.

अस्पताल पहुंचने से पहले ही पति पत्नी की हो गई मौत : ग्रामीण गांव पनगंवा में खेती किसानी में रोपा लगाने का काम कर रहे थे. 1 दिन पहले ही रोपा लगाते हुए ग्रामीण के लिए दोपहर में सामूहिक भोज का आयोजन कराया गया. गांव के बाहर एक ढोढ़ी के पास भोजन तैयार किया गया. इस दौरान भोजन में वड़ा और मटन बनाया गया था. दर्जनों ग्रामीण ने यहां भोजन किया. इसके कुछ देर बाद ही भोजन करने वाले लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी. गांव के शिव प्रसाद(28) और उसकी पत्नी संतोषी(26) की हालत ज्यादा खराब हो गई. दोनों को अस्पताल ले जाने के पहले ही उनकी मौत हो गई. ग्रामीण भी उल्टी दस्त से ग्रसित है जिन का इलाज जारी है.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जारी है 14 लोगों का इलाज : गांव से 30 किलोमीटर दूर पसान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है. मितानिन के माध्यम से अफरा-तफरी के माहौल में सभी ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. कुछ लोगों का इलाज उनके घर पर ही शुरू किया गया. सूचना पाकर मेडिकल टीम भी गांव में पहुंची. फिलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जयकरण, विनय, सुनीता, अजय, सीताबाई, सांवरिया समेत 14 लोगों का इलाज जारी है.

दूषित पानी की वजह से तबीयत बिगड़ने की संभावना : इस मामले में पोड़ी उपरोड़ा के एसडीएम नंदजी पांडे ने बताया "जहां भोजन तैयार किया गया था. उसके लिए ढोढ़ी का पानी उपयोग में लिया गया है. ढोढ़ी में खेत का दूषित पानी भी मिल रहा है. ऐसी संभावना है कि इसी दूषित पानी का उपयोग करने की वजह से ग्रामीण फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं. स्वास्थ विभाग की टीम मामले की विस्तृत जांच कर रही है. "

ग्रामीण अब भी पीने के पानी के लिए मोहताज : जिले में जल जीवन मिशन के तहत 700 से अधिक गांव में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना है. लेकिन फिलहाल महज 23 से 24 गांव है में ही काम पूरा हो सका है. जिसके कारण अब भी ग्रामीण पीने के स्वच्छ पाने के लिए मोहताज हैं. मौजूदा मामले के बाद एक बार फिर यह सवाल खड़ा हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्या अब भी ग्रामीणों को पीने का स्वच्छ पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है?

कोरबा: खेती के बाद सामूहिक भोज में शामिल होने के बाद दो लोगों की मौत और 12 लोगों के बीमार होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. अधिकारियों का कहना है कि गंदे पानी से बना खाना खाने से ग्रामीण बीमार हुए हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि ग्रामीण क्षेत्र में क्या अब भी लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है. पूरा मामला जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के गांव पनगंवा का है.

अस्पताल पहुंचने से पहले ही पति पत्नी की हो गई मौत : ग्रामीण गांव पनगंवा में खेती किसानी में रोपा लगाने का काम कर रहे थे. 1 दिन पहले ही रोपा लगाते हुए ग्रामीण के लिए दोपहर में सामूहिक भोज का आयोजन कराया गया. गांव के बाहर एक ढोढ़ी के पास भोजन तैयार किया गया. इस दौरान भोजन में वड़ा और मटन बनाया गया था. दर्जनों ग्रामीण ने यहां भोजन किया. इसके कुछ देर बाद ही भोजन करने वाले लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी. गांव के शिव प्रसाद(28) और उसकी पत्नी संतोषी(26) की हालत ज्यादा खराब हो गई. दोनों को अस्पताल ले जाने के पहले ही उनकी मौत हो गई. ग्रामीण भी उल्टी दस्त से ग्रसित है जिन का इलाज जारी है.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जारी है 14 लोगों का इलाज : गांव से 30 किलोमीटर दूर पसान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है. मितानिन के माध्यम से अफरा-तफरी के माहौल में सभी ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. कुछ लोगों का इलाज उनके घर पर ही शुरू किया गया. सूचना पाकर मेडिकल टीम भी गांव में पहुंची. फिलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जयकरण, विनय, सुनीता, अजय, सीताबाई, सांवरिया समेत 14 लोगों का इलाज जारी है.

दूषित पानी की वजह से तबीयत बिगड़ने की संभावना : इस मामले में पोड़ी उपरोड़ा के एसडीएम नंदजी पांडे ने बताया "जहां भोजन तैयार किया गया था. उसके लिए ढोढ़ी का पानी उपयोग में लिया गया है. ढोढ़ी में खेत का दूषित पानी भी मिल रहा है. ऐसी संभावना है कि इसी दूषित पानी का उपयोग करने की वजह से ग्रामीण फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं. स्वास्थ विभाग की टीम मामले की विस्तृत जांच कर रही है. "

ग्रामीण अब भी पीने के पानी के लिए मोहताज : जिले में जल जीवन मिशन के तहत 700 से अधिक गांव में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना है. लेकिन फिलहाल महज 23 से 24 गांव है में ही काम पूरा हो सका है. जिसके कारण अब भी ग्रामीण पीने के स्वच्छ पाने के लिए मोहताज हैं. मौजूदा मामले के बाद एक बार फिर यह सवाल खड़ा हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्या अब भी ग्रामीणों को पीने का स्वच्छ पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है?

Last Updated : Aug 23, 2022, 2:54 PM IST
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