कोरबा: बलरामपुर से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक 412 किलोमीटर की पैदल तिरंगा यात्रा पर निकले. बलरामपुर के अमानत खान शनिवार को कटघोरा नगर पहुंचे. उनकी यह यात्रा 16 सितम्बर से शुरू हुई. 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन रायपुर CM हाउस पर जाकर खत्म होगी. अमानत खान मीडिया से रूबरू होते हुए अपनी इस पैदल तिरंगा यात्रा का मकसद बताया कि राज्य व देश में सरकार हर पांच वर्षों में आती जाती रहती है. लेकिन क्षेत्र की मूल समस्याओं में कोई बदलाव या परिवर्तन नहीं होता है. उनका कहना है कि वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, खनिज मंत्री से मुलाकात कर बलरामपुर जिले के साथ साथ पूरे राज्य की मूल समस्याओं से उन्हें अवगत कराएंगे.Balrampur to Raipur tiranga yatra
अमानत खान का कहना है कि "बलरामपुर जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है लेकिन यहां शासकीय योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. यह समस्या केवल एक ही जिले की नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है. जिसकी वजह से समस्याएं यतावत बनी हुई हैं. किसी भी जिला, राज्य या देश के विकास के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कड़ी है. जो शासन की गलत नीतियों के कारण पूरी तरह चरमराई हुई है. सत्ता किसी भी पार्टी की हो लेकिन कोई सुधार या परिवर्तन नहीं हो रहा है.
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अमानत का कहना है कि "शिक्षा में सुधार लाना है तो प्राइवेट स्कूलों की मान्यता पर अंकुश लगाना होगा. सरकारी अस्पताल तो है लेकिन मरीजों को सरकारी डॉक्टरों को लूटा जा रहा है. सब सुविधा होने के बावजूद मरीजों से दवाई से लेकर ऑपरेशन तक प्राइवेट अस्पताल कराया जा रहा है. जहां सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों से मोटी रकम कमीशन बतौर अपनी जेब में डाल रहे हैं. कृषि के नाम पर सरकार बहुत पैसा खर्च करती है लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है. विभाग की तरफ से अधिकांश किसानों को शासन की योजनाओं की सही जानकारी नहीं मिल पाती है.
सरकार को चाहिए कि विकास कार्य हेतु जो भी राशि भेजी जाती है उसका जमीनी स्तर पर सही उपयोग हुआ कि नहीं जिलेवार मौके पर टीम भेजकर सही जांच कराई जाए. भ्रष्टाचार पाए जाने पर वसूली की तत्काल कार्यवाही हो तभी सही विकास हो सकेगा और शासन के पैसों का सही उपयोग हो सकेगा.