कवर्धा: प्रदेश में एक दिसंबर से धान की खरीदी की जा रही है. धान उपार्जन केंद्रों में धान बेचने के लिए बनाई गई सुचारू व्यवस्था से किसानों के चेहरे में खुशहाली देखी जा रही है. कबीरधाम जिले के 94 धान उपार्जन केंद्रों में महज चार दिनों में ही 15 हजार 555 किसानों से 76 करोड़ 92 लाख 33 हजार 859 रुपए का धान की खरीदी कर ली गई है.
निर्धारित समयवधि में खरीदा जाएगा धान
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि जिले के पंजीकृत सभी किसानों से निर्धारित समयवधि में धान की खरीदी की जाएगी. सुचारू रूप से सभी पंजीकृत किसान अपना धान बेच सकें, इसलिए विशेष व्यवस्था बनाई गई है. उन्होंने कहा है कि धान बेंचने में अगर किसी भी पंजीकृत किसान को असुविधा हो रही है तो इस संबंध में वे शिकायत कर सकते हैं. कलेक्टर ने कहा कि गिरदावरी या रकबा के संबंध में किसी भी प्रकार की त्रुटियां हुई है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित किसान 11 दिसंबर तक संबंधित तहसील कार्यालय में अपना आवेदन जमा कर सकते है.
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किसानों की नहीं होगी परेशानी
कबीरधाम जिले में पिछले साल की तुलना में जिले में काफी तेजी से धान खरीदी की जा रही है. इस साल जिले में धान के रकबे में भी बढ़ोतरी और पंजीकृत नए किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है. जिले में बढ़ते किसानों की संख्या को विशेष ध्यान में रखते हुए उन्हे धान बेचने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए राज्य शासन ने जिले में नए 30 प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति और 8 नए धान खरीदी केंद्र बनाए हैं. जिले में प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति 60 से बढ़कर 90 और धान उपार्जन केंद्र 86 से बढ़कर 94 हो गए है. जिले में नए प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति और धान उपार्जन केंद्र बनने से किसानों को बहुत सुविधाएं मिल रही है. जिन किसानों को अधिक 10 से 12 किलोमीटर दूरी तय कर धान बेचने जाना पड़ता था, अब ऐसे किसानों को महज 3 से 5 किलोमीटर ही सफर तय करना पड़ रहा है.
कुछ किसानों को मिल चुकी है राशि
जिला सहकारी केंद्रीय बैक के जिला नोडल अधिकारी बद्री चन्द्रवंशी ने बताया कि जिले में अब तक 94 धान उर्जाजन केंद्रों में पंजीकृत किसानों से 76 करोड़ 92 लाख 33 हजार रुपए के धान के विभिन्न प्रजाति जैसे मोटा, महमाया, पतला, एचएमटी, आईआर 36 सरना किस्म के कुल 4 लाख क्विंटल धान की खरीदी कर ली गई है. पंजीकृत ऋणी किसानों से अब तक 33 करोड़ 88 लाख 90 हजार रुपए की ऋण वसूली कर ली गई है. किसानों को धान का भुगतान 43 करोड़ 3 लाख 45 हजार रूपए सीधे बैंक खाते के माध्यम से किया जा रहा है. कुछ किसानों को राशि भी मिल गई हैं.