जगदलपुर: लॉकडाउन की वजह से मजदूरों के साथ-साथ किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से एक तरफ बस्तर के किसानों का बुरा हाल है, तो वहीं अब बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. बस्तर के किसान कर्ज में भी डूबने लगे हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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बकावंड ब्लॉक में ETV भारत की टीम किसानों की समस्या जानने पहुंची. मूली गांव में रहने वाले किसान महेश चंद्राकर ने बताया कि उनके पास 8 एकड़ भूमि है, जिसमें उन्होंने सब्जी उगाई थी. किसान ने बताया कि उन्होंने लगभग 10 से 12 लाख रुपए की लागत से लौकी और तोरई की खेती की थी, लेकिन लॉकडाउन और बेमौसम बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. किसान ने जितनी लागत लगाई थी, उसका 5 फीसदी लागत भी नहीं निकल पाया. साथ ही खेत में लगाए गए मजदूरों को भी मजदूरी देने के लाले पड़ गए हैं.
कर्ज में डूब रहे किसान
किसान ने बताया कि उन्होंने 8 लाख रुपए से अधिक का लोन बैंक से लिया है. इसके अलावा अन्य लोगों से भी भारी रकम कर्ज में ली हुई है. लॉकडाउन के बाद अब बारिश भी होने लगी है. फसल खेत में ही बर्बाद होने लगे हैं. इससे उन्हें अब दूर-दूर तक कोई उम्मीद की किरण नहीं नजर आ रही है. ऐसी स्थिति में किसान राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में प्रकृति रौद्र रूप दिखा रही है. बेमौसम बारिश और तूफान ने अन्नदाताओं की मेहनत पर पानी फेर दिया है. ऐसे में मजबूर किसानों के सामने एक तरफ जहां अपना घर चलाने की परेशान खड़ी हो गई है, वहीं दूसरी तरफ खेत में काम करने वाले मजदूरों को मजदूरी देने की टेंशन भी है. उम्मीद है ये कठिन वक्त खत्म हो और सरकार की तरफ से इन्हें मदद मिले.