कांकेर : जिले में अब महानगरों की तर्ज पर पुलिस ने काम करने का तरीका अपनाया है. इसके लिए शहर के सभी 104 गांवों तक पुलिस की पहुंच होगी. पुलिस की पहुंच हर गांव तक हो इसके लिए बीट व्यवस्था लागू की जा (beat system of kanker police) रही है. सभी गांवों को 5 बीटों में बांटकर सभी के अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए गए हैं. इन्हें हर दिन अपने प्रभार के गांव पहुंचकर वहां के लोगों से संपर्क कर पल-पल की जानकारी लेनी होगी. पुलिस इसे गंभीरता से ले रही है. प्रभारियों को अपने इलाके में जन्म लेने वाले बच्चे से लेकर किसी की मृत्यु होने, कौन आया, कौन गया, कौन-कौन से आयोजन हुए इसकी जानकारी रखने कहा गया है.

कांकेर पुलिस की बीट व्यवस्था : बीट व्यवस्था लागू होते ही प्रभारियों को उनके क्षेत्र के गांव रवाना कर दिया गया. जनता से सामंजस्य बनाकर बेहतर पुलिसिंग के लिए बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया गया है. इसके पहले भी कोतवाली में तैनात एसआई, एएसआई और हेड कांस्टेबल को बीट बांटे गए (SI head constable and team of villagers in Kanker) थे. अबतक इस पर प्रभावशाली तरीके से काम नहीं हो पा रहा था. वर्तमान थाना प्रभारी ने इसे लेकर विभाग के अफसरों से लंबी चर्चा की और नए सिरे से लागू किया. कांकेर कोतवाली के तहत शहर के साथ 104 गांव को पांच बीटों में बांटा गया है. बीट नंबर एक का प्रभार एसआई कुलदीप राय, बीट नंबर दो का एसआई दिलीप वर्मा, बीट नंबर तीन का प्रभार एसआई सत्यवान सिंह, बीट नंबर चार का एसआई उत्तम तिवारी और बीट नंबर पांच का प्रभार एसआई भागवत चालकी को सौंपा गया है.

ये भी पढ़ें: आखिर क्यों वार्ड में तंबू गाड़कर कांकेर पुलिस को खोलना पड़ा पुलिस सहायता केन्द्र?
बीट प्रभारी के अधीन रहेगी टीम : प्रभारी के अधीनस्थ एएसआई, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल को भी अलग -अलग गांव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. एक-एक जवान के प्रभार में करीब पांच-पांच गांव हैं. वे हर दिन वहां के लोगों से संपर्क कर क्षेत्र की जानकारी लेंगे और क्षेत्र का भ्रमण करेंगे. सभी गांव और वॉर्ड के इंचार्ज जवानों को वहां रिकॉर्ड मेंटेन करने की जिम्मेदारी दी गई है. वे अपने पास बीट बुक रखकर उसमें बीट का नक्शा, महत्वपूर्ण इमारतें, सड़कें, गलियां, बैंक, एटीएम, सरकारी दफ्तर, अस्पताल, होटल, गेस्ट हाउस, समेत महत्वपूर्ण व्यक्तियों के निवास की जानकारी का रिकॉर्ड (Police started beat system in Kanker) रखेंगे.
बदमाशों की भी रहेगी लिस्ट : उस इलाके के अपराधियों, असामाजिक तत्वों, हिस्ट्रीशीटर की भी जानकारी रखी जाएगी. गांव के इंचार्ज इलाके के लोगों से लगातार संपर्क कर उनकी और गांव की खैरियत की जानकारी लेंगे. इलाके की शिकायतों और समस्याओं का निराकरण करेंगे. धार्मिक और अन्य आयोजनों के अलावा किसी त्यौहार के समय सुरक्षा संबंधी अन्य जानकारी कोतवाली प्रभारी के साथ साझा करेंगे.

क्या होती है पुलिस बीट : जिस थाना क्षेत्र में घनी आबादी होती है, वहां अपराध की ज्यादा आशंका बनी रहती है. जुर्म से जुड़े मामले भी सामने आते हैं. ऐसे में आमजन के मन में सुरक्षा का भाव का बनाए रखने, अपराध रोकने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए थाना क्षेत्र को छोटे-छोटे इलाकों में बांट दिया जाता है. उस छोटे इलाके को ही बीट कहा जाता है.