बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने जनअदालत का वीडियो स्थानीय मीडिया को जारी किया है. इस वीडियो में नक्सली किस तरह से जन अदालत लगाते हैं और अपने दोषी को सजा सुनाते हैं, इसको लेकर पहली बार इस इलाके से नक्सलियों का यह वीडियो सामने आया है. जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर जन अदालत लगाकर नक्सली संगठन ने वीडियो और तस्वीरें मीडिया में जारी की है. इस वीडियो में जीवन नाम के सरेंडर नक्सली के खिलाफ पुलिस मुखबिरी के शक में जन अदालत लगाकर फैसला सुनाया गया. surrendered Naxalites leaving alive in Jan Adalat
बस्तर में सरेंडर नक्सली का अपहरण: कुछ दिन पहले नक्सली संगठन के चेरला एरिया कमेटी ने सरेंडर नक्सली जीवन का अपरहण कर लिया था. उसके बाद उसे अपने साथ जंगल ले गए. वहां अपने साथ 3 दिनों तक रखने के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों के बीच सार्वजनिक जन अदालत लगाया. बताया जा रहा है कि इस जन अदालत में माओवादी लीडर आजाद के नेतृत्व में प्रमुख नक्सली कमांडर मधु, अरुणा, रंजीता और छत्तीसगढ़ में सक्रिय कई बड़े नक्सली लीडर भी मौजूद रहे. इस जन अदालत में सरेंडर नक्सली जीवन से पूछताछ की गई और पुलिस के लिए मुखबिरी करने पर जान से मारने की धमकी भी दी. Jan Adalat in bastar
बीजापुर में पुलिस पर हमला करने का वाला नक्सली गिरफ्तार
नक्सली का अपहरण कर नक्सलियों ने लगाया जनअदालत: पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सरेंडर नक्सली जीवन ने साल 2021 मार्च महीने में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था और नक्सली सदस्य गंगी से जीवन ने शादी की.फिर दोनों ने संगठन को चकमा देकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. जिसके बाद लगातार नक्सली संगठन इनकी तलाश कर रही थी और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के किस्टाराम एरिया में जीवन के दिखे जाने की सूचना मिलने के बाद उसका नक्सलियों ने अपहरण कर लिया और सार्वजनिक जन अदालत में लाकर खड़ा कर दिया.
नक्सलियों ने जीवन का एक वीडियो बयान भी जारी किया है जो तेलुगु में है. जिसमें जीवन कह रहा है "मुझे 3 दिन से बंधक बनाकर रखा गया था. आज मुझसे बातचीत की. मैंने भी उनसे बातचीत की. मैंने उनसे कहा कि अब मैं अच्छे से रहूंगा और मुझसे गलती नहीं होगी. मुझे उन्होंने चेतावनी दी है और अब दोबारा पुलिस से जुड़कर उनके साथ काम करने के लिए मना किया है. मैं अब पुलिस मुखबिरी का काम कभी नहीं करूंगा. मैंने उनसे कहा है कि मुझसे गलती हुई है संगठन ने मुझे समझाया और आखरी मौका दिया है.