जगदलपुरः पिछले चार दशकों से बस्तर नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. इन चार दशकों में नक्सलियों ने बस्तर के सातों जिलों में जमकर उत्पाद और आतंक मचाया है. लेकिन नक्सलियों के लाल आतंक का साम्राज्य (kingdom of red terror) कहे जाने वाले बस्तर में बीते 2 वर्षों से देश के वीर जवानों ने नक्सलियों को बैकफुट पर धकेला है. हाल ही में गढ़चिरौली में 26 नक्सलियों को ढेर करने के बाद बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने भी बीते 2 वर्षों का आंकड़ा जारी किया है.
जिसमें बस्तर पुलिस को नक्सली मोर्चे पर काफी सफलता (Much success on the Naxalite front) मिली है. इन 2 वर्षों में कई हार्डकोर नक्सली (hardcore naxalite) विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए. 25 अत्याधुनिक हथियार नक्सलियों के पास से पुलिस ने बरामद किया है. यही नहीं, इन मारे गए नक्सलियों में नक्सली संगठन के कई बड़े लीडर (Many big leaders of Naxalite organization) भी शामिल हैं. जिन पर लाखों रुपए का इनाम (Lakhs of rupees reward Bastar) बस्तर पुलिस ने घोषित कर रखा था. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बीते 2 वर्षों में बस्तर पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में काफी सफलता मिली है.
इन 2 सालों में नक्सल वारदातों में कुल 565 घटना दर्ज है. जिनमें 236 मुठभेड़ हुई है और इन मुठभेड़ों में 86 नक्सलियों को पुलिस के जवानों ने मार गिराया है. इन मारे गए नक्सलियों में कई इनामी नक्सली (many rewarded naxalites) भी शामिल हैं. जिनमें 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपए तक के नक्सली शामिल हैं. इसके अलावा कई इनामी नक्सलियों ने भी बस्तर पुलिस के समक्ष समर्पण किया है. पिछले 2 सालों में 863 नक्सलियों ने बस्तर पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिए. वहीं, 8 लाख रुपये के इनामी नक्सली के साथ ही कुल 909 नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
इसके अलावा इन 2 सालों में 158 हथियार भी पुलिस ने नक्सलियों के पास से बरामद किया है. इनमें 25 से अधिक अत्याधुनिक हथियार हैं. जिनमें एके-47, इंसास, एसएलआर और यूबीजीएल भी शामिल है. हालांकि इन 2 सालों में बस्तर पुलिस ने अपने 76 वीर जवान को खोया हैं. वहीं, 88 आम नागरिक भी मारे गए हैं. बस्तर आईजी ने कहा कि साल 2020-21 और 2021-22 बस्तर पुलिस के लिए सफलता भरा रहा. क्योंकि इन 2 सालों में अत्यधिक नक्सलियों को मार गिराने के साथ ही पुलिस घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में डेरा डालने के साथ ही नए पुलिस कैंप भी स्थापित की है.
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सुरक्षा बल चला रहा नक्सल विरोधी ऑपरेशन
बस्तर आईजी ने कहा कि बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में सुरक्षा बल नक्सल ऑपरेशन चला रहा (Security force is running Naxal operation) है. इसके अलावा 30 से अधिक नए पुलिस कैंप खुलने के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने के उद्देश्य और बस्तर को पूरी तरह से नक्सल मुक्त बनाने के लिए पुलिस में भर्ती भी किया जा रहा है. माना जा रहा है कि 1980 के बाद से इन दो सालों के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि बस्तर का ग्राफ धीरे-धीरे लाल आतंक से कम होता नजर आ रहा है. अमूमन बस्तर में यह भी देखा जाता है कि नक्सली मार्च से लेकर जुलाई माह के बीच बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं.
बस्तर में सभी बड़े हमले मार्च और जुलाई माह के बीच में ही हुए हैं. जिसके बाद नक्सली मानसून में सुरक्षित जगहों पर अपने लाल लड़ाकू को तैयार करना और हमले को लेकर रणनीति बनाते हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पुलिस ऑपरेशन मानसून चलाकर भी नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंच कर उनका सफाया कर रही है. बस्तर आईजी का कहना है कि बीते 2 वर्षों में बस्तर में नक्सलवाद काफी बैकफुट पर नजर आया है. इसके साथ ही बस्तर में तैनात जवान नक्सलियों को एक सीमित क्षेत्र में सिमटने को मजबूर कर दिए हैं. जल्द ही बस्तर पुलिस कांकेर, नारायणपुर, बारसूर से लगे माड़ इलाके में ऑपरेशन चलाएगी और नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले इन माड़ एरिया में नक्सलियों का सफाया किया जाएगा.
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मारा गया 10 लाख का ईनामी नक्सली
बस्तर पुलिस ने साल 2021 में जनवरी माह से अब तक पुलिस नक्सली मुठभेड़ में कुल 42 नक्सलियो को मार गिराया है और इन में से 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के इनामी नक्सली शामिल हैं. आज नारायणपुर में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में इस साल के सबसे बड़े इनामी नक्सली साकेत नरेटी को पुलिस ने मार गिराया. वह नक्सली संगठन के कंपनी नम्बर 6 के सेक्शन कमांडर था. बस्तर पुलिस ने इस पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. इसके अलावा विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए 42 नक्सलियों में सभी इनामी नक्सली शामिल हैं. जिन पर पुलिस ने 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम रखा था.