जगदलपुर : बस्तर में नक्सली लगातार कोरोना की चपेट (corona positive naxalite) में आ रहे हैं. इलाज के अभाव में नक्सली दम तोड़ रहे हैं. अब तक नक्सलियों के कई बड़े कमांडरों की कोरोना से मौत (Naxalites die from Corona) हो चुकी है. 11 जुलाई को झीरम घाटी हमला (jheeram attack) और बीजेपी विधायक भीमा मंडावी (Bhima Mandavi) के हत्या का मास्टमाइंड नक्सली विनोद की कोरोना के चपेट में आकर मौत हो गई. विनोद (Naxalite Vinod) पर बस्तर पुलिस (Bastar Police) ने 8 लाख और NIA ने 5 लाख रुपये का इनाम उस पर रखा था. बस्तर पुलिस का दावा है कि विनोद की मौत से नक्सली दरभा इलाके में कमजोर पड़ेंगे.
कोरोना की दूसरी लहर में अब तक 16 से ज्यादा बड़े नक्सलियों की मौत हो चुकी है. नक्सली कमांडर विनोद पिछले कई दिनों से गंभीर बीमारी से पीड़ित था. कुछ दिनों पहले ही वह कोरोना की चपेट में आ गया था. इलाज के लिए नक्सली उसे लेकर घूम रहे थे. देसी इलाज से विनोद की तबीयत में कोई सुधार नहीं आया और उसकी मौत हो गई. विनोद पर अलग-अलग थाने में 40 से ज्यादा केस दर्ज थे. दरभा डिवीजन में वह काफी समय से सक्रिय था. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी देते हुए बताया कि नक्सली कमांडर विनोद सन 1994 से नक्सलियों के संगठन में सक्रिय था और 16 बड़ी वारदातों का मास्टर माइंड था, जिनमें जीरमघाटी हमला और भाजपा विधायक भीमा मंडावी पर हमला मुख्य है.
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दरभा इलाका हुआ कमजोर: पुलिस
नक्सली कमांडर विनोद के मौत के बाद दरभा इलाका अब काफी कमजोर पड़ गया है. पुलिस ने बताया कि विनोद सबसे मजबूत एरिया कमेटी का डिविजन कमांडर था और उसकी योजना से नक्सलियों को लगातार कामयाबी मिल रही थी. इसे देखते हुए नक्सल संगठन ने विनोद को एक साथ दो से तीन बड़ी जिम्मेदारी दी थी. जिसमें दरभा डिवीजन का नक्सली कमांडर होने के साथ ही वह मलांगिर एरिया कमेटी का इंचार्ज और डिवीजन कमेटी का इंचार्ज भी था. विनोद अपने पास एके-47 हथियार रखता था. विनोद के मौत से नक्सलियों को एक बड़ा झटका लगा है.
अब तक 57 से ज्यादा नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. (Sundarraj P) ने बताया कि पिछले डेढ़ महीनों में बस्तर पुलिस के समक्ष 57 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. इसमें 12 से 15 नक्सली कोरोना संक्रमित पाए गए. जिनका इलाज पुलिस की ओर से किया गया. आईजी का कहना है कि कोरोना के डर से नक्सलियों ने इतनी बड़ी संख्या में सरेंडर किया है. उन्होंने बताया कि कोरोना के चपेट में आने से सेंट्रल कमेटी के बड़े नक्सली लीडर अपनी जान गवां बैठे हैं. जिसमें मुख्य रुप से सेंट्रल कमेटी के सदस्य सोबराय, गंगा, हरीभूषण राव, सरक्का इन चार बड़े नक्सली लीडरों की कोरोना से मौत हो चुकी है.
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अब तक कितनी मौत ?
27 मई को बीजापुर के नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की भी कोरोना से मौत हो गई थी. नक्सली आयतु का इलाज तेंलगाना के कोत्तागुड़म जिले के अस्पताल में चल रहा था. लंबे समय से ये बात सामने आ रही है कि नक्सली लगातार कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं.
5 जून को कोरोना संक्रमित नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय की हैदराबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने मौत की पुष्टि की थी. नक्सली सोबराय को तेलंगाना के वारंगल में अरेस्ट किया गया था. वारंगल जिले के मुलुगू क्रास रोड पर वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने सोबराय को पकड़ा था. वह नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की कम्युनिकेशन टीम का मुखिया था. उसके ऊपर 8 लाख रुपए का इनाम था. पूछताछ में उसने खुद को कोरोना पॉजिटिव बताया और इलाज के लिए आने की बात कही थी. इसके बाद पुलिस ने उसका RT-PCR टेस्ट कराया गया था.
13 जून को नक्सली नेता कट्टी मोहन राव उर्फ दामू दादा की मौत हो गई थी. सूत्रों के अनुसार नक्सली मोहन राव कोरोना से संक्रमित था. वहीं नक्सलियों ने मोहन की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई है.
नक्सली कमांडर हिड़मा के भी कोरोना संक्रमित होने की खबर
वर्तमान में सीनियर नक्सली लीडर जिसमें प्लाटून नंबर 1 के हार्डकोर नक्सली हिड़मा, जयमन, नंदू, सोनू और विनोद जैसे अन्य नक्सलियों के भी कोरोना संक्रमित होने की जानकारी बस्तर पुलिस को मिली है. इसकी तस्दीक भी की जा रही है. नक्सली संगठन में कोरोना की स्थिति को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों में नाकेबंदी की गई है. तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस सभी अपने-अपने सीमावर्ती इलाकों में पूरी तरह से सुरक्षा के एहतियात बरत रही है. संदिग्धों पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं.