जगदलपुर: शहर के रियासतकालीन सरोवर दलपत सागर के अस्तित्व को बचाने के लिए शनिवार की सुबह बस्तर के कलेक्टर रजत बंसल और निगम महापौर सफीरा साहू दलपत सागर तालाब का निरिक्षण करने पहुंचे. कलेक्टर ने साइकिल से दलपत सागर तालाब का मुआयना किया. साथ ही उन इलाकों का भी निरीक्षण किया जहां से दलपत सागर में भू माफियाओं ने कब्जा किया हुआ है.
दलपत सागर बस्तर का ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है. जिसे बस्तर के राजा दलपत देव ने बनवाया था. लगातार हो रहे अतिक्रमण और निर्माण कार्य से अब दलपत सागर की स्थिति दयनीय हो गई है. जिससे इसके अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में बस्तर के नवपदस्थ कलेक्टर ने इस ऐतिहासिक धरोहर को दोबारा जीवित करने का बीड़ा उठाया. दलपत सागर के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने सभी से सुझाव लिए. साथ ही अब तक इस तालाब के संवर्धन के लिए किये गए कार्यों की जानकारी भी ली.
तालाब में जलकुंभी की समस्या
दलपत सागर में जलकुंभी भी एक गंभीर समस्या है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के दूसरे तालाबों में किये गए कार्यों के तर्ज पर ही इसे भी ठीक करने की कार्य योजना बनाई जाएगी. जिससे कि इस सरोवर को सुन्दर और संरक्षित किया जा सके. इसके अलावा कलेक्टर ने कहा कि तालाब के आसपास बेजा कब्जा की भी बात सामने आई है. जिसे प्रशासन जल्द ही हटाएगा और दलपत सागर को मूलस्वरूप देने की कोशिश की जाएगी.
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जनसहयोग से शुरू किया जाएगा कार्य
कलेक्टर ने कहा कि जनसहयोग से जल्द ही दलपत सागर के संवर्धन का कार्य शुरू किया जाएगा. गौरतलब है कि जगदलपुर शहर के बीच स्थित दलपत सागर से बस्तरवासियो की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. यही वजह है कि इसके अस्तित्व को बचाने के लिए स्थानीय लोग भी समय-समय पर तालाब के सौंदर्यीकरण की मांग को लेकर निगम और जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करते रहते हैं.
लोगों में जागी उम्मीद
प्रशासन की ओर से इस तालाब के संवर्धन में अब तक करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन इसके बाद भी यह सागर अब ज्यो का त्यो ही है. फिलहाल बस्तर के नए कलेक्टर के निरीक्षण करने के बाद बस्तरवासियों में फिर से उम्मीद जागी है.