जगदलपुर : सीएम भूपेश बघेल अपने बस्तर दौरे के दौरान भूमि पूजन के साथ शहर में पुरानी बिल्डिंग में सीमार्ट का उदघाटन करेंगे . इसके अलावा जिले के विकास कार्यों के लिए भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे. साथ ही बस्तर के प्रसिद्ध झाड़ा सिरहा मूर्ति का अनावरण होगा. समाज के लोगों को भूमि पट्टा के लिए किए गए आवेदन के अनुरूप मुख्यमंत्री के हाथों पट्टा वितरण भी किया जाएगा. साथ ही मांझी चालकी के साथ भोजन भी मुख्यमंत्री करेंगे. इसके बाद अपने तय कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर रवाना (bastar dusshera 2022 ) होंगे.
क्या है मुरिया दरबार : परंपराओं के अनुसार रियासत काल में बस्तर महाराजा बस्तर दशहरा पर्व में अपनी महत्वपूर्ण सेवा देने वाले लोगों की एक बैठक आयोजित करते थे. जिसे मुरिया दरबार कहा जाता (Muria Darbar ritual of bastar dusshera ) है. वे अपने इस दरबार में अपने राज्य की जनता की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण किया करते थे. यह परंपरा बीते 600 वर्षों से अनवरत चली आ रही है. अब प्रदेश के मुख्यमंत्री इस मुरिया दरबार की अध्यक्षता करते हैं और इस दरबार में उनके सामने लगाए गए गुहारों पर चर्चा करते हुए उनकी समस्या का निराकरण भी करते हैं.
डोली विदाई और कुटुम्ब जात्रा पूजा की रस्म: विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे का समापन डोली विदाई और कुटुंब जात्रा पूजा के साथ की जाती है. दंतेवाड़ा से आई मां को जिया डेरा से विदा किया जाता है. विदाई से पहले मांई की डोली और छत्र को स्थानीय दंतेश्वरी मंदिर के सामने बनाए गए मंच पर आसीन कर महाआरती की जाती है. यहां सुरक्षाबलों के द्धारा माई को सशस्त्र सलामी दी जाती है. इस तरह 75 दिनों तक चलने वाले इस दशहरे का समापन हो जाता है.