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जगदलपुर: ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर को अस्तित्व में लाने के लिए याचिकाकर्ता हुए लामबंद, बेजा कब्जे को लेकर हाईकोर्ट जाने की तैयारी - छत्तीसगढ़ न्यूज

बस्तर के रियासतकालीन धरोहर दलपत सागर पर बेजा कब्जा हटाने को लेकर वरिष्ठ नागरिक व याचिकाकर्ता वाई एन पांडे और मदन दुबे ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं.

दलपत सागर
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Published : Mar 14, 2019, 12:35 PM IST

जगदलपुर: बस्तर के रियासतकालीन धरोहर दलपत सागर पर बेजा कब्जा हटाने को लेकर वरिष्ठ नागरिक व याचिकाकर्ता वाई एन पांडे और मदन दुबे लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने दलपत सागर को पुराने स्वरूप में लाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं.

एनजीटी कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता कर बताया कि जगदलपुर के ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर में भू माफियाओं द्वारा बेजा कब्जा को लेकर एनजीटी में चल रहे केस पर कुछ नामचीन और निगम प्रशासन द्वारा स्टे लगने का झूठा अफवाह फैलाकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है. जबकि इस मामले पर एनजीटी (नेशनल ग्रीनरी ट्रिबनल) में केस चल रहा है.

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन व निगम के अफसरों द्वारा दलपत सागर के क्षेत्रफल के रिकॉर्ड में भी भारी गड़बड़ी की गई है. सन् 1903 में किये गए सर्वे के अनुसार 360 एकड़ में यह सागर फैला हुआ है, जबकि 3 साल पहले बस्तर के तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा भी सर्वे के दौरान 360 एकड़ इस सागर का क्षेत्रफल बताया गया था, लेकिन वर्तमान में गूगल मैप में दिखाए गए नक्शे के अनुसार दलपत सागर का क्षेत्रफल 252 एकड़ में है और शेष बचे 108 एकड़ पर प्रशासन ने चुप्पी साध ली है.

मदन दुबे ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन द्वारा एनजीटी को दिए गए रिपोर्ट के मुताबिक दलपत सागर के शेष बचे 108 एकड़ पर भू माफियाओं द्वारा किये गए अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए दलपत सागर को मूल स्वरूप में लाये. इसके अलावा भू माफियाओं और प्रशासन द्वारा अवैध रूप से सड़क निर्माण के लिए बनाए गए बंड को तोड़ा जाए.

वाई एन पांडे और मदन दुबे का यह भी कहना था कि प्रशासन द्वारा दलपत सागर के क्षेत्रफल को लेकर एनजीटी को दिए गए गलत जानकारी और दलपत सागर को वापस 360 एकड़ में लाये जाने को लेकर हाईकोर्ट में केस लगाने की बात याचिकाकर्ताओं ने कही है.

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जगदलपुर: बस्तर के रियासतकालीन धरोहर दलपत सागर पर बेजा कब्जा हटाने को लेकर वरिष्ठ नागरिक व याचिकाकर्ता वाई एन पांडे और मदन दुबे लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने दलपत सागर को पुराने स्वरूप में लाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं.

एनजीटी कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता कर बताया कि जगदलपुर के ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर में भू माफियाओं द्वारा बेजा कब्जा को लेकर एनजीटी में चल रहे केस पर कुछ नामचीन और निगम प्रशासन द्वारा स्टे लगने का झूठा अफवाह फैलाकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है. जबकि इस मामले पर एनजीटी (नेशनल ग्रीनरी ट्रिबनल) में केस चल रहा है.

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन व निगम के अफसरों द्वारा दलपत सागर के क्षेत्रफल के रिकॉर्ड में भी भारी गड़बड़ी की गई है. सन् 1903 में किये गए सर्वे के अनुसार 360 एकड़ में यह सागर फैला हुआ है, जबकि 3 साल पहले बस्तर के तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा भी सर्वे के दौरान 360 एकड़ इस सागर का क्षेत्रफल बताया गया था, लेकिन वर्तमान में गूगल मैप में दिखाए गए नक्शे के अनुसार दलपत सागर का क्षेत्रफल 252 एकड़ में है और शेष बचे 108 एकड़ पर प्रशासन ने चुप्पी साध ली है.

मदन दुबे ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन द्वारा एनजीटी को दिए गए रिपोर्ट के मुताबिक दलपत सागर के शेष बचे 108 एकड़ पर भू माफियाओं द्वारा किये गए अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए दलपत सागर को मूल स्वरूप में लाये. इसके अलावा भू माफियाओं और प्रशासन द्वारा अवैध रूप से सड़क निर्माण के लिए बनाए गए बंड को तोड़ा जाए.

वाई एन पांडे और मदन दुबे का यह भी कहना था कि प्रशासन द्वारा दलपत सागर के क्षेत्रफल को लेकर एनजीटी को दिए गए गलत जानकारी और दलपत सागर को वापस 360 एकड़ में लाये जाने को लेकर हाईकोर्ट में केस लगाने की बात याचिकाकर्ताओं ने कही है.

Intro:जगदलपुर। बस्तर के रियासितकालीन धरोहर दलपत सागर पर बेजा कब्जा हटाने को लेकर लंबी लड़ाई लड़ रहे शहर के वरिष्ठ नागरिक व याचिकाकर्ताओ ने दलपत सागर को पुराने स्वरूप में लाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली हैं । एनजीटी कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता कर बताया कि जगदलपुर के ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर में भू माफियाओं द्वारा बेजा कब्जा को लेकर एनजीटी में चल रहे केस पर कुछ नामचीन लोगो द्वारा व निगम प्रशासन द्वारा स्टे लगने का झूठा अफवाह फैलाकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है ।जबकि इस मामले पर एनजीटी ( नेशनल ग्रीनरी ट्रिबनल ) में केस चल रहा है। याचिका कर्ताओ ने कहा कि जिला प्रशासन व निगम के अफसरों द्वारा दलपत सागर के क्षेत्रफल के रिकॉर्ड में भी भारी गड़बड़ी की गई है। सन 1903 में किये गए सर्वे के अनुसार 360 एकड़ में यह सागर फैला हुआ है। जबकि 3 साल पूर्व बस्तर के तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा भी सर्वे के दौरान 360 एकड़ इस सागर का क्षेत्रफल बताया गया था। लेकिन वर्तमान में गूगल मैप में दिखाए गए नक्शे के अनुसार दलपत सागर का क्षेत्रफल 252 एकड़ में है। और शेष बचे 108 एकड़ पर प्रशासन ने चुप्पी साध लिया है। याचिका कर्ताओ ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा एनजीटी को दिए गए रिपोर्ट के मुताबिक दलपत सागर के शेष बचे 108 एकड़ पर भू माफियाओ द्वारा किये गए अतिक्रमण पर कार्यवाही करते हुए दलपत सागर को मूल स्वरूप में लाये। इसके अलावा भू माफियाओं और प्रशासन द्वारा अवैध रूप से सड़क निर्माण के लिए बनाए गए बंड को तोड़ा जाए। याचिका कर्ताओ ने कहा कि
प्रशासन द्वारा दलपत सागर के क्षेत्रफल को लेकर एनजीटी को दिए गए गलत जानकारी और दलपत सागर को वापस 360 एकड़ में लाये जाने को लेकर हाई कोर्ट में केस लगाने की बात बात याचिका कर्ताओ ने कही है।



Body:बाईट1- वाय, एन पांडे, याचिकाकर्ता
बाईट2- मदन दुबे, याचिकाकर्ता


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