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बीएसपी के रोलिंग मिल गेट के सामने ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने किया प्रदर्शन - बीएसपी के रोलिंग मिल

बीएसपी प्रबंधन द्वारा दूसरे प्रांत के ट्रांसपोर्टर को माल परिवहन का काम दिए जाने के विरोध में आज काला दिवस मनाया गया. भिलाई में बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के नाराज ट्रांसपोर्टरों ने आज खुर्सीपार में धरना प्रदर्शन किया.

protest of transport businessmen
ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का प्रदर्शन
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Published : Aug 26, 2022, 10:39 PM IST

भिलाई: बीएसपी के माल परिवहन नीति में बदलाव के विरोध में स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायी आज सड़क पर उतर (Transport businessmen protest in front of BSP) आए हैं. बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के नाराज ट्रांसपोर्टरों ने आज खुर्सीपार में धरना प्रदर्शन किया. ट्रांसपोर्टरों ने खुर्सीपार के नजदीक रेल मिल गेट के सामने काला दिवस मनाते हुए धरना प्रदर्शन किया. इसमें चालक व परिचालक भी बड़ी संख्या में शामिल हुए.

ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का प्रदर्शन

बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन: बीएसपी द्वारा माल परिवहन में चालीस साल की परम्परा को तोड़ते हुए दूसरे प्रांतों के ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को मौका दिया गया है. बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने मोर्चा खोल दिया हैं. इस फैसले के खिलाफ खुलकर विरोध जताया गया. बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के ट्रांसपोटर्स ने सड़कों पर उतर आये हैं. सभी चालकों, परिचलाकों के साथ खुर्सीपार चौक के रेल मिल गेट के पास उन्होंने बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

ड्राइवर, कंडेक्टर के सामने रोजी रोटी का संकट: एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि "बीएसपी प्रबंधन में जो भी परिवहन का काम हो रहा है. उसमें स्थानीय ट्रांसपोटर्स को काम नहीं मिल रहा है. करीब पांच सौ से ज्यादा टांसपोटर्स और उनके जुड़े तीन हजार ड्राइवर, कंडेक्टर के सामने रोजी रोटी की समस्या आ गई है. सोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया कि "पिछले 10 दिन से वे बीएसपी प्रबंधन और उन एजेंटों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, जो लिफ्टिंग का काम करते हैं." उन्होंने बताया कि "पिछले 6 महीने से पांच सौ से ज्यादा टांसपोटर्स की डेढ़ हजार गाडियों के चक्के थमे हुए हैं. इससे जुड़े 3 हजार परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है.

यह भी पढ़ें: छात्रा की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों की दुर्ग पुलिस ने पिटाई की

बीएसपी ने तोड़ी परम्परा: एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि "जहां जहां पर भी स्टील प्लांट है, वहां माल परिवहन का काम स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को दिए जाने की परम्परा रही ह. पिछले 40 साल से बीएसपी में भी यही परम्परा रही थी. लेकिन कोरोना काल में अचानक बाहर के ट्रांसपोर्टर को माल परिवहन का काम दिया जाने लगा. इससे स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

BSP पर स्थानीय लोगों की उपेक्षा का आरोप: एसोसिएशन के संरक्षक प्रभुनाथ मिश्रा ने कहा कि "जब शासन स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कह रही है. तो बीएसपी प्रबंधन बाहर के लोगों को काम देकर स्थानीय लोगों की उपेक्षा कर रहा है. जबकि प्लांट बनने से लेकर उसे चलाने तक में भिलाई-दुर्ग के लोगों का योगदान है. बीएसपी को 40 साल पुरानी परम्परा को तोड़ने से पहले स्थानीय लोगों के हित का ख्याल रखना चाहिए. धरना प्रदर्शन में एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित सभी सदस्य उपस्थित थे.

भिलाई: बीएसपी के माल परिवहन नीति में बदलाव के विरोध में स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायी आज सड़क पर उतर (Transport businessmen protest in front of BSP) आए हैं. बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के नाराज ट्रांसपोर्टरों ने आज खुर्सीपार में धरना प्रदर्शन किया. ट्रांसपोर्टरों ने खुर्सीपार के नजदीक रेल मिल गेट के सामने काला दिवस मनाते हुए धरना प्रदर्शन किया. इसमें चालक व परिचालक भी बड़ी संख्या में शामिल हुए.

ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का प्रदर्शन

बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन: बीएसपी द्वारा माल परिवहन में चालीस साल की परम्परा को तोड़ते हुए दूसरे प्रांतों के ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को मौका दिया गया है. बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने मोर्चा खोल दिया हैं. इस फैसले के खिलाफ खुलकर विरोध जताया गया. बीएसपी ट्रक ट्रेलर स्टील ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के ट्रांसपोटर्स ने सड़कों पर उतर आये हैं. सभी चालकों, परिचलाकों के साथ खुर्सीपार चौक के रेल मिल गेट के पास उन्होंने बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

ड्राइवर, कंडेक्टर के सामने रोजी रोटी का संकट: एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि "बीएसपी प्रबंधन में जो भी परिवहन का काम हो रहा है. उसमें स्थानीय ट्रांसपोटर्स को काम नहीं मिल रहा है. करीब पांच सौ से ज्यादा टांसपोटर्स और उनके जुड़े तीन हजार ड्राइवर, कंडेक्टर के सामने रोजी रोटी की समस्या आ गई है. सोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया कि "पिछले 10 दिन से वे बीएसपी प्रबंधन और उन एजेंटों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, जो लिफ्टिंग का काम करते हैं." उन्होंने बताया कि "पिछले 6 महीने से पांच सौ से ज्यादा टांसपोटर्स की डेढ़ हजार गाडियों के चक्के थमे हुए हैं. इससे जुड़े 3 हजार परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है.

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बीएसपी ने तोड़ी परम्परा: एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि "जहां जहां पर भी स्टील प्लांट है, वहां माल परिवहन का काम स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को दिए जाने की परम्परा रही ह. पिछले 40 साल से बीएसपी में भी यही परम्परा रही थी. लेकिन कोरोना काल में अचानक बाहर के ट्रांसपोर्टर को माल परिवहन का काम दिया जाने लगा. इससे स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

BSP पर स्थानीय लोगों की उपेक्षा का आरोप: एसोसिएशन के संरक्षक प्रभुनाथ मिश्रा ने कहा कि "जब शासन स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कह रही है. तो बीएसपी प्रबंधन बाहर के लोगों को काम देकर स्थानीय लोगों की उपेक्षा कर रहा है. जबकि प्लांट बनने से लेकर उसे चलाने तक में भिलाई-दुर्ग के लोगों का योगदान है. बीएसपी को 40 साल पुरानी परम्परा को तोड़ने से पहले स्थानीय लोगों के हित का ख्याल रखना चाहिए. धरना प्रदर्शन में एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित सभी सदस्य उपस्थित थे.

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