दुर्गः गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर हैं. वह दुर्ग जिले के धमधा ब्लाक के ग्राम धौराभाटा पहुंचे जहां उन्होंने किसानों से मुलाकात की और उनसे वर्तमान समय की तकनीक और उन्नत खेती (technology and advanced farming) के बारे में जानकारी हासिल की. उन्हें जहर मुक्त खेती, जहर मुक्त रसोई पर टिप्स दिया. छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक खेती के लिए सबसे उन्नत माना जाता है.
धमधा ब्लाक में उगाए गए फल, फूल और सब्जियां छत्तीसगढ़ के अलावा कई अन्य राज्यों और विदेशों तक में जाते हैं. धमधा के किसान वर्तमान समय के हिसाब से तकनीक का उपयोग कर ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती (organic and natural farming) कर रहे हैं. इसी कड़ी में दुर्ग जिले का प्रसिद्ध जेएस फॉर्म्स (Famous JS Forms) भी एशिया का ड्रैगन फूड व सीताफल उत्पादन का केंद्र बन चुका है.
गुजरात में छेड़ा गया है मुहिम
जहां लगभग साढ़े 400 से अधिक एकड़ में फैले ऑर्गेनिक और प्राकृतिक तरीके से खेती की जा रही है. इस फॉर्म में उगाए जाने वाले फल और सब्जियां छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों और विदेशों तक में भेजी जाती है. गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती (natural and organic farming) के जनक माने जाते हैं. बतौर राज्यपाल उन्होंने गुजरात में रसायनिक खेती को लेकर एक विशेष अभियान छेड़ रखा है. वह सभी इलाकों के किसानों को प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती करने तथा सिखाने विशेष मुहिम चला रहे हैं.
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पेस्टिसाइड के इस्तेमाल से बचने की सीख
आचार्य देवव्रत पूर्व में हरियाणा के हिसार में गुरुकुल का संचालन करते थे. जिसके बारे में उन्होंने बताया कि लगातार रासायनिक खेती से लोग बीमार पड़ रहे हैं. लोगों की बीमारी का कारण भी पेस्टिसाइड यूरिया और बाजारों की रेडीमेड खाद (Pesticide urea and readymade manure of markets) है. इसी चक्र को तोड़ने के लिए उन्होंने प्राकृतिक खेती को इजाद किया है. इस खेती के अंतर्गत प्राकृतिक रूप से खेती की जाती है. जिसमें हानिकारक और जहर युक्त पदार्थों का उपयोग खेती में नहीं किया जाता है. परंपरागत तरीके से खेती करने की जानकारी आचार्य देवव्रत ने दी.
गुजरात राज्यपाल रहते हुए आचार्य देवव्रत ने यह भी बताया कि चार लाख से ज्यादा किसान गुजरात में यही खेती कर रहे हैं. वर्तमान में गुजरात के किसान उन्नतशील (Farmers of Gujarat are progressing) हैं. उनकी उन्नति का सबसे बड़ा कारण यही है कि वे आज गैर रासायनिक खेती कर रहे हैं. इसी खेती को लेकर देवव्रत ने दुर्ग जिले के सैकड़ों किसानों को संबोधित किया और उन्हें खेती करने का उन्नतशील नया और अनूठा तरीका भी बताया. उन्होंने खेती को पारंपरिक तरीके से करने की सलाह दी.