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यहां की माटी से निकलते हैं सेना के जवान क्योंकि.. - Hard work of retired army man Harbhajan Singh

हमारी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए सेना चौबीस घंटे सरहदों पर तैनात रहती है. सेना के बिना देश की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. छत्तीसगढ़ की माटी से भी अब कई युवा सेना में सेलेक्ट हो रहे (Selection of children of Chhattisgarh in army) हैं. इसके पीछे एक शख्स की कड़ी मेहनत है. कौन है वो शख्स आइये जानते हैं....

Army soldiers come out of the soil here because
यहां की माटी से निकलते हैं सेना के जवान क्योंकि
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Published : May 21, 2022, 1:49 PM IST

Updated : May 22, 2022, 6:55 AM IST

दुर्ग : देश में हजारों रुपए फीस देकर युवा सेना भर्ती की ट्रेनिग ले रहे हैं. वहीं दुर्ग जिले में बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए सेना का रिटायर्ड जवान नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहा है. इस जवान का नाम है हरभजन सिंह. हरभजन सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद भी अपने परिवार और दूसरे काम को छोड़कर समाज और देश सेवा में जुटे हैं. हरभजन सिंह आर्मी से रिटायर होने के बाद देश के युवक -युवतियों को सेना में जाने और पुलिस में भर्ती होने की ट्रेनिंग नि:शुल्क दे रहे (Hard work of retired army man Harbhajan Singh) हैं.

कितने साल पहले शुरू की नि:शुल्क ट्रेनिंग : आर्मी मैन हरभजन सिंह सूबेदार पद से रिटायर हुए थे. इसके बाद उन्हें कई बार जॉब का ऑफर आया. लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया. उनकी मंशा ज्यादा से ज्यादा युवाओं को फोर्स में भेजने की थी. उन्होंने एकेडमी की शुरुआत की. हरभजन सिंह रोजाना भिलाई के सेक्टर-2 भिलाई विद्यालय के ग्राउंड में करीब साढ़े 3 साल से युवक और युवतियों को पुलिस और सेना में जाने के लिए फ्री में ट्रेनिंग दे रहे (free training to join army) हैं . इसमें बच्चों को रनिंग, साइकिलिंग, स्वीमिंग के साथ वह सभी तरह की ट्रेनिंग देते हैं, जो सेना में जाने के लिए जरूरी होती है.

यहां की माटी से निकलते हैं सेना के जवान क्योंकि



अब तक सेना में कितने लोगों का हुआ चयन : इस एकेडमी में 140 बच्चों को ट्रेंड किया जा रहा है . इसमें 40 लड़कियां और 100 लड़के शामिल हैं. इन युवाओं को एकेडमी में सेना, पुलिस, फॉरेस्ट और इससे जुड़ी अन्य फोर्स में भर्ती की तैयारी कराई जाती है. अब तक एकेडमी से 35 बच्चे सेना में जा चुके हैं. कुछ और बच्चों का चयन हो गया है. वो भी जल्द ट्रेनिंग में जाएंगे. इस प्रयास से छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश में सेना में करियर को लेकर भी उत्सुकता बढ़ी है. अमूमन यहां से फौज में युवा बेहद कम संख्या में जाते हैं. अब युवाओं का रुझान इस ओर भी दिख रहा है.



कैसे तैयार किया ट्रेनिंग सेंटर : हरभजन सिंह जिस ग्राउंड में बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं, उस ग्राउंड के पीछे लगे पेड़ों के बीच ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया गया है. यहां बच्चों के लिए रस्सी में लटकना, चलना, चढ़ना, एक पतले पाइप के बीच से बाहर निकलना, जंपिंग करने की पूरी सुविधा है. हर दिन यहां बच्चे घंटों पसीना बहाते हैं. इस पूरे फील्ड को खुद हरभजन और उनके बच्चों ने मिलकर ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया है.


ट्रेनिंग में स्विमिंग की भी क्लास : ट्रेनिंग के दौरान हरभजन सिंह बच्चों को स्विमिंग भी सिखाते हैं. उनका कहना है कि पहले उनकी एकेडमी के दो बच्चों को ही स्विमिंग आती थी. आज सभी बच्चे अच्छे तैराक हैं. प्रैक्टिस के लिए वे हर सप्ताह दुर्ग में शिवनाथ नदी के घाट जाते हैं. यहां सभी बच्चे तैरकर नदी को पार करते हैं. एक साथ 100 से अधिक बच्चों की तैरती फौज का नजारा कुछ अलग ही दिखता है.


बच्चों के लिए मेंटर हैं हरभजन : एकेडमी में निशुल्क ट्रेनिंग ले रहे बच्चो ने बताया कि ''आज के जमाने में कोई भी व्यक्ति अपने घर परिवार को छोड़कर अनजान लोगों को मदद नही करता हैं. लेकिन हरभजन सिंह बच्चों के प्रति बहुत ही सहज हैं. जो सुबह बच्चों को खुद उठाते हैं और एकेडमी पहुंचने के बाद ट्रेनिंग देते हैं.हरभजन सिंह की एकेडमी में उन्हें नि:शुल्क बेस्ट ट्रेनिंग दी जाती है.पहले की तुलना में काफी बदलाव आया है . इस एकेडमी में लड़के लड़की सभी साथ तैयारी करते हैं.''

दुर्ग : देश में हजारों रुपए फीस देकर युवा सेना भर्ती की ट्रेनिग ले रहे हैं. वहीं दुर्ग जिले में बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए सेना का रिटायर्ड जवान नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहा है. इस जवान का नाम है हरभजन सिंह. हरभजन सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद भी अपने परिवार और दूसरे काम को छोड़कर समाज और देश सेवा में जुटे हैं. हरभजन सिंह आर्मी से रिटायर होने के बाद देश के युवक -युवतियों को सेना में जाने और पुलिस में भर्ती होने की ट्रेनिंग नि:शुल्क दे रहे (Hard work of retired army man Harbhajan Singh) हैं.

कितने साल पहले शुरू की नि:शुल्क ट्रेनिंग : आर्मी मैन हरभजन सिंह सूबेदार पद से रिटायर हुए थे. इसके बाद उन्हें कई बार जॉब का ऑफर आया. लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया. उनकी मंशा ज्यादा से ज्यादा युवाओं को फोर्स में भेजने की थी. उन्होंने एकेडमी की शुरुआत की. हरभजन सिंह रोजाना भिलाई के सेक्टर-2 भिलाई विद्यालय के ग्राउंड में करीब साढ़े 3 साल से युवक और युवतियों को पुलिस और सेना में जाने के लिए फ्री में ट्रेनिंग दे रहे (free training to join army) हैं . इसमें बच्चों को रनिंग, साइकिलिंग, स्वीमिंग के साथ वह सभी तरह की ट्रेनिंग देते हैं, जो सेना में जाने के लिए जरूरी होती है.

यहां की माटी से निकलते हैं सेना के जवान क्योंकि



अब तक सेना में कितने लोगों का हुआ चयन : इस एकेडमी में 140 बच्चों को ट्रेंड किया जा रहा है . इसमें 40 लड़कियां और 100 लड़के शामिल हैं. इन युवाओं को एकेडमी में सेना, पुलिस, फॉरेस्ट और इससे जुड़ी अन्य फोर्स में भर्ती की तैयारी कराई जाती है. अब तक एकेडमी से 35 बच्चे सेना में जा चुके हैं. कुछ और बच्चों का चयन हो गया है. वो भी जल्द ट्रेनिंग में जाएंगे. इस प्रयास से छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश में सेना में करियर को लेकर भी उत्सुकता बढ़ी है. अमूमन यहां से फौज में युवा बेहद कम संख्या में जाते हैं. अब युवाओं का रुझान इस ओर भी दिख रहा है.



कैसे तैयार किया ट्रेनिंग सेंटर : हरभजन सिंह जिस ग्राउंड में बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं, उस ग्राउंड के पीछे लगे पेड़ों के बीच ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया गया है. यहां बच्चों के लिए रस्सी में लटकना, चलना, चढ़ना, एक पतले पाइप के बीच से बाहर निकलना, जंपिंग करने की पूरी सुविधा है. हर दिन यहां बच्चे घंटों पसीना बहाते हैं. इस पूरे फील्ड को खुद हरभजन और उनके बच्चों ने मिलकर ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया है.


ट्रेनिंग में स्विमिंग की भी क्लास : ट्रेनिंग के दौरान हरभजन सिंह बच्चों को स्विमिंग भी सिखाते हैं. उनका कहना है कि पहले उनकी एकेडमी के दो बच्चों को ही स्विमिंग आती थी. आज सभी बच्चे अच्छे तैराक हैं. प्रैक्टिस के लिए वे हर सप्ताह दुर्ग में शिवनाथ नदी के घाट जाते हैं. यहां सभी बच्चे तैरकर नदी को पार करते हैं. एक साथ 100 से अधिक बच्चों की तैरती फौज का नजारा कुछ अलग ही दिखता है.


बच्चों के लिए मेंटर हैं हरभजन : एकेडमी में निशुल्क ट्रेनिंग ले रहे बच्चो ने बताया कि ''आज के जमाने में कोई भी व्यक्ति अपने घर परिवार को छोड़कर अनजान लोगों को मदद नही करता हैं. लेकिन हरभजन सिंह बच्चों के प्रति बहुत ही सहज हैं. जो सुबह बच्चों को खुद उठाते हैं और एकेडमी पहुंचने के बाद ट्रेनिंग देते हैं.हरभजन सिंह की एकेडमी में उन्हें नि:शुल्क बेस्ट ट्रेनिंग दी जाती है.पहले की तुलना में काफी बदलाव आया है . इस एकेडमी में लड़के लड़की सभी साथ तैयारी करते हैं.''

Last Updated : May 22, 2022, 6:55 AM IST
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