धमतरीः धमतरी के शौर्यप्रताप चंद्राकर को उनके अदम्य साहस और जब्जे के लिए राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा. जिले के सेनचुवा गांव के रहने वाले 13 वर्षीय शौर्यप्रताप चंद्राकर ने सूझ-बूझ से खेत में काम कर रहे 7 किसानों और मजदूरों को समय रहते करंट की चपेट में आने से बचा लिया था.
ये थी पूरी घटना
13 जून साल 2021, धमतरी के सेनचुवा गांव के रहने वाले शौर्यप्रताप चंद्राकर अपने पिता भूषण लाल चंद्राकर के साथ खेत देखने के लिए गया था. खेत के पास उसके पिता सहित कुछ किसान और मजदूर खेतों में खरपतवार की साफ-सफाई का काम कर रहे थे. इसी बीच अचानक हवा के झोंके से बिजली का हाईटेंशन तार पेड़ की एक शाखा को छू लिया. उससे टहनी में आग लग गई. पेड़ पर आग लगते देख बालक शौर्य ने आवाज लगाकर मजदूरों को खेत से बाहर निकाला. यदि मजदूर खेतों में ही रह जाते तो करंट की चपेट में आने से बड़ा हादसा हो सकता था. इतना ही नहीं शौर्य ने लाइनमैन को कॉल करके तार के गिरने की सूचना भी दे दी थी. जानकारी मिलते ही विभाग के कर्मचारियों ने विद्युत आपूर्ति को बंद कर दिया. इस तरह शौर्य ने अपने सूझबूझ से मजदूर और अपने पिता की जान बचा ली.
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ज्यूरी ने भी किया चयन
छोटी उम्र में शौर्य की बहादुरी और अदम्य साहस को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से राज्य वीरता पुरस्कार 26 जनवरी को दिया जाएगा. राज्य स्तरीय 11 सदस्यीय ज्यूरी ने भी शौर्य को राज्य वीरता पुरस्कार देने का ऐलान किया है.अब 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौक पर शौर्य को छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा प्रशस्ति-पत्र और पुरस्कार से नवाजा जाएगा. वीरता पुरस्कार मिलने की जानकारी से शौर्य के माता-पिता सहित पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.