धमतरी : धमतरी जिले में नौकरी लगाने के नाम पर छह बेरोजगार युवाओं से सात लाख की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया (Dhamtari cheating case) है. मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने एक आरोपी को 420 के तहत जेल भेजा है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार डिवज कुमार साहू ने रिपोर्ट दर्ज करवाया था कि चिंरजीव सिन्हा ने जल संसाधन विभाग धमतरी, राजस्व शाखा कार्यालय धमतरी एवं रोजगार कार्यालय धमतरी में नौकरी लगाने के नाम पर उससे एक लाख रुपए ले लिए. उसके अलावा पारसमणी साहू से 1.50 लाख, युवराज यादव से एक लाख, तारा यादव से एक लाख, दोवेश साहू से 1.50 लाख, चामेश यादव से एक लाख रुपए नौकरी के नाम पर लिए.
कितने का लगाया चूना : आरोपी ने 6 युवकों से कुल 7 लाख रुपए लेकर उन्हें भरोसा दिलाया कि वो उनकी नौकरी अलग-अलग विभागों में लगवा देगा. युवक भी पैसा देने के बाद निश्चिंत हो गए कि अब उनकी नौकरी पक्की हो चुकी है. युवकों ने अपनी नौकरी की जानकारी भी अपने परिजनों और दोस्तों को दे दी. साथ ही साथ सरकारी नौकरी पाने का सपना संजोने लगे. पैसे लेने के दो महीने बाद चिरंजीव ने धमतरी के राजस्व शाखा का एक ज्वाइनिंग लेटर डिवज साहू को दिया. इसके अगले दिन वो डिवज को लेकर अपने साथ गया और धमतरी के दफ्तर में काफी देर तक बैठाकर (Cheating in the name of government job in Dhamtari) रखा.
नौकरी मिली या नहीं : डिवज कुमार अपने हाथ में सरकारी नौकरी का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर (fake joining letter of government job in dhamtari) लेकर काफी देर तक चिरंजीव का इंतजार करता रहा. करीब 4 घंटे बाद चिरंजीव ऑफिस से बाहर आया और डिवज को बोला कि आज अधिकारी नहीं आए हैं. जब तक वो नहीं आएंगे ज्वाइनिंग नहीं होगी.इसलिए कुछ दिन बाद आकर ज्वाइनिंग करवा दूंगा.
कैसे खुली पोल: चिरंजीव के ये कुछ दिन महीनों में बदल गए.जब भी डिवज ज्वाइनिंग की बात कहता उसे चिरंजीव नई कहानी में उलझा देता. इसके बाद डिवज के साथ-साथ दूसरे युवकों ने भी अपनी नौकरी की बात की. लेकिन हर किसी के लिए चिरंजीव के लिए नई बात होती. ऐसे करके दो महीने बीते. जब दिन बीतने लगे तो डिवज ने चिरंजीव से पैसे वापस करने की मांग शुरु की. बस फिर क्या था अब चिरंजीव ने अपना बोरिया बिस्तर समेटा और हो गया नौ दो ग्यारह.
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पुलिस ने ठग को दबोचा :धमतरी के छह युवकों को जोरदार चूना लग चुका था. लिहाजा दर्द कम करने के लिए पुलिस (Action of Dhamtari City Kotwali) के पास शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने भी बेरोजगारों के दर्द को समझा और भगोड़े चिरंजीव को पकड़ने के लिए टीम तैयार की. चिरंजीव को तलाशने में पुलिस को 5 महीने लगे. आखिरकार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आया. जिसकी खातिरदारी करने में पुलिस जुट चुकी है.