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धमतरी जिले के स्कूलों में बिजली नहीं, 46 लाख का बिल बकाया, स्कूली बच्चे परेशान... जिम्मेदार कौन ?

No electricity in Dhamtari district schools: धमतरी जिले में सीएसपीडीसीएल यानी विद्युत विभाग ने आत्मानंद अंग्रेजी सहित दर्जन भर से ज्यादा सरकारी स्कूलों के कनेक्शन काट दिए हैं. धमतरी जिला शिक्षा विभाग पर कुल 46 लाख का बिल बकाया है. वैसे सभी सरकारी विभागों का बकाया जोड़ दें तो 50 करोड़ से ज्यादा की रकम बनती है.

No electricity in Dhamtari district schools
धमतरी जिले के स्कूलों में बिजली नहीं
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Published : Feb 25, 2022, 1:42 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 8:47 PM IST

धमतरी: बिजली विभाग ने अपने भारी भरकम बकाया बिलों की वसूली के लिए अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान में पहली बार सरकारी स्कूलों तक का कनेक्शन काट दिया गया है. बीते 2 माह से धमतरी जिले के दर्जन भर स्कूलों में बिजली नहीं है. इनमें से 8 स्कूल तो धमतरी शहर में ही स्थित हैं. धमतरी के गोकुलपुर, जालमपुर, दानिटोला, विंध्यवासिनी वार्ड और उर्दू शाला ने कई सालों से बिजली का बिल जमा नहीं किया था. विंध्यवासिनी वार्ड के प्राइमरी स्कूल ने तो 2012 के बाद से एक बार भी बिल नहीं पटाया था. 10 साल में इस स्कूल का कुल बकाया 17 हजार से ज्यादा का हो चुका है. धमतरी जिला शिक्षा विभाग का कुल बिजली बिल का बकाया 46 लाख रुपये से ज्यादा का हो चुका है. धमतरी के गोकुलपुर स्कूल में ही सरकार की महत्वाकांक्षी पहल वाली आत्मानंद इंग्लिश स्कूल भी चलती है. यहां बीते 2 महीने से बिजली नहीं है. न लाइट जलती है, न पंखे चलते हैं. लेकिन पढ़ाई जरूरी है तो कक्षाएं लग रही है. हमने बच्चों और शिक्षकों से बात की और जाना कि बिना बिजली के किस तरह की दिक्कतें आ रही है.

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पहली बार स्कूलों में बिजली गुल!

धमतरी जिला शिक्षा विभाग ने बताया कि एक स्कूल का एक महीने का बिजली बिल औसतन 400 से 500 के बीच रहता है. सरकार से मिलने वाले आवंटन को समय-समय पर स्कूलों के खाते में जमा कर दिया जाता है. फिर भी अगर बिल नहीं पटाया जा रहा है तो ये उस स्कूल के प्राचार्य या प्रधान पाठक की लापरवाही है. वैसे शिक्षा विभाग ने ये भी बताया कि जो लंबे समय से आवंटन भी नहीं मिला था, अब शासन से कुछ पैसा आया है. जिसे बिजली विभाग में जमा करवा दिया गया है. धमतरी बीईओ डी आर गजेंद्र ने बताया कि ये शायद इतिहास में पहली बार है कि किसी स्कूल की बिजली काटी गई है.

सरकारी विभागों पर 50 करोड़ का बिजली बिल बकाया

धमतरी जिले में कुल 877 प्राथमिक, 445 माध्यमिक, 57 पूर्व माध्यमिक और 111 उच्चतर माध्यमिक स्कूल हैं. धमतरी जिले के सभी सरकारी विभागों के बिजली बिल बकाया पर नजर डालें तो हालात और भी बदतर हैं. सभी सरकारी विभागों ने 50 करोड़ का बिजली बिल नहीं पटाया है. सबसे ज्यादा बकाया पंचायत विभाग का 42 करोड़ का बिल है. इस 42 करोड़ में करीब साढ़े 4 करोड़ नगर पंचायतों का और बाकी ग्राम पंचायतों का बिल बकाया है. अब धमतरी बिजली विभाग वसूली अभियान चला रहा है. विभाग ने बिजली बिल नहीं पटाने वाले 60 ग्राम पंचायतों का कनेक्शन काट दिया था. हालांकि बाद में कुछ हिस्से की अदायगी के बाद वापस कनेक्शन बहाल किया गया. बिजली विभाग का साफ कहना है कि जो बिल नहीं देगा, उसकी बिजली काट दी जाएगी.

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क्यों आ रही कनेक्शन काटने की नौबत?

धमतरी बिजली विभाग बकाया में से कुछ रकम मिलने के बाद कनेक्शन वापस जोड़ रही है लेकिन कोरोना काल के 2 साल को छोड़ दें तो शासन लगातार अपने विभागों को बिजली बिल के लिए आवंटन भेजता रहा है. फिर भी बिल बकाया हो और कनेक्शन काटने की नौबत आ जाए तो यहां मामला जांच का बनता है.

धमतरी: बिजली विभाग ने अपने भारी भरकम बकाया बिलों की वसूली के लिए अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान में पहली बार सरकारी स्कूलों तक का कनेक्शन काट दिया गया है. बीते 2 माह से धमतरी जिले के दर्जन भर स्कूलों में बिजली नहीं है. इनमें से 8 स्कूल तो धमतरी शहर में ही स्थित हैं. धमतरी के गोकुलपुर, जालमपुर, दानिटोला, विंध्यवासिनी वार्ड और उर्दू शाला ने कई सालों से बिजली का बिल जमा नहीं किया था. विंध्यवासिनी वार्ड के प्राइमरी स्कूल ने तो 2012 के बाद से एक बार भी बिल नहीं पटाया था. 10 साल में इस स्कूल का कुल बकाया 17 हजार से ज्यादा का हो चुका है. धमतरी जिला शिक्षा विभाग का कुल बिजली बिल का बकाया 46 लाख रुपये से ज्यादा का हो चुका है. धमतरी के गोकुलपुर स्कूल में ही सरकार की महत्वाकांक्षी पहल वाली आत्मानंद इंग्लिश स्कूल भी चलती है. यहां बीते 2 महीने से बिजली नहीं है. न लाइट जलती है, न पंखे चलते हैं. लेकिन पढ़ाई जरूरी है तो कक्षाएं लग रही है. हमने बच्चों और शिक्षकों से बात की और जाना कि बिना बिजली के किस तरह की दिक्कतें आ रही है.

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धमतरी जिला शिक्षा विभाग ने बताया कि एक स्कूल का एक महीने का बिजली बिल औसतन 400 से 500 के बीच रहता है. सरकार से मिलने वाले आवंटन को समय-समय पर स्कूलों के खाते में जमा कर दिया जाता है. फिर भी अगर बिल नहीं पटाया जा रहा है तो ये उस स्कूल के प्राचार्य या प्रधान पाठक की लापरवाही है. वैसे शिक्षा विभाग ने ये भी बताया कि जो लंबे समय से आवंटन भी नहीं मिला था, अब शासन से कुछ पैसा आया है. जिसे बिजली विभाग में जमा करवा दिया गया है. धमतरी बीईओ डी आर गजेंद्र ने बताया कि ये शायद इतिहास में पहली बार है कि किसी स्कूल की बिजली काटी गई है.

सरकारी विभागों पर 50 करोड़ का बिजली बिल बकाया

धमतरी जिले में कुल 877 प्राथमिक, 445 माध्यमिक, 57 पूर्व माध्यमिक और 111 उच्चतर माध्यमिक स्कूल हैं. धमतरी जिले के सभी सरकारी विभागों के बिजली बिल बकाया पर नजर डालें तो हालात और भी बदतर हैं. सभी सरकारी विभागों ने 50 करोड़ का बिजली बिल नहीं पटाया है. सबसे ज्यादा बकाया पंचायत विभाग का 42 करोड़ का बिल है. इस 42 करोड़ में करीब साढ़े 4 करोड़ नगर पंचायतों का और बाकी ग्राम पंचायतों का बिल बकाया है. अब धमतरी बिजली विभाग वसूली अभियान चला रहा है. विभाग ने बिजली बिल नहीं पटाने वाले 60 ग्राम पंचायतों का कनेक्शन काट दिया था. हालांकि बाद में कुछ हिस्से की अदायगी के बाद वापस कनेक्शन बहाल किया गया. बिजली विभाग का साफ कहना है कि जो बिल नहीं देगा, उसकी बिजली काट दी जाएगी.

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क्यों आ रही कनेक्शन काटने की नौबत?

धमतरी बिजली विभाग बकाया में से कुछ रकम मिलने के बाद कनेक्शन वापस जोड़ रही है लेकिन कोरोना काल के 2 साल को छोड़ दें तो शासन लगातार अपने विभागों को बिजली बिल के लिए आवंटन भेजता रहा है. फिर भी बिल बकाया हो और कनेक्शन काटने की नौबत आ जाए तो यहां मामला जांच का बनता है.

Last Updated : Feb 25, 2022, 8:47 PM IST
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