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Sharadiya Navratri 2022: देवियों का वास है धमतरी - glory of Dhamtari maa Vindhyavasini

Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्र पर धमतरी की मां विंध्यवासिनी और अंगारमोती माता मां की महिमा काफी निराली है. यहां के लोगों को मानना है कि मां उनकी और उनके क्षेत्र की रक्षा निरंतर कर रही है.

Angarmoti Mata on Shardiya Navratri
देवियों का वास है धमतरी
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Published : Oct 2, 2022, 11:45 AM IST

धमतरी: दण्कारण्य का प्रवेशद्धार कहे जाने वाले धमतरी इलाके मे देवी शक्तियों का हमेशा से ही वास रहा है. मां सदियों से अपने भक्तों पर कृपा बरसाने के साथ इलाके की रक्षा भी करते आ रही हैं. शहर की आराध्य देवी कही जाने मां विंध्यवासिनी स्वयंभू मानी जाती है. गंगरेल की हसीनवादियों में विराजमान अंगारमोती माता अपने चमत्कारों से शक्ति का अहसास कराती है. नवरूपों में पूजे जाने जाने वाली ये दोनों देवियां यथा नाम तथा गुण वाली है. glory of Dhamtari maa Vindhyavasini and angarmoti mata

नवरात्र के इस पावन पर्व में लोग माता की भक्ति के रंग मे डूबे हुए है. माता दरबार में हर रोज आस्था का सैलाब उमड़ रहा है. नवरात्र के इस खास मौके पर भक्तों का मेला लग रहा है. देखिए इन देवियों की क्या है किदवंति और इनसे जुड़ी आस्था.

600 साल से विराजी हैं मां अंगारमोती: धमतरी के गगंरेल में विराजित मां अंगारमोती का भव्य दरबार बीते 600 सालों के इतिहास को अपने अन्दर समेटे हुए है. कहा जाता है कि डूबान में आ चुके चवरगांव के बीहड़ मेें जब माता स्वंय प्रकट हुई तो उसने अपने प्रभाव से पूरे इलाके को आलौकित कर दिया. वही ब 1972 मे बांध बनने से पूरा गांव डूब गया तो भक्तों ने नदी के किनारे माता का दरबार बना दिया. तब से इस दरबार मे आस्था की ज्योत जलने का सिलसिला शुरु हुआ जो आज तक जारी है.

धमतरी: दण्कारण्य का प्रवेशद्धार कहे जाने वाले धमतरी इलाके मे देवी शक्तियों का हमेशा से ही वास रहा है. मां सदियों से अपने भक्तों पर कृपा बरसाने के साथ इलाके की रक्षा भी करते आ रही हैं. शहर की आराध्य देवी कही जाने मां विंध्यवासिनी स्वयंभू मानी जाती है. गंगरेल की हसीनवादियों में विराजमान अंगारमोती माता अपने चमत्कारों से शक्ति का अहसास कराती है. नवरूपों में पूजे जाने जाने वाली ये दोनों देवियां यथा नाम तथा गुण वाली है. glory of Dhamtari maa Vindhyavasini and angarmoti mata

नवरात्र के इस पावन पर्व में लोग माता की भक्ति के रंग मे डूबे हुए है. माता दरबार में हर रोज आस्था का सैलाब उमड़ रहा है. नवरात्र के इस खास मौके पर भक्तों का मेला लग रहा है. देखिए इन देवियों की क्या है किदवंति और इनसे जुड़ी आस्था.

600 साल से विराजी हैं मां अंगारमोती: धमतरी के गगंरेल में विराजित मां अंगारमोती का भव्य दरबार बीते 600 सालों के इतिहास को अपने अन्दर समेटे हुए है. कहा जाता है कि डूबान में आ चुके चवरगांव के बीहड़ मेें जब माता स्वंय प्रकट हुई तो उसने अपने प्रभाव से पूरे इलाके को आलौकित कर दिया. वही ब 1972 मे बांध बनने से पूरा गांव डूब गया तो भक्तों ने नदी के किनारे माता का दरबार बना दिया. तब से इस दरबार मे आस्था की ज्योत जलने का सिलसिला शुरु हुआ जो आज तक जारी है.

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