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हवा से बातें करेंगी धमतरी की रुद्राणी, आकाश में भरेंगी उड़ान !

मेहनत और लगन (hard work and dedication) से धमतरी में एक किसान की बेटी (farmer daughter) ने वह कर दिखाया जो हजारों-लाखों का सपना (Dream) होता है. इस बेटी की सफलता (daughter success) के बाद हर कोई कह रहा है कि वाकई बेटियां किसी से कम नहीं. बेटी की इस सफलता से अब न सिर्फ परिवार गौरान्वित (family proud) महसूस कर रहा है बल्कि गांव में भी जश्न का माहौल (Celebration in the village) है और हर कोई बेटी की तारीफ कर रहा है.

Rudrani of Dhamtari will talk to the wind
हवा से बातें करेंगी धमतरी की रुद्राणी
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Published : Sep 21, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 4:48 PM IST

धमतरी: कहते हैं, मंजिले उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ये कहावत चरितार्थ कर दिखाया है धमतरी जिले के एक छोटे से गांव की बेटी ने. अपने परिश्रम (Hard work) से इस बेटी ने वह मुकाम हासिल किया, जिसकी कल्पना (Imagination) परिजनों ने भी नहीं की थी.

रुद्राणी का पायलट के लिए हुआ चयन

जिले के भंवरमरा की रहने वाली रुद्राणी का चयन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (Indira Gandhi National Flying Academy) में हुआ है. यहां प्रशिक्षण (Training) के बाद रुद्राणी पायलट (pilot) बन जाएंगी. रुद्राणी की सफलता न सिर्फ गांव बल्कि जिले सहित प्रदेश के लिए गर्व (Proud) की बात है. ग्राम भंवरमरा निवासी किसान नेक लाल साहू और जिला महिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष (District Mahila Congress Rural President) विद्या देवी साहू की बेटी रुद्राणी साहू की उम्र तकरीबन 19 वर्ष है.

हाल ही में इन्होंने एक परीक्षा (Examination) देकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी फुरसतगंज रायबरेली में प्रवेश पाने में कामयाबी हासिल की है. रुद्राणी 28 सितंबर को फुरसतगंज में पहुंच कर अकादमी ज्वाइन (join academy) करेंगी और तकरीबन डेढ़ साल तक कड़ी मेहनत ट्रेनिंग उन्हें करनी होगी. तब वह सभी प्रकार की विमान, हेलीकॉप्टर (aircraft, helicopter) उड़ा पाएंगी.

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बचपन से था पायलट बनने का सपना
वैसे रुद्राणी धमतरी जिले की पहली ऐसे बेटी हैं जिन्होंने बतौर पायलट के तौर पर यह मुकाम हासिल की है. रुद्राणी साहू की मानें तो जब वह कक्षा दसवीं में थीं तभी से उन्होंने पायलट बनने का सपना देखा था और 12वीं के बाद उन्होंने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि इसके लिए कोचिंग नहीं कीं बल्कि सेल्फ स्टडी (self study) के माध्यम से लिखित परीक्षा दी थीं. वह बताती हैं कि उनके इस प्रयास में परिवार ने भर पूर मदद की.

बेटी पर परिजनों ने भी नहीं थोपा खुद का सपना

रुद्राणी का सपना है कि वह भविष्य में बोइंग विमान उड़ाएं. परिवार का कहना है उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी एक पायलट बनेगी. पिता बेटी को आईएएस (IAS) बनाना चाहता था और उनकी मां उन्हें डॉक्टर (doctor) बनाना चाहती थीं, लेकिन बेटी पायलट बनना चाहती थी. इसलिए पूरे परिवार ने मिल कर उनकी मदद किया और आज बेटी पर फक्र है.

धमतरी: कहते हैं, मंजिले उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ये कहावत चरितार्थ कर दिखाया है धमतरी जिले के एक छोटे से गांव की बेटी ने. अपने परिश्रम (Hard work) से इस बेटी ने वह मुकाम हासिल किया, जिसकी कल्पना (Imagination) परिजनों ने भी नहीं की थी.

रुद्राणी का पायलट के लिए हुआ चयन

जिले के भंवरमरा की रहने वाली रुद्राणी का चयन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (Indira Gandhi National Flying Academy) में हुआ है. यहां प्रशिक्षण (Training) के बाद रुद्राणी पायलट (pilot) बन जाएंगी. रुद्राणी की सफलता न सिर्फ गांव बल्कि जिले सहित प्रदेश के लिए गर्व (Proud) की बात है. ग्राम भंवरमरा निवासी किसान नेक लाल साहू और जिला महिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष (District Mahila Congress Rural President) विद्या देवी साहू की बेटी रुद्राणी साहू की उम्र तकरीबन 19 वर्ष है.

हाल ही में इन्होंने एक परीक्षा (Examination) देकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी फुरसतगंज रायबरेली में प्रवेश पाने में कामयाबी हासिल की है. रुद्राणी 28 सितंबर को फुरसतगंज में पहुंच कर अकादमी ज्वाइन (join academy) करेंगी और तकरीबन डेढ़ साल तक कड़ी मेहनत ट्रेनिंग उन्हें करनी होगी. तब वह सभी प्रकार की विमान, हेलीकॉप्टर (aircraft, helicopter) उड़ा पाएंगी.

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बचपन से था पायलट बनने का सपना
वैसे रुद्राणी धमतरी जिले की पहली ऐसे बेटी हैं जिन्होंने बतौर पायलट के तौर पर यह मुकाम हासिल की है. रुद्राणी साहू की मानें तो जब वह कक्षा दसवीं में थीं तभी से उन्होंने पायलट बनने का सपना देखा था और 12वीं के बाद उन्होंने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि इसके लिए कोचिंग नहीं कीं बल्कि सेल्फ स्टडी (self study) के माध्यम से लिखित परीक्षा दी थीं. वह बताती हैं कि उनके इस प्रयास में परिवार ने भर पूर मदद की.

बेटी पर परिजनों ने भी नहीं थोपा खुद का सपना

रुद्राणी का सपना है कि वह भविष्य में बोइंग विमान उड़ाएं. परिवार का कहना है उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी एक पायलट बनेगी. पिता बेटी को आईएएस (IAS) बनाना चाहता था और उनकी मां उन्हें डॉक्टर (doctor) बनाना चाहती थीं, लेकिन बेटी पायलट बनना चाहती थी. इसलिए पूरे परिवार ने मिल कर उनकी मदद किया और आज बेटी पर फक्र है.

Last Updated : Sep 21, 2021, 4:48 PM IST
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