धमतरी : प्रशासनिक लापरवाही के कारण भूपेश सरकार की कई अहम योजनाएं दम तोड़ रही हैं. ऐसा ही वाक्या धमतरी में देखा जा सकता है. जहां प्रदेश का पहला और इकलौता किसान बाजार अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा( Dhamtari farmers market is in bad shape) है. करोड़ों की लागत से बने इस बाजार में ना तो किसान सब्जी बेचने आते हैं और ना ही प्रशासनिक अधिकारी उसकी सुध लेने पहुंचते है. जिसके कारण आम नागरिकों को खासी दिक्कत हो रही है. वहीं सब्जी खरीदने आए शहरवासी भी मायूस नजर आ रहे हैं. प्रशासनिक अमले की माने तो आने वाले दिनों में किसान बाजार के हालत को सुधारा जाएगा और इसकी देखरेख की समुचित व्यवस्था की जाएगी.
क्यों हुआ बदहाल : दरअसल छग प्रदेश का पहला किसान बाजार अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है, किसानों की बजाए स्थानीय व्यापारी यहां सब्जियां बेच रहे (Traders captured in Dhamtari Farmers Market) हैं. 50 की बैठक संख्या है. लेकिन बमुश्किल 5- 10 व्यापारी ही बैठ रहे हैं. वहां की व्यवस्था को देखकर शहरवासी नाराज हैं. जानकारी के अनुसार लाखों रुपए के कोल्ड स्टोरेज का सामान चोरी हो गया है. बिजली के सारे सामान चोरी हो गए(Goods stolen from Dhamtari farmers market) हैं. अव्यवस्था के कारण किसान बाजार बद से बदतर हो गया है .
कब हुई थी शुरुआत : धमतरी जिले में पूर्व कलेक्टर सीआर प्रसन्ना (Former Collector CR Prasanna) ने छह अप्रैल 2017 को पुरानी कृषि उपज मंडी में प्रदेश का पहला किसान बाजार की शुरुआत की. शुरुआत में इस बाजार को बेहतर रिस्पांस मिला. सुबह से ताजी सब्जी के लिए शहरवासियों की भीड़ लगती थी. अधिकारी-कर्मचारी निरीक्षण और निगरानी करते थे. आसपास गांवों के सब्जी उत्पादक यहां सब्जी बेचने आते थे. इस बाजार की चर्चा प्रदेश तक गूंजी और पूरे प्रदेश में किसान बाजार खोलने का ऐलान भी हुआ था.
कुछ साल में दावों की खुली पोल : धमतरी के अलावा नगर पंचायत कुरुद और आमदी (Nagar Panchayat Kurud and Amdi) में भी किसान बाजार की शुरुआत हुई. बाजार को बेहतर बनाने अधिकारी और नेताओं ने कई दावे किए, लेकिन आज पांच साल से अधिक समय होने के बाद भी कृषि उपज मंडी में संचालित किसान बाजार के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं आया है.
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अब किसका है बाजार पर कब्जा : स्थानीय लोगों ने बताया कि ''वे सब्जी लेने जब किसान बाजार पहुंचे तो यहां की स्थिति बदहाल हो चुकी है.बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है.किसानों की जगह पर स्थानीय कोचियों सब्जी बेच रहे हैं. दो से तीन दिनों पुरानी सब्जी लोगों को बेची जा रही है.