बिलासपुर: शहर में गर्भवती महिलाओं के लिए बने प्रदेश के एकमात्र क्वॉरेंटाइन सेंटर में मरीजों और उनके परिजनों की अनदेखी की शिकायत आ रही है. यहां रहने वाले लोगों ने समय पर दवां और नियमित खानपान नहीं मिलने की बात कही है. महिलाओं ने डॉक्टर के नियमित नहीं आने की बात भी कही है. यहां बाहर से आने वाली गर्भवती महिलाओं को अलग से क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था की गई है.
COVID19 UPDATE: छत्तीसगढ़ में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1662, अब तक 8 की मौत
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गर्भवती महिलाओं के लिए अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जाने के निर्देश दिए थे. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर गर्भवती महिलाओं के लिए प्रदेश का पहला क्वॉरेंटाइन सेंटर बिलासपुर जिले में बनाया गया. बिल्हा क्षेत्र में केसला गांव के इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में गर्भवती महिलाओं की विशेष रुप से देखरेख की जा रही थी. उन्हें स्वच्छता के लिए प्रेरित भी किया जा रहा था. साथ ही जरुरत पड़ने पर इन गर्भवती महिलाओं को पास के शासकीय अस्पताल में भी चेकअप के लिए लेकर जाया जाने लगा. लेकिन सरकार के रोल मॉडल के रुप में विकसित किए जाने वाले इस क्वॉरेंटाइन सेंटर की पोल कुछ ही दिनों में खुल गई और क्वॉरेंटाइन सेंटर में लापरवाही की तस्वीरें सामने आने लगी.
नहीं मिल रही दवाई
यहां वर्तमान में 8 महिलाएं रुकी हुई हैं. महिलाओं के परिजनों ने बताया कि पहले तो सभी सुविधाएं दी जाती थी, लेकिन अब रात डॉक्टर भी चेकअप करने के लिए सेंटर के अंदर नहीं आते हैं. रात को किसी तरह की इमरजेंसी होने पर बाहर गाड़ी की कोई व्यवस्था नहीं है. वहीं महिला ने बताया कि सेंटर में कोई दिक्कत तो नहीं है लेकिन खाना समय पर नहीं मिलता और न ही कोई दवाई मिल रही है.