पेण्ड्रा : छत्तीसगढ़ में पुलिस की कार्यशैली पर कई बार सवाल उठे हैं. ऐसे कई मामले देखे गए हैं जब पीड़ित पक्ष न्याय की आंस में पुलिस के पास जाता है, लेकिन उसे निराशा हाथ लगती है. ताजा मामला पेंड्रा के धोबहर गांव में सामने आया है, जहां छेड़छाड़ की पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों के मुताबिक छेड़खानी के बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी. लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं सुनी. उल्टा आरोपी लगातार उसे शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा था. इससे निराश होकर पीड़िता ने अस्पताल परिसर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
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क्या है पूरा मामला ?
पेण्ड्रा थाना क्षेत्र के धोबहर गांव के हॉस्पिटल में स्वीपर अमित धुर्वे ने बिना शादी के ही गांव में रहने वाली चंपाबाई को अपने साथ रख लिया था. दोनों अस्पताल परिसर में बने एक कमरे में रहते थे. परिजनों की मानें तो अस्पताल का ड्रेसर रुपेंद्र सिंह भदौरिया ने दो दिन पहले ही चंपा बाई के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी. इसके बाद चंपा के कपड़े फट गए थे और किसी तरह से भागकर अपने कमरे तक पहुंची थी. दूसरे दिन चंपा ने मामले की जानकारी थाने में करनी चाही, लेकिन रुपेंद्र सिंह भदौरिया के बेटे और गांव के सरपंच ने उसे पुलिस में शिकायत नहीं करने को कहा.
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इसके बाद भी पीड़िता पुलिस थाने गई लेकिन थाने में पीड़िता की शिकायत नहीं दर्ज की गई. यही नहीं चंपा जिस व्यक्ति अमित के साथ रहती थी, उसकी मां की शिकायत पर पुलिस ने पीड़िता के ही खिलाफ मारपीट और गाली-गलौज का मामला दर्ज कर लिया. इसके बाद से ही पीड़िता मानसिक रूप से परेशान रहने लगी. रविवार सुबह अस्पताल के कर्मियों ने चंपा का शव पेड़ पर लटका देखा और परिवार को जानकारी दी. परिजन अब इस घटना का जिम्मेदार रुपेंद्र सिंह भदौरिया को मान रहे हैं. परिजनों के मुताबिक रुपेंद्र ने ही उनकी बेटी की हत्या करके शव पेड़ से लटका दिया है. फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम करके मामले की जांच शुरु कर दी है.