बिलासपुर : छत्तीसगढ़ बिजली हब है.यहां की सरप्लस बिजली दूसरे राज्यों को दी जाती है.बिजली उत्पादन के साथ डिस्ट्रीब्यूशन के लिए हजारों टावर के माध्यम से बिजली प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों को पहुंचाई जाती है. लेकिन अब इन टावरों पर चोरों की नजर पड़ गई (Tower thief gang active in Bilaspur) है.चोर 132 किलोवाट की लाइन से लोहे के एंगल चोरी कर रहे हैं. टॉवर से एंगल चोरी होने की वजह से टावर कमजोर होकर आंधी-तूफान में गिर जा रहे हैं.
कैसे हो रही है एंगल चोरी : चोर बाकायदा टेंपो, मालवाहक ऑटो और मिनी ट्रक लेकर दिन में टावर तक पहुंचते हैं. इसके बाद आराम से एंगल चोरी करते हैं. आसपास के लोगों के पूछने पर वे स्वयं को बिजली विभाग का कर्मचारी बताते (Angles are taking out thieves by becoming employees in Bilaspur) हैं. खराब एंगल को निकालने की बात कहते हैं. बाद में एंगल को कबाड़ के भाव बेच देते हैं. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा गैंग है जो टावर को निशाना बना रहा हैं. ऐसी जगह में चोरी की जा रही है जहां लोगों का आना जाना कम है.
किन क्षेत्रों में हुई चोरियां - छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSPDCL officials are shocked) के ट्रांसमिशन डीईओ मिथिलेश दुबे ने बताया कि ''ज्यादातर चोरियां जिले की रतनपुर,नेवसा, चकरभाटा, कानन पेंडारी के इलाकों और कई अन्य क्षेत्रों में की जा रही है. इन क्षेत्रों में टावर से निकाले गए एंगल की जगह नए एंगल तो लगा दिए गए हैं, लेकिन कई ऐसे टावर हैं जिनकी पहचान ही नहीं हो पाई है. विभाग इसकी पड़ताल में लगा हुआ है.ताकि बिजली सप्लाई बाधित ना हो.''
पिछले दिनों गिर गया था टावर : 12 मई शाम को आंधी तूफान से बिलासपुर के कानन पेंडारी में बिजली का 90 फीट ऊंचा ईएचटी (अतिउच्चदाब) टावर गिर गया था. इससे रतनपुर,कोटा क्षेत्र समेत लगभग 70 गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई (Angle theft from towers in Chhattisgarh) थी. बिजली विभाग का अमला तुंरत मौके पर पहुंचकर विद्युत सुधार में जुटा. वैकल्पिक व्यवस्था करके कुछ क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल की गई. आपको बता दें कि चकरभाठा से कोटा तक 132 किलोवोल्ट की हाईटेंशन लाइन जाती है. टावर गिरने की जांच में पता चला कि टावर से अत्यधिक एंगल की चोरी कर ली गई थी. जिसकी वजह से टावर कमजोर हो गया था.जिससे आंधी में गिर गया.
जिले में कितने टावर : बिलासपुर और कोरबा जिले में बिजली का उत्पादन अत्यधिक होता है. यहीं से राज्य के साथ ही अन्य प्रदेशों को भी बिजली की सप्लाई की जाती है. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड टावर के माध्यम से दूसरे राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है. बिलासपुर जिले की अगर बात करें तो यहां लगभग 22 सौ टावर है . जिनमे तारों के माध्यम से पावर प्लांट से बिजली ग्रीड तक पहुंचाई जाती है. फिर ग्रीड से जिन राज्यों में भेजना रहता है वहां भेजा जाता है.
टावर से एंगल चोरी का कैसे पता चला : बिलासपुर पुलिस ने ऐसे चोरों को गिरफ्तार किया था जो टावर के एंगल कबाड़ में बेचने जा रहे थे. पूछताछ में चोरों ने बताया कि वे 132 केवी लाइन के टावर से एंगल की चोरी करते हैं. पुलिस ने चोरों से लगभग 10 टन लोहे के एंगल बरामद किए थे. मामले की जानकारी बिजली विभाग को दी थी. विभाग मामले के उजागर होने के बाद सकते में आ गए हैं. इतना खतरनाक होने के बावजूद भी लोग टावर पर चढ़कर लोहे के एंगल की चोरी कर रहे हैं, जिससे जान और माल दोनों को खतरा उत्पन्न हो रहा है.