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गौरेला पेण्ड्रा मारवाही में हाथियों का आतंक, दहशत में कट रही ग्रामीणों की रातें

मरवाही वन मंडल में 1 सप्ताह से अधिक दिनों से 43 हाथियों का दल मौजूद है. वहीं, हाथियों का यह दल जंगलों से निकल कर रात के समय गांव में घुस जा रहा है और जमकर उत्पात मचा रहें है. इन वन मंडल में हाथियों की मौजूदगी (Presence of elephants in forest division) से गांव के ग्रामीण दहशत के बीच रतजगा करने को मजबूर हैं. रात होते ही घर से निकलकर ग्रामीण दूसरों के घरों में रात काटते हैं.

terror of elephants
हाथियों का आतंक
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Published : Dec 10, 2021, 7:13 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 11:54 AM IST

गौरेला पेण्ड्रा मारवाहीः मरवाही वन मंडल (Marwahi Forest Division) में 1 सप्ताह से अधिक दिनों से 43 हाथियों का दल मौजूद है. वहीं, हाथियों का यह दल जंगलों से निकल कर रात के समय गांव में घुस जा रहा है और जमकर उत्पात मचा रहें है. इन हाथियों की मौजूदगी से गांव के लोग दहशत में (Village people in panic) रतजगा करने को मजबूर हैं. रात होते ही घर से निकलकर ग्रामीण दूसरों के घरों में रात काटते हैं.

हाथियों का आतंक

मरवाही वन मंडल भालू लैंड के नाम से मशहूर है. लेकिन बीते कुछ सालों से अब भालू लैंड में भालूओ की आतंक के साथ ही अब हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है. एक सप्ताह पूर्व से 43 हाथियों का दल मरवाही वन मण्डल में डेरा जमाया हुआ है. हाथियों का दल दानिकुंडी नाका गांव में एक सप्ताह तक उत्पात मचाया. जहां कई ग्रामीणों के घरों को तोड़ दिया. वहीं, कई किसानों के फसलों को रौंदा है.

दंतेवाड़ा कोविड टीकाकरण महाअभियान: 144 ग्राम पंचायतों में वैक्सीनेशन

ग्रामीणों का घरों में रहना मुश्किल

हाथियों के झुंड का गुरुवार देर रात पेण्ड्रा के दमदम और मड़ई ग्राम में उत्पात जारी रहा. जहां देर रात जंगल के पास मकान बना कर रह रहे नीलचंद पुरी के घर में घुस गया और घर में रखे अनाज को चट कर दिया. गजराज की मौजूदगी से ग्रामीण रात भर डर के साये में जी रहे हैं. हाथियों को भगाने के लिये आग का सहारा ले रहे हैं. पैरावट में आग लगा कर हाथियों को खदड़ने की मंशा से ग्रामीण जद्दोजहद कर रहे हैं.

दमदम, मड़ई के अलावा दूसरे गांवों से लोग दहशत में जी रहे हैं. वन विभाग अब तक हाथियों को खदेड़ने की दिशा में ठोस रणनीति नहीं बना पा रहा. जमीनी अमला के भरोसे गजराज के उत्पात से राहत पाने में लगा हुआ है. इसके कारण ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति नाराजगी भी देखी जा रही है. ग्रामीण भी अब बोलने लगे है कि कब उन्हें इन हाथियों के उत्पात से छुटकारा मिलेगा.

गौरेला पेण्ड्रा मारवाहीः मरवाही वन मंडल (Marwahi Forest Division) में 1 सप्ताह से अधिक दिनों से 43 हाथियों का दल मौजूद है. वहीं, हाथियों का यह दल जंगलों से निकल कर रात के समय गांव में घुस जा रहा है और जमकर उत्पात मचा रहें है. इन हाथियों की मौजूदगी से गांव के लोग दहशत में (Village people in panic) रतजगा करने को मजबूर हैं. रात होते ही घर से निकलकर ग्रामीण दूसरों के घरों में रात काटते हैं.

हाथियों का आतंक

मरवाही वन मंडल भालू लैंड के नाम से मशहूर है. लेकिन बीते कुछ सालों से अब भालू लैंड में भालूओ की आतंक के साथ ही अब हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है. एक सप्ताह पूर्व से 43 हाथियों का दल मरवाही वन मण्डल में डेरा जमाया हुआ है. हाथियों का दल दानिकुंडी नाका गांव में एक सप्ताह तक उत्पात मचाया. जहां कई ग्रामीणों के घरों को तोड़ दिया. वहीं, कई किसानों के फसलों को रौंदा है.

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ग्रामीणों का घरों में रहना मुश्किल

हाथियों के झुंड का गुरुवार देर रात पेण्ड्रा के दमदम और मड़ई ग्राम में उत्पात जारी रहा. जहां देर रात जंगल के पास मकान बना कर रह रहे नीलचंद पुरी के घर में घुस गया और घर में रखे अनाज को चट कर दिया. गजराज की मौजूदगी से ग्रामीण रात भर डर के साये में जी रहे हैं. हाथियों को भगाने के लिये आग का सहारा ले रहे हैं. पैरावट में आग लगा कर हाथियों को खदड़ने की मंशा से ग्रामीण जद्दोजहद कर रहे हैं.

दमदम, मड़ई के अलावा दूसरे गांवों से लोग दहशत में जी रहे हैं. वन विभाग अब तक हाथियों को खदेड़ने की दिशा में ठोस रणनीति नहीं बना पा रहा. जमीनी अमला के भरोसे गजराज के उत्पात से राहत पाने में लगा हुआ है. इसके कारण ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति नाराजगी भी देखी जा रही है. ग्रामीण भी अब बोलने लगे है कि कब उन्हें इन हाथियों के उत्पात से छुटकारा मिलेगा.

Last Updated : Dec 11, 2021, 11:54 AM IST
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