गौरेला पेण्ड्रा मरवाही: SBI ने बैंकों के द्वारा छोटे लेनदेन करने और बैंकों में भीड़भाड़ कम करने की नीयत से कियोस्क के माध्यम से लेनदेन करने पर जोर दे रही है. लेकिन कियोस्क संचालक द्वारा ही आदिवासियों और कम पढ़े लिखे गरीबों से फर्जीवाड़ा SBI kiosk branch operator committed fraud) करने का मामला सामने आया है. मरवाही में एसबीआई के कियोस्क बैंक संचालक के द्वारा गांव के कम पढ़े लिखे गरीबों के खाते में जमा पैसा फर्जी तरीके से अंगूठा लगवाकर निकाला गया है. मामले का खुलासा होने पर अधिकारी जांच के बाद दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
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दूसरा मामला: कोरोना काल के दौरान अपने पति के मौत के बाद शासन के द्वारा मिले मुआवजा राशि को निकालने के दौरान भी ऐसे धोखाधड़ी किया गया. . शासन से मिले मुआवजा बैंक में जमा किया था. जिसमें पीडित दुइजीबाई और उसके परिजनों ने बताया कि "कोरोना से मौत के बाद शासन द्वारा 50,000 की सहायता राशि प्राप्त हुई थी. जिसे कियोस्क बैंक में जमा कराया था. कुछ दिन बाद 5000रू की जरूरत पड़ी, तो वो राशि आहरण करने कियोस्क बैंक गई थी. संचालक द्वारा अंगूठा लगवा कर ₹5000 दिया गया. जब कुछ दिन के बाद फिर राशि अहरण करने गई, तो पता चला कि खाते में राशि नहीं है. पीड़ित के परिजन पुन्नू लाल ओटॉवी ने दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कियोस्क संचालक के द्वारा लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी किया गया है. बिना खाताधारक की जानकारी के ही उनके खाते से पैसा निकाल लिया गया.
मरवाही एसडीएम ने लिया संज्ञान: माडाकोट गांव की रहने वाली प्रेमवती ने बताया कि "उसके खाते में भी 21000 हज़ार रुपए जमा थे. जिसे कियोस्क संचालक के द्वारा धोखे से निकाल लिया गया. जब पता चला, तो उसने वापस किया. अभी भी पूरा पैसा नहीं दिया गया है. गांब के कुछ अन्य लोगों ने भी पैसा आहरण करने का आरोप लगाया है. मामले में मरवाही एसडीएम देव सिंह उइके ने कहा है कि "मामला गंभीर है. मामले की सूचना उन तक आई है. जिस पर जांच के बाद कार्रवाई किया जाएगा."