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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में राउत नाचा महोत्सव में यदुवंशियों ने जमाए रंग

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में राउत नाचा महोत्सव Raut Nacha Festival in Bilaspur का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों मंडलियां शामिल हुई. नाचा देखकर दर्शक भी काफी आनंदित हुए.

Raut Nacha Festival in Bilaspur
बिलासपुर में राउत नाच महोत्सव
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Published : Nov 28, 2021, 12:27 PM IST

Updated : Nov 28, 2021, 5:23 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में देवउठनी एकादशी के बाद से ही यदुवंशियों का राउत नाचा Raut Nacha Festival in Bilaspur शुरू हो जाता है. बिलासपुर में शनिवार को प्रदेश का सबसे बड़ा राउत नाचा (Raut Nacha) का आयोजन हुआ. जिसमें सैंकड़ों मंडलियों ने राउत नाचा पेश किया. बिलासपुर में पिछले 44 सालों से राउत नाचा महोत्सव (Raut Nacha Festival since 44 years) का आयोजन किया जा रहा है. शहर के शनिचरी बाजार स्थित लालबहादूर शास्त्री स्कूल मैदान में महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों दर्शकों ने राउत नाचा महोत्सव का आनंद उठाया.

बिलासपुर में राउत नाचा महोत्सव

यदुवंशी क्यों करते हैं राउत नाचा
रावत नाचा महोत्सव के संयोजक डॉक्टर कालीचरण यादव ने बताया कि अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार कुछ कथाएं प्रचलित हैं. जिनमें राउत नाचा को लेकर कई तरह की बातें बताई गई है. एक बात यह है कि 'जब फसल कटता है उसके बाद यदुवंशी खुश होकर अच्छे फसल के लिए भगवान का आभार प्रकट करते हैं और आने वाले सालों में उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद भगवान दे ये कामना कर नाचते हैं.

कंस का वध करने के बाद श्री कृष्ण ने किया नृत्य

दूसरी कथा यह भी प्रचलित है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया था. उस समय कंस के शासनकाल में जनता बहुत परेशान थी. वे कंस से बहुत ज्यादा डरते थे. लेकिन जब भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया तो लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि कंस मारा गया और वह अपने घर में दुबके बैठे थे, तब कृष्ण ने अपने साथियों के साथ मिलकर हाथ में लाठी लेकर पूरे नगर में नृत्य करते हुए लोगों को यह बताया कि उन्होंने कंस का वध कर दिया है. इस खुशी में वे और उनके साथी नृत्य कर रहे हैं.

कहानी और कथाएं तो राउत नाच को लेकर बहुत सारी है. लेकिन आज के समय में राउत नाच महोत्सव एक परंपरा के रूप में भी मनाया जाने लगा है. यदुवंशी राउत नाच महोत्सव की तैयारी महीनों से करते हैं और यहां आकर प्रस्तुति देकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं.

ऐसा स्कूल जहां बाल कैबिनेट लेता है फैसला, शिक्षक भी करते हैं पालन

नियमों के साथ राउत नाचा का आयोजन

बिलासपुर के राउत नाच महोत्सव में आसपास की मंडलियों के अलावा जिले के बाहर की मंडलियां भी आकर प्रस्तुति देती हैं. कार्यक्रम में राउत नाच महोत्सव में कुछ नियम है. जैसे मंडली आकर्षक वेशभूषा के साथ अपने नर्तक दल और वाद्य यंत्र साथ लाएंगे. मंडली बड़ी संख्या में नृत्य करेंगे, और इसके अलावा सबसे अच्छी बात यह है कि नर्तक दल में कोई भी शराब का सेवन नहीं करेगा.

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत हुए शामिल

बिलासपुर में शनिवार रात हुए राउत नाचा महोत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत Minister Amarjit Bhagat Chief Guest पहुंचे थे. उन्होंने नाचा का देर रात तक आनंद लिया. समिति के सदस्य दिनेश सीरिया ने बताया कि महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले और प्रथम स्थान पाने वाले सभी मंडलियों को निश्चित इनाम दिया जाता है. साथ ही शील्ड भी प्रदान किया जाता है. कोरोनाकाल के दौरान पिछले साल 50 नर्तक दल आए थे. लेकिन इस बार 100 से भी ज्यादा दलों ने भाग लिया है.

Wedding ceremonies: Raipur के शादी समारोहों में बढ़ा DJ का क्रेज

राउत नाचा महोत्सव देर रात तक चलता रहा और समस्त मंडलिया अपनी प्रस्तुति देते रहे. कोई कृष्ण बनकर आया था तो राधा भी नर्तकों के साथ नाच रही थी. अद्भुत प्रदर्शन के साथ ही पूरे मैदान में नर्तकों के नाचने से आसपास का पूरा माहौल आनंद से भर गया था. सभी राउत नाच महोत्सव का लुत्फ उठाते दिखे.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में देवउठनी एकादशी के बाद से ही यदुवंशियों का राउत नाचा Raut Nacha Festival in Bilaspur शुरू हो जाता है. बिलासपुर में शनिवार को प्रदेश का सबसे बड़ा राउत नाचा (Raut Nacha) का आयोजन हुआ. जिसमें सैंकड़ों मंडलियों ने राउत नाचा पेश किया. बिलासपुर में पिछले 44 सालों से राउत नाचा महोत्सव (Raut Nacha Festival since 44 years) का आयोजन किया जा रहा है. शहर के शनिचरी बाजार स्थित लालबहादूर शास्त्री स्कूल मैदान में महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों दर्शकों ने राउत नाचा महोत्सव का आनंद उठाया.

बिलासपुर में राउत नाचा महोत्सव

यदुवंशी क्यों करते हैं राउत नाचा
रावत नाचा महोत्सव के संयोजक डॉक्टर कालीचरण यादव ने बताया कि अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार कुछ कथाएं प्रचलित हैं. जिनमें राउत नाचा को लेकर कई तरह की बातें बताई गई है. एक बात यह है कि 'जब फसल कटता है उसके बाद यदुवंशी खुश होकर अच्छे फसल के लिए भगवान का आभार प्रकट करते हैं और आने वाले सालों में उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद भगवान दे ये कामना कर नाचते हैं.

कंस का वध करने के बाद श्री कृष्ण ने किया नृत्य

दूसरी कथा यह भी प्रचलित है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया था. उस समय कंस के शासनकाल में जनता बहुत परेशान थी. वे कंस से बहुत ज्यादा डरते थे. लेकिन जब भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया तो लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि कंस मारा गया और वह अपने घर में दुबके बैठे थे, तब कृष्ण ने अपने साथियों के साथ मिलकर हाथ में लाठी लेकर पूरे नगर में नृत्य करते हुए लोगों को यह बताया कि उन्होंने कंस का वध कर दिया है. इस खुशी में वे और उनके साथी नृत्य कर रहे हैं.

कहानी और कथाएं तो राउत नाच को लेकर बहुत सारी है. लेकिन आज के समय में राउत नाच महोत्सव एक परंपरा के रूप में भी मनाया जाने लगा है. यदुवंशी राउत नाच महोत्सव की तैयारी महीनों से करते हैं और यहां आकर प्रस्तुति देकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं.

ऐसा स्कूल जहां बाल कैबिनेट लेता है फैसला, शिक्षक भी करते हैं पालन

नियमों के साथ राउत नाचा का आयोजन

बिलासपुर के राउत नाच महोत्सव में आसपास की मंडलियों के अलावा जिले के बाहर की मंडलियां भी आकर प्रस्तुति देती हैं. कार्यक्रम में राउत नाच महोत्सव में कुछ नियम है. जैसे मंडली आकर्षक वेशभूषा के साथ अपने नर्तक दल और वाद्य यंत्र साथ लाएंगे. मंडली बड़ी संख्या में नृत्य करेंगे, और इसके अलावा सबसे अच्छी बात यह है कि नर्तक दल में कोई भी शराब का सेवन नहीं करेगा.

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत हुए शामिल

बिलासपुर में शनिवार रात हुए राउत नाचा महोत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत Minister Amarjit Bhagat Chief Guest पहुंचे थे. उन्होंने नाचा का देर रात तक आनंद लिया. समिति के सदस्य दिनेश सीरिया ने बताया कि महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले और प्रथम स्थान पाने वाले सभी मंडलियों को निश्चित इनाम दिया जाता है. साथ ही शील्ड भी प्रदान किया जाता है. कोरोनाकाल के दौरान पिछले साल 50 नर्तक दल आए थे. लेकिन इस बार 100 से भी ज्यादा दलों ने भाग लिया है.

Wedding ceremonies: Raipur के शादी समारोहों में बढ़ा DJ का क्रेज

राउत नाचा महोत्सव देर रात तक चलता रहा और समस्त मंडलिया अपनी प्रस्तुति देते रहे. कोई कृष्ण बनकर आया था तो राधा भी नर्तकों के साथ नाच रही थी. अद्भुत प्रदर्शन के साथ ही पूरे मैदान में नर्तकों के नाचने से आसपास का पूरा माहौल आनंद से भर गया था. सभी राउत नाच महोत्सव का लुत्फ उठाते दिखे.

Last Updated : Nov 28, 2021, 5:23 PM IST
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