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बिलासपुर : रतनपुर महामाया मंदिर में नवरात्रि पूजा शुरू, 18 हजार ज्योति कलश स्थापित - रतनपुर महामाया मंदिर में अट्ठारह हजार ज्योति कलश स्थापित

बिलासपुर के रतनपुर महामाया मंदिर में नवरात्रि की विशेष पूजा का शुभारंभ (Navratri Puja started in Bilaspur Ratanpur Mahamaya Temple) हो गया है. इस बार मंदिर समिति ने अट्ठारह हजार मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना की है.

Navratri Puja started in Bilaspur Ratanpur Mahamaya Temple
Navratri Puja started in Bilaspur Ratanpur Mahamaya Temple
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Published : Apr 2, 2022, 3:14 PM IST

बिलासपुर : देवी भक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि शनिवार से प्रारंभ हो गया है. 10 अप्रैल तक चलने वाली नवरात्र के लिए अंचल के सबसे बड़े शक्ति पीठ मंदिर मां महामाया देवी रतनपुर में विशेष तैयारी की गई है. इस बार मंदिर में 18 हजार ज्योति कलश प्रज्वलित हो (Eighteen thousand Jyoti Kalash installed in Ratanpur Mahamaya Temple )रहे हैं. जिसमें से तेल के 14 हजार और घी के 24 सौ की दीये जलाए जा रहे हैं. इसके साथ ही 1600 आजीवन ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं. श्री सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर रतनपुर में शनिवार सुबह 6 बजे मुहूर्त के साथ घट स्थापना की गई. इसके बाद सिद्ध शक्ति पीठ महामाया देवी की पूजा अर्चना (Siddha Shakti Peeth workshiping Mahamaya Devi) की शुरुआत हुई.

जानिये मंदिर की महिमा : श्री सिद्ध शक्ति पीठ महामाया देवी का मंदिर बिलासपुर से 30 किलोमीटर दूर रतनपुर नगरी में है. रतनपुर को तालाबों की नगरी भी कहा जाता है. यहां मां महामाया देवी का मंदिर सदियों से स्थापित है. माता के दरबार में प्रदेश के साथ-साथ देश और विदेश से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां तेल, घी और आजीवन ज्योति कलश की स्थापना की जाती है. यहां पूरे नवरात्रि पर ज्योति कलश प्रज्वलित रहती है. सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर (Siddha Shakti Peeth workshiping Mahamaya Devi) में दर्शन के लिए भक्त रात 12 बजे से ही लाइन लगना शुरू कर दिए थे. लगभग 19 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे, वहीं 8 अप्रैल को सप्तमी तिथि पर माता के दरबार में पूरी रात भक्तों को दर्शन प्राप्त होंगे. इस तिथि में अंचल भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के जयकारे लगाते पैदल ही दर्शन के लिए निकलते हैं.

ये भी पढ़ें - चैत्र नवरात्रि के पहले दिन इस विधि से करे मां शैलपुत्री की पूजा, होंगी मन्नतें पूरी

50 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद : इस बार लगभग 50 हजार से ज्यादा संख्या में दर्शनार्थी पदयात्रा कर पहुंचने की संभावना है. कोरोनाकाल के 2 साल पाबंदियों के बाद चैत्र नवरात्रि पर इस बार उत्सव सा माहौल है. पिछले साल मंदिर समिति ने सीमित संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की थी. इस बार कई पाबंदिया हटते ही भक्तों में दोगुना उत्साह देखा जा रहा है. मंदिर में 18 हजार ज्योति कलश प्रज्जवलित की (Eighteen thousand Jyoti Kalash installed in Ratanpur Mahamaya Templ) गई है. इसी के साथ बिलासपुर अंचल के अन्य देवी मंदिरों में भी नवरात्रि की पूरी तैयारी के साथ पूजा शुरु हो गई है. बिलासपुर जिले में कई मंदिर हैं. जहां महामाया देवी स्थापित है. बीमा नागोई के महामाया मंदिर में 800 ज्योति कलश की स्थापना की गई है. इसी तरह मस्तूरी मल्हार के डिडनेश्वरी मंदिर में 2000 और बिलासपुर के काली मंदिर तिफरा में 1500 ज्योत जलाए गए हैं. इस बार सभी जगह पर ज्योति कलश की संख्या बढ़ी है.

बिलासपुर : देवी भक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि शनिवार से प्रारंभ हो गया है. 10 अप्रैल तक चलने वाली नवरात्र के लिए अंचल के सबसे बड़े शक्ति पीठ मंदिर मां महामाया देवी रतनपुर में विशेष तैयारी की गई है. इस बार मंदिर में 18 हजार ज्योति कलश प्रज्वलित हो (Eighteen thousand Jyoti Kalash installed in Ratanpur Mahamaya Temple )रहे हैं. जिसमें से तेल के 14 हजार और घी के 24 सौ की दीये जलाए जा रहे हैं. इसके साथ ही 1600 आजीवन ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं. श्री सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर रतनपुर में शनिवार सुबह 6 बजे मुहूर्त के साथ घट स्थापना की गई. इसके बाद सिद्ध शक्ति पीठ महामाया देवी की पूजा अर्चना (Siddha Shakti Peeth workshiping Mahamaya Devi) की शुरुआत हुई.

जानिये मंदिर की महिमा : श्री सिद्ध शक्ति पीठ महामाया देवी का मंदिर बिलासपुर से 30 किलोमीटर दूर रतनपुर नगरी में है. रतनपुर को तालाबों की नगरी भी कहा जाता है. यहां मां महामाया देवी का मंदिर सदियों से स्थापित है. माता के दरबार में प्रदेश के साथ-साथ देश और विदेश से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां तेल, घी और आजीवन ज्योति कलश की स्थापना की जाती है. यहां पूरे नवरात्रि पर ज्योति कलश प्रज्वलित रहती है. सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर (Siddha Shakti Peeth workshiping Mahamaya Devi) में दर्शन के लिए भक्त रात 12 बजे से ही लाइन लगना शुरू कर दिए थे. लगभग 19 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे, वहीं 8 अप्रैल को सप्तमी तिथि पर माता के दरबार में पूरी रात भक्तों को दर्शन प्राप्त होंगे. इस तिथि में अंचल भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के जयकारे लगाते पैदल ही दर्शन के लिए निकलते हैं.

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50 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद : इस बार लगभग 50 हजार से ज्यादा संख्या में दर्शनार्थी पदयात्रा कर पहुंचने की संभावना है. कोरोनाकाल के 2 साल पाबंदियों के बाद चैत्र नवरात्रि पर इस बार उत्सव सा माहौल है. पिछले साल मंदिर समिति ने सीमित संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की थी. इस बार कई पाबंदिया हटते ही भक्तों में दोगुना उत्साह देखा जा रहा है. मंदिर में 18 हजार ज्योति कलश प्रज्जवलित की (Eighteen thousand Jyoti Kalash installed in Ratanpur Mahamaya Templ) गई है. इसी के साथ बिलासपुर अंचल के अन्य देवी मंदिरों में भी नवरात्रि की पूरी तैयारी के साथ पूजा शुरु हो गई है. बिलासपुर जिले में कई मंदिर हैं. जहां महामाया देवी स्थापित है. बीमा नागोई के महामाया मंदिर में 800 ज्योति कलश की स्थापना की गई है. इसी तरह मस्तूरी मल्हार के डिडनेश्वरी मंदिर में 2000 और बिलासपुर के काली मंदिर तिफरा में 1500 ज्योत जलाए गए हैं. इस बार सभी जगह पर ज्योति कलश की संख्या बढ़ी है.

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