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नेचर कैंप में लाखों खर्च, लेकिन हालात हैं बदतर - Nature camp ruined by ignoring Marwahi forest department

गौरेला पेंड्रा मरवाही में फॉरेस्ट विभाग का नेचर कैंप अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा (Marwahi nature camp is in bad shape) है.

Marwahi nature camp is in bad shape
नेचर कैंप में लाखों खर्च, लेकिन हालात हैं बदतर
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Published : Jul 12, 2022, 12:51 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिला का मरवाही फॉरेस्ट विभाग का एकमात्र पर्यटन स्थल नेचर कैंप आज अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा (Marwahi nature camp is in bad shape) है. वन विभाग नेचर कैम्प में लाखों रुपए खर्च कर पर्यटकों को लुभाने के लिए तरह तरह की व्यवस्था के दावे तो कर रहे (Nature camp ruined by ignoring Marwahi forest department) है.लेकिन नेचर कैम्प अब खुद रास्ता देख रहा है कि कोई मंत्री या बड़े अधिकारी भ्रमण करने आए और उनकी नजर यहां की बदहाली पर पड़े.

कहां बना है नेचर कैम्प : पूरा मामला मरवाही क्षेत्र के गगनई स्टॉप डेम नेचर कैंप (Marwahi Gaganai Stop Dam Nature Camp) का है. जो अत्यंत सुंदर है. प्रकृति की गोद में सुंदर नजारा पर्यटकों को अपनी और खींच लाती है. यहां पर पर्यटकों के रुकने लिए भी व्यवस्था है. लेकिन वहां पहुंचने का मार्ग जर्जर हो चुका है. रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं. ऐसे में छोटी कार से जाना तो असंभव है. नेचर कैंप इंचार्ज की माने तो हर साल एक से डेढ़ लाख मार्ग की मरम्मत कराने में खर्च किया जाता है.

क्यों खराब होती है सड़क : ऐसे में प्रतीत होता है कि वन विभाग (Marwahi forest department ) पक्की सड़क बनवाना ही नहीं चाहता. क्योंकि हर साल काम होगा तो कमीशन भी हर साल बनेगा. वहीं बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ यहां बगल से लगे डैम पर नाव की भी व्यवस्था की गई थी ताकि पर्यटक नाव में बोटिंग का भी लुफ्त उठा सकें.अप्रैल माह में हुए हादसे के बाद वन विभाग सजग होने के बजाए लाखों रुपया के नाव को कबाड़ बना दिया.

लाखों रुपए के सामान बर्बाद : नेचर कैंप के पास ही लाखों रुपए की लागत से खरीदे गए सभी 5 नाव कबाड़ में बदल गए.जिसकी खरीदी वन अधिकारियों ने बाहर से की थी. लाखों रुपए खर्च किए और उस पैसे का दुरुपयोग हुआ. आज भी ये नाव अनुपयोगी दिखाई दे रहे हैं. हालांकि हादसे के बाद प्रशासन को चाहिए था की डैम के पास सुरक्षाकर्मी और चौकीदार रखें और नाव में घूमने वालों को लाइफ जैकेट के जरिये बोटिंग कराया जाए. जबकि नेचर केम्प में काफी संख्या में लाइफ जैकेट की भी खरीदी की गई है. लेकिन नाव के बंद कर दिए जाने के कारण नाव और लाइफ जैकेट कबाड़ की तरह पड़े हैं. जिसकी कीमत लाखों रुपए में है.

कब सुधरेगी व्यवस्था : बहरहाल अब देखने वाली बात यह होगी कि लाखों रूपए खर्च करके नेचर केम्प को संवारने की पहल तो वह विभाग ने की और सामग्री की भी खरीदी की पर खरीदी किये गए. सामग्री का इस तरफ अनुपयोग शासकीय राशि के दुरुपयोग किये जाना प्रतीत हो रहा है.जब मामले में हमने वन मंडल अधिकारी दिनेश पटेल से बात कि तो उन्होंने बताया कि ''पिछले दिनों वहां पर एक हादसा हो गया था और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. हालांकि आने वाले दिनों में व्यवस्था दुरुस्त करते हुए सभी चीजों को पुनः शुरू करवाने की बात कही है.''

गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिला का मरवाही फॉरेस्ट विभाग का एकमात्र पर्यटन स्थल नेचर कैंप आज अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा (Marwahi nature camp is in bad shape) है. वन विभाग नेचर कैम्प में लाखों रुपए खर्च कर पर्यटकों को लुभाने के लिए तरह तरह की व्यवस्था के दावे तो कर रहे (Nature camp ruined by ignoring Marwahi forest department) है.लेकिन नेचर कैम्प अब खुद रास्ता देख रहा है कि कोई मंत्री या बड़े अधिकारी भ्रमण करने आए और उनकी नजर यहां की बदहाली पर पड़े.

कहां बना है नेचर कैम्प : पूरा मामला मरवाही क्षेत्र के गगनई स्टॉप डेम नेचर कैंप (Marwahi Gaganai Stop Dam Nature Camp) का है. जो अत्यंत सुंदर है. प्रकृति की गोद में सुंदर नजारा पर्यटकों को अपनी और खींच लाती है. यहां पर पर्यटकों के रुकने लिए भी व्यवस्था है. लेकिन वहां पहुंचने का मार्ग जर्जर हो चुका है. रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं. ऐसे में छोटी कार से जाना तो असंभव है. नेचर कैंप इंचार्ज की माने तो हर साल एक से डेढ़ लाख मार्ग की मरम्मत कराने में खर्च किया जाता है.

क्यों खराब होती है सड़क : ऐसे में प्रतीत होता है कि वन विभाग (Marwahi forest department ) पक्की सड़क बनवाना ही नहीं चाहता. क्योंकि हर साल काम होगा तो कमीशन भी हर साल बनेगा. वहीं बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ यहां बगल से लगे डैम पर नाव की भी व्यवस्था की गई थी ताकि पर्यटक नाव में बोटिंग का भी लुफ्त उठा सकें.अप्रैल माह में हुए हादसे के बाद वन विभाग सजग होने के बजाए लाखों रुपया के नाव को कबाड़ बना दिया.

लाखों रुपए के सामान बर्बाद : नेचर कैंप के पास ही लाखों रुपए की लागत से खरीदे गए सभी 5 नाव कबाड़ में बदल गए.जिसकी खरीदी वन अधिकारियों ने बाहर से की थी. लाखों रुपए खर्च किए और उस पैसे का दुरुपयोग हुआ. आज भी ये नाव अनुपयोगी दिखाई दे रहे हैं. हालांकि हादसे के बाद प्रशासन को चाहिए था की डैम के पास सुरक्षाकर्मी और चौकीदार रखें और नाव में घूमने वालों को लाइफ जैकेट के जरिये बोटिंग कराया जाए. जबकि नेचर केम्प में काफी संख्या में लाइफ जैकेट की भी खरीदी की गई है. लेकिन नाव के बंद कर दिए जाने के कारण नाव और लाइफ जैकेट कबाड़ की तरह पड़े हैं. जिसकी कीमत लाखों रुपए में है.

कब सुधरेगी व्यवस्था : बहरहाल अब देखने वाली बात यह होगी कि लाखों रूपए खर्च करके नेचर केम्प को संवारने की पहल तो वह विभाग ने की और सामग्री की भी खरीदी की पर खरीदी किये गए. सामग्री का इस तरफ अनुपयोग शासकीय राशि के दुरुपयोग किये जाना प्रतीत हो रहा है.जब मामले में हमने वन मंडल अधिकारी दिनेश पटेल से बात कि तो उन्होंने बताया कि ''पिछले दिनों वहां पर एक हादसा हो गया था और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. हालांकि आने वाले दिनों में व्यवस्था दुरुस्त करते हुए सभी चीजों को पुनः शुरू करवाने की बात कही है.''

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