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रायपुर एम्स के छात्रों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत - रायपुर एम्स के छात्रों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर एम्स के छात्रों पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत दी है. 14 जून तक किसी भी तरह की कार्यवाही पर कोर्ट ने रोक लगा दी है.

Hearing in Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Jun 11, 2022, 7:29 PM IST

बिलासपुर: AIIMS हॉस्पिटल रायपुर की तरफ से जारी नोटिस के खिलाफ एमबीबीएस के दो छात्रों ने हाइकोर्ट के वेकेशन कोर्ट में याचिका दाखिल की है. छात्रों ने अर्जेंट याचिका पेश की. जिस पर कोर्ट ने छात्रों के याचिका पर अंतरिम राहत दे दी है. वेकेशन जज ने सुनवाई करते AIIMS द्वारा ज़ारी नोटिस के किसी भी कार्यवाई पर 14 जून तक रोक लगा दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 जून को होगी.

रायपुर एम्स के छात्रों की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई: एम्स रायपुर के मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले दो छात्रों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट से अपने भविष्य को सुरक्षित करने गुहार लगाई है. छात्रों ने याचिका में बताया कि MBBS की छात्रा दीप्ति तलरेजा मूलतः पाकिस्तान की है, जिनका वीजा पकिस्तान में सरेंडर हो चुका है, उसके माता पिता को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, और बेटी का आवेदन अभी पेंडिंग है. दूसरा नेपाल निवासी सूरज पुयल है. दोनों याचिकाकर्ता को सेंट्रल पूल कोटे से AIIMS रायपुर की दो सीटें मिलीं. जिसमें दोनों का एडमिशन हो गया और इन्डियन कोटे की फीस भी भर दी गई. इसके बाद AIIMS ने दोनों को नोटिस जारी करते हुए 6 जून तक फॉरेन नेशनल की 75,000 डॉलर यानी 56 - 56 लाख जमा करने को कहा. साथ ही फीस जमा नहीं करने की स्थिति में एडमिशन निरस्त किए जाने का जिक्र किया.

बच्ची के विकास के लिए पिता के साथ दादा दादी को भी मिलने का हक : बिलासपुर हाईकोर्ट

छात्रों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत: इसके खिलाफ याचिका कर्ता MBBS के छात्र - छात्रा ने अधिवक्ता शिखर बख्तियार के माध्यम से अर्जेंट याचिका लगाई. जिसमें कहा गया, कि AIIMS रायपुर के पास एनआरआई कोटा है ही नहीं और वे फॉरेन नेशन की फीस मांग रहे हैं. जिसकी प्रारंभिक सुनवाई पर हाइकोर्ट ने AIIMS से जवाब मांगा था. AIIMS ने 6 जून को अपना जवाब पेश कर दिया है. AIIMS के जवाब के बदले जवाब पेश करने याचिकाकर्ता के वकील ने समय मांगा. साथ ही नोटिस की कार्यवाई पर रोक की मांग की. हाइकोर्ट ने 14 जून तक AIIMS के नोटिस कार्यवाई पर रोक लगा दिया है.


बिलासपुर: AIIMS हॉस्पिटल रायपुर की तरफ से जारी नोटिस के खिलाफ एमबीबीएस के दो छात्रों ने हाइकोर्ट के वेकेशन कोर्ट में याचिका दाखिल की है. छात्रों ने अर्जेंट याचिका पेश की. जिस पर कोर्ट ने छात्रों के याचिका पर अंतरिम राहत दे दी है. वेकेशन जज ने सुनवाई करते AIIMS द्वारा ज़ारी नोटिस के किसी भी कार्यवाई पर 14 जून तक रोक लगा दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 जून को होगी.

रायपुर एम्स के छात्रों की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई: एम्स रायपुर के मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले दो छात्रों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट से अपने भविष्य को सुरक्षित करने गुहार लगाई है. छात्रों ने याचिका में बताया कि MBBS की छात्रा दीप्ति तलरेजा मूलतः पाकिस्तान की है, जिनका वीजा पकिस्तान में सरेंडर हो चुका है, उसके माता पिता को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, और बेटी का आवेदन अभी पेंडिंग है. दूसरा नेपाल निवासी सूरज पुयल है. दोनों याचिकाकर्ता को सेंट्रल पूल कोटे से AIIMS रायपुर की दो सीटें मिलीं. जिसमें दोनों का एडमिशन हो गया और इन्डियन कोटे की फीस भी भर दी गई. इसके बाद AIIMS ने दोनों को नोटिस जारी करते हुए 6 जून तक फॉरेन नेशनल की 75,000 डॉलर यानी 56 - 56 लाख जमा करने को कहा. साथ ही फीस जमा नहीं करने की स्थिति में एडमिशन निरस्त किए जाने का जिक्र किया.

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छात्रों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत: इसके खिलाफ याचिका कर्ता MBBS के छात्र - छात्रा ने अधिवक्ता शिखर बख्तियार के माध्यम से अर्जेंट याचिका लगाई. जिसमें कहा गया, कि AIIMS रायपुर के पास एनआरआई कोटा है ही नहीं और वे फॉरेन नेशन की फीस मांग रहे हैं. जिसकी प्रारंभिक सुनवाई पर हाइकोर्ट ने AIIMS से जवाब मांगा था. AIIMS ने 6 जून को अपना जवाब पेश कर दिया है. AIIMS के जवाब के बदले जवाब पेश करने याचिकाकर्ता के वकील ने समय मांगा. साथ ही नोटिस की कार्यवाई पर रोक की मांग की. हाइकोर्ट ने 14 जून तक AIIMS के नोटिस कार्यवाई पर रोक लगा दिया है.


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