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hanuman jayanti special : भक्तों से ब्याज वसूलने वाले हनुमान की महिमा - byaju Hanuman of Bilaspur

hanuman jayanti special : छत्तीसगढ़ में हनुमान के कई मंदिर हैं. कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनका अपना ही अलग महत्व है. आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताएंगे.

hanuman jayanti special
भक्तों से ब्याज वसूलने वाले हनुमान की महिमा
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Published : Apr 12, 2022, 6:22 AM IST

Updated : Apr 15, 2022, 9:12 PM IST

रायपुर: प्रभु श्रीराम के जन्म के बाद आता है उनके परमभक्त हनुमान का जन्म दिवस. ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वी पर हनुमान ही एकमात्र ऐसे देव हैं जो साक्षात् हैं. जहां कहीं भी राम का गुणगान किया जाता है. वहां हनुमान किसी ना किसी रूप में जरुर मौजूद रहते हैं. छत्तीसगढ़ राम का ननिहाल है. ऐसे में यहां जितनी पूजा राम की होती है. उतनी ही श्रद्धा के साथ हनुमान को भी जगह दी जाती है. आज हम आपको प्रदेश के ऐसे हनुमान के बारे में बताएंगे.जो अपने भक्तों का दुख दूर करते हैं. औऱ भक्त अपने कमाई का एक फीसदी हिस्सा प्रभु को वापस लौटाते हैं.

ब्याजु हनुमान का दरबार : छत्तीसगढ़ की न्यायधानी यानी कि बिलासपुर का अपना अनुपम इतिहास रहा है. लेकिन इस शहर में एक ऐसे देव विराजमान हैं. जिनके यहां भक्तों की कतार हर दिन बढ़ती रहती है. इस स्थान पर हनुमान को लोग ब्याजु हनुमान (byaju Hanuman of Bilaspur ) के नाम से पुकारते हैं. जिस भी भक्त ने अपने आराध्य को सच्चे मन से पुकारा है. वो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटा है. यही वजह है कि काम में सफल होने के बाद भक्त इस मंदिर में वापस आते हैं और चढ़ावे के तौर पर अपनी कमाई का एक फीसदी हिस्सा भगवान को दान देते हैं.

सत्तर साल पुराना है इतिहास : भगवान ‘ब्याजु हनुमान’ जी का दरबार बिलासपुर रेलवे स्टेशन परिसर (Hanuman Mandir of Bilaspur Railway Station) में हैं. भगवान को चढ़ावा चढ़ाने की परंपरा सात दशक पुरानी है. पुराने लोगों की माने तो पहले बिलासपुर व्यापार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था. तभी से लोग अपने व्यापार में सफलता पाने के लिए भगवान को अर्जी लिखकर दे जाते थे. व्यापार में फायदा होने के बाद भक्त वापस इस मंदिर में आते और अपनी कमाई का एक फीसदी हिस्सा बतौर ब्याज भगवान को अर्पण कर देते. तभी से इस मंदिर के भगवान को ब्याजु हनुमान का नाम मिला.

ब्याज की रकम से पुण्य काम : भक्तों से प्राप्त ब्याज की रकम को मंदिर कमेटी गरीबों, असहायों, दीन-दुखियों, बेसहारों और बेघर लोगों की मदद में इस्तेमाल करते हैं. वहीं जिस किसी व्यापारी की आमदनी व्यापार में ज्यादा होती है. वो महीने के मंगलवार या शनिवार को आकर ब्याज की रकम को हनुमान को अर्पण करता है.

ये भी पढ़े- बालोद के भूमिफोड़ हनुमान की महिमा, यहां महाबली हनुमान स्वयं हुए प्रकट !

मन्नत पूरी करते हैं हनुमान : ब्याजु हनुमान से जुड़ी कई कहानियां और कई किस्से है. मंदिर परिसर के पास ही स्टेशन का ऑटो स्टैंड है. जहां के एक ऑटो चालक ने बताया कि कैसे भगवान ने उसकी गरीबी दूर की और जीवन में तरक्की लाई. ऑटो चालक के पास काम धंधा नहीं था. पहले वो बैंक में ऑटो लोन लेने के लिए गया. लेकिन बैंक ने मना कर दिया. इसके बाद उसने मंदिर में आकर अर्जी लगाई.अर्जी लगाने के एक हफ्ते के अंदर ऑटो चालक को लोन मिल गया. आज हनुमान की कृपा से वो खुद दो ऑटो का मालिक है.

रायपुर: प्रभु श्रीराम के जन्म के बाद आता है उनके परमभक्त हनुमान का जन्म दिवस. ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वी पर हनुमान ही एकमात्र ऐसे देव हैं जो साक्षात् हैं. जहां कहीं भी राम का गुणगान किया जाता है. वहां हनुमान किसी ना किसी रूप में जरुर मौजूद रहते हैं. छत्तीसगढ़ राम का ननिहाल है. ऐसे में यहां जितनी पूजा राम की होती है. उतनी ही श्रद्धा के साथ हनुमान को भी जगह दी जाती है. आज हम आपको प्रदेश के ऐसे हनुमान के बारे में बताएंगे.जो अपने भक्तों का दुख दूर करते हैं. औऱ भक्त अपने कमाई का एक फीसदी हिस्सा प्रभु को वापस लौटाते हैं.

ब्याजु हनुमान का दरबार : छत्तीसगढ़ की न्यायधानी यानी कि बिलासपुर का अपना अनुपम इतिहास रहा है. लेकिन इस शहर में एक ऐसे देव विराजमान हैं. जिनके यहां भक्तों की कतार हर दिन बढ़ती रहती है. इस स्थान पर हनुमान को लोग ब्याजु हनुमान (byaju Hanuman of Bilaspur ) के नाम से पुकारते हैं. जिस भी भक्त ने अपने आराध्य को सच्चे मन से पुकारा है. वो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटा है. यही वजह है कि काम में सफल होने के बाद भक्त इस मंदिर में वापस आते हैं और चढ़ावे के तौर पर अपनी कमाई का एक फीसदी हिस्सा भगवान को दान देते हैं.

सत्तर साल पुराना है इतिहास : भगवान ‘ब्याजु हनुमान’ जी का दरबार बिलासपुर रेलवे स्टेशन परिसर (Hanuman Mandir of Bilaspur Railway Station) में हैं. भगवान को चढ़ावा चढ़ाने की परंपरा सात दशक पुरानी है. पुराने लोगों की माने तो पहले बिलासपुर व्यापार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था. तभी से लोग अपने व्यापार में सफलता पाने के लिए भगवान को अर्जी लिखकर दे जाते थे. व्यापार में फायदा होने के बाद भक्त वापस इस मंदिर में आते और अपनी कमाई का एक फीसदी हिस्सा बतौर ब्याज भगवान को अर्पण कर देते. तभी से इस मंदिर के भगवान को ब्याजु हनुमान का नाम मिला.

ब्याज की रकम से पुण्य काम : भक्तों से प्राप्त ब्याज की रकम को मंदिर कमेटी गरीबों, असहायों, दीन-दुखियों, बेसहारों और बेघर लोगों की मदद में इस्तेमाल करते हैं. वहीं जिस किसी व्यापारी की आमदनी व्यापार में ज्यादा होती है. वो महीने के मंगलवार या शनिवार को आकर ब्याज की रकम को हनुमान को अर्पण करता है.

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मन्नत पूरी करते हैं हनुमान : ब्याजु हनुमान से जुड़ी कई कहानियां और कई किस्से है. मंदिर परिसर के पास ही स्टेशन का ऑटो स्टैंड है. जहां के एक ऑटो चालक ने बताया कि कैसे भगवान ने उसकी गरीबी दूर की और जीवन में तरक्की लाई. ऑटो चालक के पास काम धंधा नहीं था. पहले वो बैंक में ऑटो लोन लेने के लिए गया. लेकिन बैंक ने मना कर दिया. इसके बाद उसने मंदिर में आकर अर्जी लगाई.अर्जी लगाने के एक हफ्ते के अंदर ऑटो चालक को लोन मिल गया. आज हनुमान की कृपा से वो खुद दो ऑटो का मालिक है.

Last Updated : Apr 15, 2022, 9:12 PM IST
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