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बिलासपुर एटीआर में चारा पानी का संकट, सड़क क्रॉस करते जानवरों की जा रही जान - अचानकमार टाइगर रिजर्व में भीषण गर्मी

बिलासपुर अचानकमार टाइगर रिजर्व में चारा और पानी की कमी हो गई है. जिसकी वजह से जानवर गांवों की तरफ रुख कर रहे हैं. कई बार ये जानवर रोड क्रॉस करते वक्त अपनी जान से हाथ भी धो (Wildlife of Bilaspur ATR in trouble) बैठते हैं.

Wildlife of Bilaspur ATR in trouble
बिलासपुर एटीआर में चारा पानी का संकट
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Published : Apr 27, 2022, 6:56 PM IST

Updated : Apr 28, 2022, 12:11 AM IST

बिलासपुर : अचानकमार टाइगर रिजर्व में भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी होने (Fodder water crisis in Bilaspur ATR ) लगी है. जिसके कारण अब जंगली जानवर पानी की तलाश में गावों की तरफ आने लगे हैं. जानवर जैसे ही बफर जोन से बाहर निकलते हैं.उनकी जान पर खतरा मंडराने लगता है. शिकारी जानवरों की ताक में तो रहते ही हैं. साथ ही साथ जंगली कुत्ते भी उन्हें घायल कर देते हैं. कई बार जानवर सड़क क्रॉस करते वक्त गाड़ी की चपेट में आ जाते हैं. जिससे उनकी मौत हो रही है.

बिलासपुर एटीआर में पानी का संकट

संकट में बिलासपुर एटीआर के वन्यजीव: वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स की मानें तो बारिश कम होने से जंगल के तालाब, कुएं और बावड़ी सूख चुकी है. अब खाना और पानी की कमी होने से जंगली जानवर गांव की तरफ आ रहे हैं. जिसके कारण ना सिर्फ उनका शिकार बढ़ गया है बल्कि जानवर हादसे का भी शिकार हो (Wildlife of Bilaspur ATR in trouble ) रहे हैं. जंगल में पानी की कमी से मांसाहारी जानवरों से इंसानों को खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में वन विभाग को चाहिए कि गर्मी के मौसम में जंगलों में पानी और चारे की व्यवस्था बनाए.

हो सकता है जानवरों से मनुष्यों का द्वंद : एक्सपर्ट्स के मुताबिक जानवरों को जहां भी पानी और खाना दिखता है, वो चले जाते हैं. ऐसे में जंगल से पानी और चारा भीषण गर्मी के कारण खत्म हो गए हैं. शिकारी जानवर शिकार की तलाश में कई बार जानवरों के साथ गांवों में पहुंच जाते हैं. ऐसे में ये भी मुमकिन है कि आने वाले दिनों में मनुष्य और जानवरों का आमना-सामना होने लगे.


ये भी पढ़ें- एटीआर से रेस्क्यू कर लाए गए मादा बाघ की मौत

बफर और कोर एरिया में पानी की व्यवस्था: टाइगर रिजर्व के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बफर और कोर एरिया में पानी की व्यवस्था की गई है. कोर क्षेत्र में एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार 2/2 के 4 किलोमीटर स्क्वायर के ग्रिड में वन्यजीवों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है. अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन टैंकर के माध्यम से इन ग्रिडों को भरता है. यहां आकर बाघ और अन्य वन्य जीव पानी पीते हैं. इसके साथ ही जहां पानी के प्राकृतिक स्रोत नहीं होते हैं, वहां आर्टिफिशियल वाटर सोलर बनाए गए हैं.

बिलासपुर : अचानकमार टाइगर रिजर्व में भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी होने (Fodder water crisis in Bilaspur ATR ) लगी है. जिसके कारण अब जंगली जानवर पानी की तलाश में गावों की तरफ आने लगे हैं. जानवर जैसे ही बफर जोन से बाहर निकलते हैं.उनकी जान पर खतरा मंडराने लगता है. शिकारी जानवरों की ताक में तो रहते ही हैं. साथ ही साथ जंगली कुत्ते भी उन्हें घायल कर देते हैं. कई बार जानवर सड़क क्रॉस करते वक्त गाड़ी की चपेट में आ जाते हैं. जिससे उनकी मौत हो रही है.

बिलासपुर एटीआर में पानी का संकट

संकट में बिलासपुर एटीआर के वन्यजीव: वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स की मानें तो बारिश कम होने से जंगल के तालाब, कुएं और बावड़ी सूख चुकी है. अब खाना और पानी की कमी होने से जंगली जानवर गांव की तरफ आ रहे हैं. जिसके कारण ना सिर्फ उनका शिकार बढ़ गया है बल्कि जानवर हादसे का भी शिकार हो (Wildlife of Bilaspur ATR in trouble ) रहे हैं. जंगल में पानी की कमी से मांसाहारी जानवरों से इंसानों को खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में वन विभाग को चाहिए कि गर्मी के मौसम में जंगलों में पानी और चारे की व्यवस्था बनाए.

हो सकता है जानवरों से मनुष्यों का द्वंद : एक्सपर्ट्स के मुताबिक जानवरों को जहां भी पानी और खाना दिखता है, वो चले जाते हैं. ऐसे में जंगल से पानी और चारा भीषण गर्मी के कारण खत्म हो गए हैं. शिकारी जानवर शिकार की तलाश में कई बार जानवरों के साथ गांवों में पहुंच जाते हैं. ऐसे में ये भी मुमकिन है कि आने वाले दिनों में मनुष्य और जानवरों का आमना-सामना होने लगे.


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बफर और कोर एरिया में पानी की व्यवस्था: टाइगर रिजर्व के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बफर और कोर एरिया में पानी की व्यवस्था की गई है. कोर क्षेत्र में एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार 2/2 के 4 किलोमीटर स्क्वायर के ग्रिड में वन्यजीवों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है. अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन टैंकर के माध्यम से इन ग्रिडों को भरता है. यहां आकर बाघ और अन्य वन्य जीव पानी पीते हैं. इसके साथ ही जहां पानी के प्राकृतिक स्रोत नहीं होते हैं, वहां आर्टिफिशियल वाटर सोलर बनाए गए हैं.

Last Updated : Apr 28, 2022, 12:11 AM IST
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