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बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में एक और भालू की मौत, महीनेभर में तीन भालुओं की गई जान

female bear dies in Bilaspur Kanan Pendari Zoo: बिलासपुर का कानन पेंडारी जू भालुओं के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है. लगातार यहां भालुओं की मौत हो रही है.

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Published : Mar 25, 2022, 3:21 PM IST

female bear dies in Bilaspur Kanan Pendari Zoo
बिलासपुर कानन पेंडारी जू में मादा भालू की मौत

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू में एक और मादा भालू की मौत हो गई. महीने भर में लगातार तीसरे भालू की मौत हुई है. (female bear dies in Bilaspur Kanan Pendari Zoo ) मादा भालू की मौत की वजह भी संक्रमण बताया जा रहा है. इससे पहले दो नर भालू की मौत कानन में हो चुकी है. तीनों भालू भाई-बहन थे. जिन्हें सूरजपुर से रेस्क्यू कर लाया गया था. 26 फरवरी और 10 मार्च को दो नर भालुओं की मौत हो गई थी. उसके बाद से मादा भालू बीमार थी. मादा भालू का इलाज जू प्रबंधन करवा रहा था.

सूरजपुर से किया गया था भालू शावक का रेस्क्यू: तीनों भालुओं को वन विभाग ने 4 साल पहले सूरजपुर के जंगलों से रेस्क्यू करके बचाया था. तीनों शावक लावारिस स्थिति में वन विभाग की टीम को मिले थे. जिसके बाद इन्हें कानन पेंडारी लाया गया. जहां पिछले 4 साल से ये रह रहे थे. लेकिन महीने भर के अंदर ही तीनों भालुओं की मौत हो गई.

कानन पेंडारी जू : दो भालुओं की मौत के बाद अब मादा भालू बीमार, हालत चिंताजनक

बिलासपुर कानन पेंडारी में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की कमी

कानन जू में वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट की कमी देखी जा रही है. जानवरों के व्यवहार और उनके गतिविधियों पर वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट बेहतर सुझाव देते हैं. वे जानवरों के व्यवहार से जान जाते हैं कि उनका स्वास्थ्य खराब है या नहीं, लेकिन कानन जू में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट नहीं है. इसलिए यहां के कर्मचारियों को यह जानकारी नहीं होती है कि उनकी तबीयत और सुधार किस तरह से किया जाता है. कानन जू में वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट नहीं होने की वजह से कानन जू जंगली जानवरों का कब्रगाह बनता जा रहा है.

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू में एक और मादा भालू की मौत हो गई. महीने भर में लगातार तीसरे भालू की मौत हुई है. (female bear dies in Bilaspur Kanan Pendari Zoo ) मादा भालू की मौत की वजह भी संक्रमण बताया जा रहा है. इससे पहले दो नर भालू की मौत कानन में हो चुकी है. तीनों भालू भाई-बहन थे. जिन्हें सूरजपुर से रेस्क्यू कर लाया गया था. 26 फरवरी और 10 मार्च को दो नर भालुओं की मौत हो गई थी. उसके बाद से मादा भालू बीमार थी. मादा भालू का इलाज जू प्रबंधन करवा रहा था.

सूरजपुर से किया गया था भालू शावक का रेस्क्यू: तीनों भालुओं को वन विभाग ने 4 साल पहले सूरजपुर के जंगलों से रेस्क्यू करके बचाया था. तीनों शावक लावारिस स्थिति में वन विभाग की टीम को मिले थे. जिसके बाद इन्हें कानन पेंडारी लाया गया. जहां पिछले 4 साल से ये रह रहे थे. लेकिन महीने भर के अंदर ही तीनों भालुओं की मौत हो गई.

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बिलासपुर कानन पेंडारी में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की कमी

कानन जू में वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट की कमी देखी जा रही है. जानवरों के व्यवहार और उनके गतिविधियों पर वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट बेहतर सुझाव देते हैं. वे जानवरों के व्यवहार से जान जाते हैं कि उनका स्वास्थ्य खराब है या नहीं, लेकिन कानन जू में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट नहीं है. इसलिए यहां के कर्मचारियों को यह जानकारी नहीं होती है कि उनकी तबीयत और सुधार किस तरह से किया जाता है. कानन जू में वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट नहीं होने की वजह से कानन जू जंगली जानवरों का कब्रगाह बनता जा रहा है.

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