गौरेला पेण्ड्रा मरवाही: जिले के मरवाही विकासखंड के सिवनी गांव में रहने वाली दिव्यांग ज्योति कैवर्त इस्पाइनल की गम्भीर बीमारी से जूझ रही है. दिव्यांग ज्योति कैवर्त और पिता ने शासन प्रशासन से अपने इलाज मे मदद की गुहार (father appealed to government for treatment) लगाई है. परिजन की माली हालत ऐसी नहीं है कि वो अपनी बेटी का इलाज करा सके. उसे सामान्य बच्चों की तरह खुद के पैरो में खड़ा देख सके.
देश का नाम रोशन करना चाहती है ज्योति: घरवालों को जब पता चला कि उनकी बेटी को रीढ़ की हड्डी में समस्या है. जिसके बाद वे अपने स्तर पर अपनी बेटी का इलाज कराने की कोशिश की. पर पर जब डॉक्टरों ने बतलाया कि उनकी बेटी को स्पाइन की गंभीर बीमारी है. उसके कारण ज्योति कैवर्त के रीढ़ की हड्डी टेढ़ी होने लगा है. धीरे धीरे उसे चलने में काफी परेशानी होने लगी है. ज्योति बिना सहारे के एक पग भी नहीं चल पाती है. जिसके कारण उसे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इलाज के लिए 8 लाख की आवश्यकता: ज्योति के पिता शंकर कैवर्त ठेला लगाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. ज्योति की दवाओं का खर्च इतना है कि घर का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है. कमाई दवाओं में ही लग जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि दिव्यांग ज्योति कैवर्त के इलाज में आठ लाख रुपये की आवश्यकता है. लेकिन परिवार की अर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दिव्यांग का इलाज नहीं हो पा रहा है.
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सरकार से मदद की गुहार: बेटी के इलाज के लिए पिता ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. दिव्यांग ज्योति कैवर्त कहती है कि "वह बारहवीं में 72 प्रतिशत अंक लाई है, वह पढ़ लिख कर देश का नाम रौशन करना चाहती है. स्पाइन बीमारी के कारण वह कहीं भी नहीं आ जा सकती है. इसलिए शासन प्रशासन से इलाज के लिए मदद मांगी है. जिससे उसका इलाज हो और वह सामान्य बच्चों की तरह अपने पैरों पर खड़ा होकर चल सके. पूर्व लोकसभा सांसद बंसीलाल महतो ने दिव्यांग ज्योति कैवर्त के इलाज हेतु पत्र व्यवहार किया था. पर आज तक ज्योति को सरकार द्वारा कोई मदद नहीं मिल पाई है. अब देखने वाली बात होगी कि ज्योति के इलाज के लिए कौन और कब मदद करेगा. जिससे वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाए.