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बिलासपुर: बिल्हा रोड पर धूल का अंबार, 3-4 सालों से लोग मास्क लगाने को मजबूर - बिल्हा से बिलासपुर रोड

बिलासपुर के बिल्हा में सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है. बस स्टैंड के पास रहने वाले लोगों को धूल का सामना करना पड़ रहा है.

Dust in the Bilha Bus Stand Road
बिल्हा में रोड जर्जर
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Published : Oct 12, 2020, 2:15 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 2:28 PM IST

बिलासपुर: बिल्हा में सड़कों की हालत खस्ता है. बिल्हा बस स्टैंड के आसपास रहने वाले लोग पिछले तीन-चार साल से मास्क लगाकर घूमने को मजबूर हैं. सड़क की हालत ऐसी है कि हर गुजरती गाड़ियां धूल का अंबार लेकर जाती है. बरसात में तो इन सड़कों की हालत और भी बदतर हो जाती है. कीचड़ की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

रोड पर धूल का अंबार

पढ़ें-बिलासपुर: अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर मनाया गया 'मासिकधर्म जागरूकता अभियान'

बस स्टैंड के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि धूल की वजह से उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. दुकानों में रखे सामान धूल से ढक जाते हैं. दुकानदारों का कहना है कि उन्हें हर थोड़ी देर में दुकान की सफाई करनी पड़ती है. इतनी धूल में दुकान में बैठना भी मुश्किल हो जाता है. लोक निर्माण विभाग से शिकायत करने पर विभाग जर्जर सड़क पर गिट्टी और मिट्टी डालकर खानापूर्ति कर चला जाता है. इससे रास्ते में धूल का गुबार बन जाता है.

अधिकारियों ने भी दिया था निर्देश

रेलवे साइडिंग इस सड़क से जुड़ा हुआ है जहां यातायात का दबाव अधिक है और वाहनों की लंबी कतार से धूल की समस्या हमेशा बनी रहती है. रेलवे साइडिंग को हटाने और सड़क की मरम्मत समेत प्रदूषण रोकने वार्ड के लोगों ने कई बार अधिकारियों से पत्राचार किया है. राज्य के पर्यावरण विभाग ने भी साइडिंग को हटाने के लिए जिला कलेक्टर समेत रेलवे अधिकारियों को भी निर्देश दिया था. मगर मैदानी स्तर पर इसमें कोई अमल नहीं हुआ, इस वजह से वार्डवासी अब डोलोमाइट की धूल फांकने पर मजबूर हैं.

बिलासपुर: बिल्हा में सड़कों की हालत खस्ता है. बिल्हा बस स्टैंड के आसपास रहने वाले लोग पिछले तीन-चार साल से मास्क लगाकर घूमने को मजबूर हैं. सड़क की हालत ऐसी है कि हर गुजरती गाड़ियां धूल का अंबार लेकर जाती है. बरसात में तो इन सड़कों की हालत और भी बदतर हो जाती है. कीचड़ की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

रोड पर धूल का अंबार

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बस स्टैंड के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि धूल की वजह से उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. दुकानों में रखे सामान धूल से ढक जाते हैं. दुकानदारों का कहना है कि उन्हें हर थोड़ी देर में दुकान की सफाई करनी पड़ती है. इतनी धूल में दुकान में बैठना भी मुश्किल हो जाता है. लोक निर्माण विभाग से शिकायत करने पर विभाग जर्जर सड़क पर गिट्टी और मिट्टी डालकर खानापूर्ति कर चला जाता है. इससे रास्ते में धूल का गुबार बन जाता है.

अधिकारियों ने भी दिया था निर्देश

रेलवे साइडिंग इस सड़क से जुड़ा हुआ है जहां यातायात का दबाव अधिक है और वाहनों की लंबी कतार से धूल की समस्या हमेशा बनी रहती है. रेलवे साइडिंग को हटाने और सड़क की मरम्मत समेत प्रदूषण रोकने वार्ड के लोगों ने कई बार अधिकारियों से पत्राचार किया है. राज्य के पर्यावरण विभाग ने भी साइडिंग को हटाने के लिए जिला कलेक्टर समेत रेलवे अधिकारियों को भी निर्देश दिया था. मगर मैदानी स्तर पर इसमें कोई अमल नहीं हुआ, इस वजह से वार्डवासी अब डोलोमाइट की धूल फांकने पर मजबूर हैं.

Last Updated : Oct 12, 2020, 2:28 PM IST
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