गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के दसवें दिन जोगीसार में दशगात्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में मरवाही विधानसभा और आसपास के क्षेत्रों के लोगों सहित समाज के लोग शामिल हुए हैं. दशगात्र का कार्यक्रम आदिवासी समाज के अनुसार आयोजित किया गया है. इस दौरान अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी समेत परिवार के लोगों और समर्थकों ने मुंडन कराया.
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पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद उनके पैतृक गांव जोगीसार में दशगात्र और गंगा पूजन का कार्यक्रम रखा गया है. इसका आयोजन उनके भाइयों की ओर से किया गया है. जिसमें जोगी परिवार के सदस्य भी शामिल हुए हैं. साथ ही इस कार्यक्रम में कंवर समाज के आदिवासियों के जुटने के अलावा जोगी के समर्थक भी मौजूद हैं. आदिवासी समाज में मृत्यु के दसवें दिन भोज का आयोजन किया जाता है. इसके लिए शहर के हाई स्कूल प्रांगण में वॉटर प्रूफ टेंट तैयार किया गया है. यहां मृत्यु भोज का आयोजन किया गया है.
पुलिस बल तैनात
कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा-व्यवस्था के लिए जोगीसार आने वाले सभी मार्ग पर कई स्तर पर बैरिकेडिंग की गई है. यहां पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि लोगों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके. जिले के अधिकारियों ने लॉकडाउन के नियमों का पालन कराए जाने की बात कही है.
नदियों में प्रवाहित की गई थी कब्र की मिट्टी
अजीत जोगी की कब्र की मिट्टी अमरकंटक के अरंडी आश्रम में प्रवाहित की गई थी. अजीत जोगी ने अपनी अंतिम इच्छा उनकी कविता 'वसीयत' में लिखी थी. जिसके अनुसार उनके निधन के बाद उनके कब्र की मिट्टी को इलाके की पवित्र नदियों नर्मदा, सोन, अरपा, बांधा, पीड़ा में प्रवावित करने के साथ-साथ वनों के बीच छोड़ देना लिखा हुआ था.