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बिलासपुर में बढ़े साइबर क्राइम के मामले, कम संसाधन के बाद भी पुलिस ने सुलझाए केस

अपराध को सुलझाने के लिए किसी जमाने में पुलिस मुखबिर के सहारे रहती (Cyber ​​case cases increased in Bilaspur) थी. लेकिन बदलते वक्त ने पुलिस को न सिर्फ हाईटेक किया है बल्कि अपराधियों को सलाखों के पीछे भी पहुंचाया है.

बिलासपुर में बढ़े साइबर केस के मामले
बिलासपुर में बढ़े साइबर केस के मामले
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Published : Mar 31, 2022, 4:09 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 4:58 PM IST

बिलासपुर : छ्त्तीसगढ़ में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. बात करें बिलासपुर की तो अकेले जिले में ऑनलाइन ठगी के मामलों में दो सौ फीसदी इजाफा हुआ (Cyber ​​case cases increased in Bilaspur) है. साइबर केस को सुलझाने क लिए अलग टीम काम करती है. लेकिन ये टीम आज भी 10 साल पुराने सेटअप पर काम कर रही है. वहीं जिन जवानों को कंप्यूटर की जानकारी होती है उनके भरोसे ही सारा सिस्टम रहता है. वहीं दूसरे राज्य जाकर अपराधी को पकड़ने के लिए यही टीम काम करती है. जिले में हर दिन करीब औसतन तीन साइबर ठगी के केस दर्ज होते हैं.

करोड़ों रुपए ठगों ने उड़ाए : साल 2021 में शहर और ग्रामीण मिलाकर 17 थानों में साइबर ठगी के 312 केस दर्ज हुए.लेकिन संसाधनों की कमी के कारण एक तिहाई केस भी हल नहीं हो सके. लोगों की मेहनत की कमाई ठगों के पास चली गई. दो साल के भीतर केवल 33 केसों का खुलासा हुआ. सालभर में लोगों की कमाई का 2.79 करोड़ रुपए ठगों ने उड़ा लिए.बावजूद इसके कम मैन पावर और संसाधनों के साथ साइबर टीम ने कई बड़े अपराधों का खुलासा (Cyber ​​team revealed many big crimes) किया है.

90 फीसदी मामलों में साइबर टीम की मदद : जिले में बढ़ते अपराध की रोकथाम के लिए थानों की पुलिस कमर कस तो लेती है, लेकिन अपराध को डिटेक्ट करने में बहुत ज्यादा मुखबिरों की मदद नहीं मिल पाती . ऐसे में थाना के माध्यम से साइबर टीम की मदद (cyber team support) ली जाती है. साइबर टीम के पास केस पहुंचने पर टीम सबसे पहले घटनास्थल के आसपास सर्विलेंस की मदद से एक्टिव मोबाइल नंबर की जांच करती है. इसके बाद धीरे-धीरे अपराध में शामिल अपराधी और शक के आधार पर काम शुरू करती है.साइबर टीम अपराधी और अपराध को लेकर पूरा साक्ष्य जुटाती है. जिसके बाद ही केस को सुलझाया जाता है.

2 साल में सैंकड़ों साइबर ठगी : पिछले कुछ सालों में साइबर अपराध बेतहासा बढ़े है. एटीएम, बैंक खाता, क्यूआर कोड, नेट बैंकिंग और ओटीपी साइबर ठगी की जाती है. साल 2020 में 95 मामलों में 95 लाख रुपए की ठगी हुई थी. इसी तरह 2021 में 315 साइबर ठगी हुए . जिसमें लोगों ने 2 करोड़ 75 लाख रुपए गवाएं थे. पुलिस ने इन मामलों में कई मामलों को सुलझा लिया है. लेकिन आज भी कई मामले अनसुलझे है. हालांकि कि पुलिस ने पिछले तीन माह में हत्या, डकैती, चोरी, अपहरण जैसे मामलों में साइबर की मदद लेकर केस सुलझाए (solve the case with the help of cyber) हैं .

ठगी के साथ दूसरे केस भी सुलझे : बिलासपुर एसएसपी पारूल माथुर (Bilaspur SSP Parul Mathur) ने बताया कि बिलासपुर पुलिस ने साइबर की मदद से कई मामलों को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. चिटफंड के मामले में ठगों को दूसरे राज्यो में जाकर पकड़ने, नेट बैंकिंग, सायबर लेनदेन के साथ कई फौजदारी के मामले में साइबर की मदद ली गई. जिसके बाद आरोपियों को पकड़ा गया. इसके अलावा पिछले महीने तारबाहर थाना क्षेत्र के नाबालिग के अपहरण और फिर बरामदगी में साइबर की भूमिका अहम रही. इस केस में भी आरोपियों को पकड़ा गया.

ये भी पढ़ें - साइबर मितान जागरूकता अभियान में 40 हजार लोग हुए जागरूक

संसाधन को अपग्रेड करने की जरूरत : बिलासपुर सायबर सेल में संसाधनों की कमी है. एसएसपी का मानना है कि साइबर टीम में और भी अधिक संसाधनों की जरुरत है.क्योंकि जितने भी संसाधन उनके पास है उनकी मदद से पुलिस बेहतर काम कर रही है. यदि आने वाले समय में पुलिस के सिस्टम को अपग्रेड किया जाए. तो कई केस सुलझाने में तेजी आएगी.

बिलासपुर : छ्त्तीसगढ़ में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. बात करें बिलासपुर की तो अकेले जिले में ऑनलाइन ठगी के मामलों में दो सौ फीसदी इजाफा हुआ (Cyber ​​case cases increased in Bilaspur) है. साइबर केस को सुलझाने क लिए अलग टीम काम करती है. लेकिन ये टीम आज भी 10 साल पुराने सेटअप पर काम कर रही है. वहीं जिन जवानों को कंप्यूटर की जानकारी होती है उनके भरोसे ही सारा सिस्टम रहता है. वहीं दूसरे राज्य जाकर अपराधी को पकड़ने के लिए यही टीम काम करती है. जिले में हर दिन करीब औसतन तीन साइबर ठगी के केस दर्ज होते हैं.

करोड़ों रुपए ठगों ने उड़ाए : साल 2021 में शहर और ग्रामीण मिलाकर 17 थानों में साइबर ठगी के 312 केस दर्ज हुए.लेकिन संसाधनों की कमी के कारण एक तिहाई केस भी हल नहीं हो सके. लोगों की मेहनत की कमाई ठगों के पास चली गई. दो साल के भीतर केवल 33 केसों का खुलासा हुआ. सालभर में लोगों की कमाई का 2.79 करोड़ रुपए ठगों ने उड़ा लिए.बावजूद इसके कम मैन पावर और संसाधनों के साथ साइबर टीम ने कई बड़े अपराधों का खुलासा (Cyber ​​team revealed many big crimes) किया है.

90 फीसदी मामलों में साइबर टीम की मदद : जिले में बढ़ते अपराध की रोकथाम के लिए थानों की पुलिस कमर कस तो लेती है, लेकिन अपराध को डिटेक्ट करने में बहुत ज्यादा मुखबिरों की मदद नहीं मिल पाती . ऐसे में थाना के माध्यम से साइबर टीम की मदद (cyber team support) ली जाती है. साइबर टीम के पास केस पहुंचने पर टीम सबसे पहले घटनास्थल के आसपास सर्विलेंस की मदद से एक्टिव मोबाइल नंबर की जांच करती है. इसके बाद धीरे-धीरे अपराध में शामिल अपराधी और शक के आधार पर काम शुरू करती है.साइबर टीम अपराधी और अपराध को लेकर पूरा साक्ष्य जुटाती है. जिसके बाद ही केस को सुलझाया जाता है.

2 साल में सैंकड़ों साइबर ठगी : पिछले कुछ सालों में साइबर अपराध बेतहासा बढ़े है. एटीएम, बैंक खाता, क्यूआर कोड, नेट बैंकिंग और ओटीपी साइबर ठगी की जाती है. साल 2020 में 95 मामलों में 95 लाख रुपए की ठगी हुई थी. इसी तरह 2021 में 315 साइबर ठगी हुए . जिसमें लोगों ने 2 करोड़ 75 लाख रुपए गवाएं थे. पुलिस ने इन मामलों में कई मामलों को सुलझा लिया है. लेकिन आज भी कई मामले अनसुलझे है. हालांकि कि पुलिस ने पिछले तीन माह में हत्या, डकैती, चोरी, अपहरण जैसे मामलों में साइबर की मदद लेकर केस सुलझाए (solve the case with the help of cyber) हैं .

ठगी के साथ दूसरे केस भी सुलझे : बिलासपुर एसएसपी पारूल माथुर (Bilaspur SSP Parul Mathur) ने बताया कि बिलासपुर पुलिस ने साइबर की मदद से कई मामलों को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. चिटफंड के मामले में ठगों को दूसरे राज्यो में जाकर पकड़ने, नेट बैंकिंग, सायबर लेनदेन के साथ कई फौजदारी के मामले में साइबर की मदद ली गई. जिसके बाद आरोपियों को पकड़ा गया. इसके अलावा पिछले महीने तारबाहर थाना क्षेत्र के नाबालिग के अपहरण और फिर बरामदगी में साइबर की भूमिका अहम रही. इस केस में भी आरोपियों को पकड़ा गया.

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संसाधन को अपग्रेड करने की जरूरत : बिलासपुर सायबर सेल में संसाधनों की कमी है. एसएसपी का मानना है कि साइबर टीम में और भी अधिक संसाधनों की जरुरत है.क्योंकि जितने भी संसाधन उनके पास है उनकी मदद से पुलिस बेहतर काम कर रही है. यदि आने वाले समय में पुलिस के सिस्टम को अपग्रेड किया जाए. तो कई केस सुलझाने में तेजी आएगी.

Last Updated : Mar 31, 2022, 4:58 PM IST

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