बिलासपुरः तीन दिन पहले टीएस सिंहदेव के समर्थक पंकज सिंह और उनके परिचित के द्वारा सिम्स मेडिकल कॉलेज में कर्मचारी के साथ किए गए मारपीट (Beating), पंकज सिंह के खिलाफ केस दर्ज होने पर सिटी कोतवाली का घेराव (siege of city kotwali) किए जाने के बाद अब एसपी बिलासपुर दीपक झा सामने आ गए हैं. उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि पीड़ित कर्मचारी के द्वारा शिकायत करने और सीसीटीवी फुटेज में प्रथम दृष्टया पंकज सिंह को दोषी पाए जाने पर केस दर्ज किया गया.
हाई प्रोफाइल (high profile) मामला होने की वजह से एसपी बिलासपुर ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें पीड़ित से लिखित आवेदन मिला था. आवेदन की जांच और अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही वैधानिक कार्रवाई किया गया. पंकज सिंह पर शासकीय कार्य में बाधा डालने, मे डिकल, हॉस्पिटल एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
पुलिस के अनुसार तीन दिन पहले टीएस सिंहदेव के समर्थक पंकज सिंह किसी परिचित का इलाज कराने सिम्स मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. यहां रात के समय मरीज के एमआरआई करना था. एमआरआई करने वाले कर्मचारियों के नहीं होने पर वह बिफर गए. तभी एक कर्मचारी वहां पहुंचा. जिसे पंकज सिंह अपने परिचित मरीज का एमआरआई करने के लिए कहा. तब कर्मचारी ने बताया कि मशीन में टेक्निकल खराबी है, थोड़ा टाइम लगेगा.
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कर्मचारियों ने कर दिया था हड़ताल
फिर मशीन चालू होग. इस बात को लेकर पंकज इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होंने कर्मचारी के साथ मारपीट की. मारपीट से क्षुब्ध होकर सिम्स मेडिकल कॉलेज के पीड़ित कर्मचारी तुलाचंद तांडे ने अपने साथियों को दूसरे दिन इस बात की जानकारी दी और कर्मचारियों ने एमआरआई मशीन बंद कर हड़ताल कर दिया. इस मामले को लेकर पीड़ित कर्मचारी ने कोतवाली थाना में पंकज सिंह के खिलाफ आवेदन दिया. इस आवेदन की 2 दिनों तक पुलिस ने जांच की और आरोपित पंकज सिंह के उपर एफआईआर दर्ज की. इसकी सूचना के बाद पंकज और उनके समर्थक थाना पहुंच गए और इस दौरान थाने में काफी हंगामा किया.