बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मेडिकल छात्रा को राहत दी है. कोर्ट ने इस फैसले में आदेश जारी किया है कि प्राइवेट कॉलेज में एमबीबीएस की 1 सीट बढ़ाकर याचिकाकर्ता को उसमें एडमिशन दिया जाए. डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (director medical education) को यह आदेश कोर्ट ने जारी किया है. मालूम हो कि इसी मामले में एक बार रविवार को कोर्ट खोला गया था और याचिकाकर्ता को राहत दी गई थी.
डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को आदेश : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्राइवेट कॉलेज में एमबीबीएस की 1 सीट बढ़ाकर याचिकाकर्ता को उसमें एडमिशन देने का आदेश जारी किया है. यह आदेश डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (Bilaspur High Court order to DME) को दिया है. याचिकाकर्ता सौम्या साहू ने अधिवक्ता हर्षमंदर रस्तोगी और दीक्षा गौरहा के माध्यम से याचिका दायर की थी. इस याचिका में चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस गौतम चौरड़िया की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की.
क्या है पूरा मामला : याचिकाकर्ता ने संपूर्ण रूप से सभी रजिस्ट्रेशन और फीस की प्रक्रिया पूरी की थी. इसके बाद भी उसे बीडीएस कोर्स से एमबीबीएस कोर्स में अपग्रेड करने की माप अप लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. जब इस बात की जानकारी याचिकाकर्ता को हुई तो वह डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के ऑफिस पहुंची. उसे आश्वासन मिला कि अपनी गलती सुधार कर उसे अगले यानी स्ट्रे राउंड में शामिल करेंगे. लेकिन याचिकाकर्ता का नाम जब स्ट्रे राउंड की लिस्ट में नहीं आया तो इस पर सौम्या साहू ने हाई कोर्ट में रिट याचिका प्रस्तुत की.
हाईकोर्ट ने याचिका को माना सही : हाई कोर्ट ने डीएमई की गलतियों को समझते हुए और याचिकाकर्ता के बिना देर किए हाईकोर्ट पहुंचने को सही मानते हुए नेशनल मेडिकल काउंसिल (national medical council) , डीएमई को यह आदेशित किया है कि उसके लिए एक सीट रिम्स रायपुर कॉलेज में निर्मित की जाए और दो हफ्तों के अंदर याचिकाकर्ता को उसमें एडमिशन दिया जाए.