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पेंड्रा के पंजाब ढाबा केस में आरोपियों को सजा - अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रारोड

Punishment of accused in Pendra Punjab Dhaba case: पंजाब ढाबा केस में ADJ कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए स्वाभिमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सहित 6 आरोपियों को एक साल की सजा सुनाई है. आरोपियों पर आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मारपीट का आरोप था. Additional District and Sessions Judge Pendra road

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Published : Sep 29, 2022, 1:34 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही: पेंड्रा के बहुचर्चित पंजाब ढाबा प्रकरण के आदतन अपराधी हर्ष छाबरिया सहित सभी 6 आरोपियों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रारोड ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है. आरोपियों को सभी धाराओं में जो सजा सुनाई गई है उनके एक साथ चलने के कारण आरोपियों को 1 वर्ष जेल में रहना होगा. आरोपियों को इस मामले में पहले श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी व्यवहार न्यायालय पेंड्रारोड ने अलग-अलग धाराओं में 3 वर्ष की सजा सुनाई थी. आरोपियों ने अपीली न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड में अपील किया था जहां से उन्हें 2 वर्ष की राहत मिली है.Pendra Punjab Dhaba case update

आबकारी विभाग के अधिकारियों से मारपीट का मामला: साल 2012 के बहुचर्चित पंजाब ढाबा का है. जब आबकारी विभाग बिलासपुर का एक दल पेंड्रा के हाई स्कूल के सामने स्थित पंजाब ढाबा के संचालक आदतन अपराधी हर्ष छाबरिया उर्फ हरु द्वारा अवैध रूप से शराब बिक्री किए जाने की शिकायत मिलने पर छापामार कार्रवाई की थी. इस छापामार कार्रवाई के दौरान आबकारी विभाग के अधिकारियों से ढाबा संचालक हर्ष छाबरिया ने मारपीट करते हुए दुर्व्यवहार किया.

6 आरोपियों पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज: मामले में कार्रवाई करते हुए पंजाब ढाबा का संचालक हर्ष छाबरिया, दो कर्मचारी उमाकांत सोनी, मोहन कोटवानी हर्ष के पिता चेतन छाबरिया, चाचा पूरन छाबरिया और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पेंड्रा अध्यक्ष प्रशांत श्रीवास भी आरोपी बनाए गए थे. इस मामले में पेंड्रा पुलिस ने आबकारी विभाग की शिकायत पर अपराध क्रमांक 231 भारतीय दंड विधान की धारा 186 353 332 323 34 एवं 147 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था. जिस पर हर्ष छाबरिया सहित सभी आरोपी लंबे समय तक फरार रहे थे. आरोपियों के लंबे समय तक फरार रहने के कारण न्यायालय के आदेश पर पंजाब ढाबा सील कर दिया गया था. बाद में आरोपियों की क्रमश गिरफ्तारी की गई थी.

देश में सभी महिलाओं को सुरक्षित और कानूनी गर्भपात का अधिकार है- सुप्रीम कोर्ट

इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी असलम खान व्यवहार न्यायालय पेंड्रा रोड ने हर्ष छावरिया छावरिया सहित छह आरोपियों को धारा 147 में 2 साल की सजा और 1000 जुर्माना, धारा 153में 1साल की सजा और 1000 रुपये जुर्माना, धारा 353 में 2 साल की सजा और 1000 जुर्माना, धारा 332 3साल की सजा और 2000 जुर्माना लगाया था. मामला जमानती होने के कारण न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाने के बाद निर्णय के खिलाफ एक माह की अपील अवधि तक जमानत दे दी थी. जिस पर सभी आरोपियों ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड में अपील की थी.

अलग अलग धाराओं में 1 साल की सजा: इसी मामले में बुधवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई. जिसमें पिछली न्यायालय की सजा में संशोधन करते हुए 6 आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 353 में छह छह माह की सजा और धारा 153 में तीन तीन माह की सजा, धारा 147 में छह-छह माह की सजा और धारा 332 में एक-एक माह की सजा निर्धारित करते हुए जेल भेजने का आदेश दिया. सभी धाराओं में मिली सजा के अनुसार आरोपियों को कुल 1 वर्ष कारावास भोगना होगा. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड की अदालत से आरोपियों को सजा देने के बाद सभी आरोपियों को जेल दाखिल कर दिया गया है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही: पेंड्रा के बहुचर्चित पंजाब ढाबा प्रकरण के आदतन अपराधी हर्ष छाबरिया सहित सभी 6 आरोपियों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रारोड ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है. आरोपियों को सभी धाराओं में जो सजा सुनाई गई है उनके एक साथ चलने के कारण आरोपियों को 1 वर्ष जेल में रहना होगा. आरोपियों को इस मामले में पहले श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी व्यवहार न्यायालय पेंड्रारोड ने अलग-अलग धाराओं में 3 वर्ष की सजा सुनाई थी. आरोपियों ने अपीली न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड में अपील किया था जहां से उन्हें 2 वर्ष की राहत मिली है.Pendra Punjab Dhaba case update

आबकारी विभाग के अधिकारियों से मारपीट का मामला: साल 2012 के बहुचर्चित पंजाब ढाबा का है. जब आबकारी विभाग बिलासपुर का एक दल पेंड्रा के हाई स्कूल के सामने स्थित पंजाब ढाबा के संचालक आदतन अपराधी हर्ष छाबरिया उर्फ हरु द्वारा अवैध रूप से शराब बिक्री किए जाने की शिकायत मिलने पर छापामार कार्रवाई की थी. इस छापामार कार्रवाई के दौरान आबकारी विभाग के अधिकारियों से ढाबा संचालक हर्ष छाबरिया ने मारपीट करते हुए दुर्व्यवहार किया.

6 आरोपियों पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज: मामले में कार्रवाई करते हुए पंजाब ढाबा का संचालक हर्ष छाबरिया, दो कर्मचारी उमाकांत सोनी, मोहन कोटवानी हर्ष के पिता चेतन छाबरिया, चाचा पूरन छाबरिया और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पेंड्रा अध्यक्ष प्रशांत श्रीवास भी आरोपी बनाए गए थे. इस मामले में पेंड्रा पुलिस ने आबकारी विभाग की शिकायत पर अपराध क्रमांक 231 भारतीय दंड विधान की धारा 186 353 332 323 34 एवं 147 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था. जिस पर हर्ष छाबरिया सहित सभी आरोपी लंबे समय तक फरार रहे थे. आरोपियों के लंबे समय तक फरार रहने के कारण न्यायालय के आदेश पर पंजाब ढाबा सील कर दिया गया था. बाद में आरोपियों की क्रमश गिरफ्तारी की गई थी.

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इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी असलम खान व्यवहार न्यायालय पेंड्रा रोड ने हर्ष छावरिया छावरिया सहित छह आरोपियों को धारा 147 में 2 साल की सजा और 1000 जुर्माना, धारा 153में 1साल की सजा और 1000 रुपये जुर्माना, धारा 353 में 2 साल की सजा और 1000 जुर्माना, धारा 332 3साल की सजा और 2000 जुर्माना लगाया था. मामला जमानती होने के कारण न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाने के बाद निर्णय के खिलाफ एक माह की अपील अवधि तक जमानत दे दी थी. जिस पर सभी आरोपियों ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड में अपील की थी.

अलग अलग धाराओं में 1 साल की सजा: इसी मामले में बुधवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई. जिसमें पिछली न्यायालय की सजा में संशोधन करते हुए 6 आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 353 में छह छह माह की सजा और धारा 153 में तीन तीन माह की सजा, धारा 147 में छह-छह माह की सजा और धारा 332 में एक-एक माह की सजा निर्धारित करते हुए जेल भेजने का आदेश दिया. सभी धाराओं में मिली सजा के अनुसार आरोपियों को कुल 1 वर्ष कारावास भोगना होगा. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड की अदालत से आरोपियों को सजा देने के बाद सभी आरोपियों को जेल दाखिल कर दिया गया है.

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