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अरपा सौंदर्यीकरण: गोंड़पारा बस्ती से हटाया जा रहा अवैध कब्जा, लोगों ने किया विरोध

बिलासपुर में अरपा नदी के किनारे बसी गोंड़पारा बस्ती से कब्जा हटाने की कार्रवाई की जा रही है. निगम की इस कार्रवाई का स्थानीय निवासी जमकर विरोध कर रहे हैं.

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कब्जा हटाने की कार्रवाई
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Published : Jun 20, 2020, 2:04 PM IST

बिलासपुर: अरपा नदी के किनारे बसी गोंड़पारा बस्ती से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. निगम की टीम कार्रवाई कर रही है. कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा है. गोंड़पारा में तकरीबन 1300 से ज्यादा लोग रहते हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अरपा से आस-पास अतिक्रमण को हटाकर सड़क बनाने की योजना है. इसके लिए सभी मकानों को खाली करवाकर उन्हें अटल आवास के तहत दिए गए मकानों में विस्थापित किया जा रहा है, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.

हटाया जा रहा कब्जा

सूरजपुर: प्ले स्कूल जैसा पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों का इंतजार

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अरपा के दोनों ओर सड़क बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है. स्थानीय लोगों को गोंड़पारा से हटाकर अशोक नगर अटल आवास में विस्थापित करने का काम किया जा रहा. निगम अमले के साथ बड़ी तादात में पुलिस टीम भी मौके पर मौजूद है. इससे पहले चांटापारा बस्ती में 200 से अधिक परिवारों का बसेरा हुआ करता था, जहां से लोगों को हटा दिया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कब्जा हटाने के लिए उन्हें प्रशासन ने नोटिस दिया था, जिसके 48 घंटे बाद ही तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी.

सौंदर्यीकरण के लिए हटाया जा रहा है कब्जा

रिवर व्यू सड़क पार्ट-2 बनाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने अरपा नदी के किनारे का सर्वे कराकर यहां अवैध रूप से बनाई गई झोपड़ी और मकानों को तोड़ने का निर्देश दिया था. अरपा नदी के किनारे से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई. 17 जून को हुई सुनवाई में 54 याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया. कोर्ट ने शासन को बेदखल किए हुए लोगों को नया घर देने का आदेश जारी किया है, साथ ही जहां पर लोगों को शिफ्ट किया गया है उसी जगह पर 30 साल के लिए पट्टा देने का भी आदेश कोर्ट ने दिया है. फैसला देने के बाद सिंगल बेंच ने सभी 54 याचिकाओं को निराकृत कर दिया है.

बिलासपुर: अरपा नदी के किनारे बसी गोंड़पारा बस्ती से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. निगम की टीम कार्रवाई कर रही है. कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा है. गोंड़पारा में तकरीबन 1300 से ज्यादा लोग रहते हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अरपा से आस-पास अतिक्रमण को हटाकर सड़क बनाने की योजना है. इसके लिए सभी मकानों को खाली करवाकर उन्हें अटल आवास के तहत दिए गए मकानों में विस्थापित किया जा रहा है, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.

हटाया जा रहा कब्जा

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अरपा के दोनों ओर सड़क बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है. स्थानीय लोगों को गोंड़पारा से हटाकर अशोक नगर अटल आवास में विस्थापित करने का काम किया जा रहा. निगम अमले के साथ बड़ी तादात में पुलिस टीम भी मौके पर मौजूद है. इससे पहले चांटापारा बस्ती में 200 से अधिक परिवारों का बसेरा हुआ करता था, जहां से लोगों को हटा दिया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कब्जा हटाने के लिए उन्हें प्रशासन ने नोटिस दिया था, जिसके 48 घंटे बाद ही तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी.

सौंदर्यीकरण के लिए हटाया जा रहा है कब्जा

रिवर व्यू सड़क पार्ट-2 बनाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने अरपा नदी के किनारे का सर्वे कराकर यहां अवैध रूप से बनाई गई झोपड़ी और मकानों को तोड़ने का निर्देश दिया था. अरपा नदी के किनारे से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई. 17 जून को हुई सुनवाई में 54 याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया. कोर्ट ने शासन को बेदखल किए हुए लोगों को नया घर देने का आदेश जारी किया है, साथ ही जहां पर लोगों को शिफ्ट किया गया है उसी जगह पर 30 साल के लिए पट्टा देने का भी आदेश कोर्ट ने दिया है. फैसला देने के बाद सिंगल बेंच ने सभी 54 याचिकाओं को निराकृत कर दिया है.

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