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सरगुजा में पेपर बैग डे मनाने का उद्देश्य अब होगा पूरा

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Published : Jul 12, 2022, 11:22 AM IST

Updated : Jul 12, 2022, 2:01 PM IST

paper bag day 2022: सरगुजा में कई महिला समूह सालों से पेपर बैग बना रहे हैं. शुरुआत में लागत कम आने के साथ ही मांग भी थी. लेकिन कोरोना काल के बाद पेपर और ट्रांसपोर्ट महंगा होने से लागत भी बढ़ गई और डिमांड कम हो गई. अब प्लास्टिक बंद होने के बाद महिला समूह को पेपर बैग का बाजार फिर से बढ़ने की उम्मीद है.

world paper bag day 2022
वर्ल्ड पेपर बैग डे 2022

सरगुजा : 12 जुलाई को विश्वभर में पेपर बैग दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन पेपर बैग का उपयोग कम ही देखा जाता रहा है. हालांकि अब सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद पेपर बैग बनाने वालों की उम्मीद जगी है. सरगुजा में लक्ष्मी पेपर बैग महिला समूह को भी प्लास्टिक बंद होने के बाद पेपर बैग की अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है. (world paper bag day 2022 ) यह समूह कई सालों से पेपर बैग बनाने का काम कर रहा है.

वर्ल्ड पेपर बैग डे 2022


पेपर बैग की मांग बढ़ने की उम्मीद: समूह की संस्थापक लक्ष्मी बताती हैं " पेपर बैग की पहले काफी डिमांड थी. लेकिन अब इसकी बिक्री नहीं के बराबर है. इससे रोजगार मिलने के साथ साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है. पेपर बैग आसानी से रिसाइकिल हो जाते हैं. लेकिन पेपर बैग की डिमांड उतनी नहीं है, जितनी प्लास्टिक कैरी बैग्स की है. अब प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद पेपर बैग की मांग बढ़ने की उम्मीद है. इसके लिए लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है."

paper bag day 2022: प्लास्टिक की जगह पेपर बैग का करें यूज

घर में बनाए जा सकते हैं पेपर बैग: पेपर बैग बड़ी ही आसानी से बनाया जा सकता है. आप इसे घर में भी बना सकते हैं. ब्राउन या दूसरे कलर के पेपर बैग आकर्षक दिखते हैं. यदि सस्ते में बनाना है तो घर में लाए जा रहे न्यूज पेपर्स भी इसे बनाया जा सकता है. लक्ष्मी बताती हैं "ब्राउन पेपर बैग 80 रुपये प्रति किलो बेचे जाते हैं जबकि न्यूज पेपर के बैग 50 रुपये किलो बिकते हैं."

2015 से चल रहा है काम: इस काम में ट्रेनिंग देने वाली संस्था सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा (anchal Ojha of Surguja Science Group) बताते हैं " 2015 से हम लोगों ने ट्रेनिंग देकर यह काम शुरू कराया था. 2015 से 2019-20 तक काम अच्छा चल रहा था. बीच में कोरोना के कारण पेपर के दाम बढ़े, ट्रांसपोर्टिंग रेट बढ़ गया. जिससे पेपर बैग बनाने की लागत भी महंगी हो गई. जबकि मशीनों से बनकर आने वाला माल सस्ता हो गया. अभी तो पेपर बैग की डिमांड कम है लेकिन उम्मीद है कि जिस हिसाब से प्लास्टिक बैग बंद किए जा रहे हैं, उससे पेपर बैग बनाने वाले महिला समूहों का व्यवसाय बढ़ेगा और उनको लाभ होगा.''

बंद होना चाहिए पॉलिथीन : बाजार में भी लोग कपड़े के कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहे है. लेकिन उन्होंने पेपर बैग के उपयोग को भी जरूरी माना. लोगों का मानना है कि कपड़ा या पेपर बैग दोनों का उपयोग ठीक है. पॉलीथीन बंद होना चाहिए क्योंकि इससे नुकसान ज्यादा है.

सरगुजा : 12 जुलाई को विश्वभर में पेपर बैग दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन पेपर बैग का उपयोग कम ही देखा जाता रहा है. हालांकि अब सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद पेपर बैग बनाने वालों की उम्मीद जगी है. सरगुजा में लक्ष्मी पेपर बैग महिला समूह को भी प्लास्टिक बंद होने के बाद पेपर बैग की अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है. (world paper bag day 2022 ) यह समूह कई सालों से पेपर बैग बनाने का काम कर रहा है.

वर्ल्ड पेपर बैग डे 2022


पेपर बैग की मांग बढ़ने की उम्मीद: समूह की संस्थापक लक्ष्मी बताती हैं " पेपर बैग की पहले काफी डिमांड थी. लेकिन अब इसकी बिक्री नहीं के बराबर है. इससे रोजगार मिलने के साथ साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है. पेपर बैग आसानी से रिसाइकिल हो जाते हैं. लेकिन पेपर बैग की डिमांड उतनी नहीं है, जितनी प्लास्टिक कैरी बैग्स की है. अब प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद पेपर बैग की मांग बढ़ने की उम्मीद है. इसके लिए लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है."

paper bag day 2022: प्लास्टिक की जगह पेपर बैग का करें यूज

घर में बनाए जा सकते हैं पेपर बैग: पेपर बैग बड़ी ही आसानी से बनाया जा सकता है. आप इसे घर में भी बना सकते हैं. ब्राउन या दूसरे कलर के पेपर बैग आकर्षक दिखते हैं. यदि सस्ते में बनाना है तो घर में लाए जा रहे न्यूज पेपर्स भी इसे बनाया जा सकता है. लक्ष्मी बताती हैं "ब्राउन पेपर बैग 80 रुपये प्रति किलो बेचे जाते हैं जबकि न्यूज पेपर के बैग 50 रुपये किलो बिकते हैं."

2015 से चल रहा है काम: इस काम में ट्रेनिंग देने वाली संस्था सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा (anchal Ojha of Surguja Science Group) बताते हैं " 2015 से हम लोगों ने ट्रेनिंग देकर यह काम शुरू कराया था. 2015 से 2019-20 तक काम अच्छा चल रहा था. बीच में कोरोना के कारण पेपर के दाम बढ़े, ट्रांसपोर्टिंग रेट बढ़ गया. जिससे पेपर बैग बनाने की लागत भी महंगी हो गई. जबकि मशीनों से बनकर आने वाला माल सस्ता हो गया. अभी तो पेपर बैग की डिमांड कम है लेकिन उम्मीद है कि जिस हिसाब से प्लास्टिक बैग बंद किए जा रहे हैं, उससे पेपर बैग बनाने वाले महिला समूहों का व्यवसाय बढ़ेगा और उनको लाभ होगा.''

बंद होना चाहिए पॉलिथीन : बाजार में भी लोग कपड़े के कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहे है. लेकिन उन्होंने पेपर बैग के उपयोग को भी जरूरी माना. लोगों का मानना है कि कपड़ा या पेपर बैग दोनों का उपयोग ठीक है. पॉलीथीन बंद होना चाहिए क्योंकि इससे नुकसान ज्यादा है.

Last Updated : Jul 12, 2022, 2:01 PM IST
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