सरगुजा /बलरामपुर : रूस व यूक्रेन के बीच निर्मित तनाव की स्थिति व युद्ध की संभावना के बीच यूक्रेन में फंसे अंचल के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुसमी के दो छात्रों से जिला प्रशासन ने बात की है. छात्रों ने फिलहाल यूक्रेन में हालात सामान्य रहने व नियमित रूप से पढ़ाई जारी रहने की बात कही है. बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं. लेकिन युद्ध की संभावना के बीच दहशत में आए परिजन बच्चों को वापस बुलाना चाहते हैं. ऐसे में प्रशासन ने बच्चों को विदेश मंत्रालय से बात कर सारी जानकरी उपलब्ध करा दी है. 21 फरवरी के बाद हवाई सेवा शुरू होते ही छात्रों को वापस भारत लौटने का विकल्प भी दिया गया है.
यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के लोग (People of Chhattisgarh trapped in Ukraine)
रूस व यूक्रेन के बीच विवाद गहराने व युद्द जैसी स्थिति निर्मित होने से यूक्रेन में रहकर पढ़ाई व नौकरी करने वाले भारतीयों के परिजन की चिंता बढ़ गई है. यूक्रेन में छत्तीसगढ़ के लोग भी फंसे हुए है. इनमें बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सामरी निवासी रविकांत मैत्री व सुभाशीष मिश्रा भी शामिल है. रविकांत मैत्री 2019 से यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं जबकि सुभाशीष मिश्रा बीते अक्टूबर माह को ही एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए थे. अब युद्ध के हालात बनने के बाद परिजन की चिंता बढ़ गई है. उन्होंने अपने बच्चों की सकुशल घर वापसी की गुहार राज्य व केंद्र सरकार से लगाई थी. इस बीच यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर कलेक्टर कुंदन कुमार ने बच्चों, परिवार व प्रशासन के बीच संपर्क साधने के लिए एडिशनल कलेक्टर श्याम सिंह पैकरा को नियुक्त किया था. जिसके बाद लगातार प्रशासन बच्चों के परिजन के सम्पर्क में था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बढ़ते तनाव के बीच पुतिन को बातचीत का प्रस्ताव दिया
शुक्रवार की रात कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर एडिशनल कलेक्टर, एसडीएम ने यूक्रेन में फंसे दोनों बच्चों से बात की है. प्रशासन के अनुसार बच्चों का कहना है कि फिलहाल यूक्रेन में हालात सामान्य है और वे कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. वे कॉलेज की पढ़ाई फिलहाल निरंतर जारी रखना चाहते है. लेकिन परिजन यद्ध की संभावनाओं को देखते हुए अपने बच्चों को घर बुलाना चाहते है. ऐसे में कलेक्टर ने बीती रात ही भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी से बात करने के साथ ही बच्चों की डीटेल भी दी. प्रशासन के अनुसार भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन के लिए 21 फरवरी के बाद एयर इण्डिया की फ्लाइट शुरू हो रही है. इसका किराया भी 50 से 60 हजार के बीच है. ऐसे में यदि बच्चे वापस लौटना चाहते तो वे विदेश मंत्रालय से सीधे सम्पर्क कर लौट सकते हैं. बताया जा रहा है कि गुरुवार को किए गए सम्पर्क के दौरान यह बात भी सामने आई थी कि छात्रों के कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर वापस आने पर कॉलेज प्रबंधन प्रतिदिन 15 सौ रुपये का फाइन लगाएगा. ऐसे में बच्चे भी असमंजस में है.
बच्चों से हुई है बात : कलेक्टर
इस मामले मे बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि 'शुक्रवार की रात एडिशनल कलेक्टर व एसडीएम की यूक्रेन में बच्चों से बात हुई है. बच्चों के अनुसार फिलहाल वहां हालात सामान्य है. बच्चे भी पढ़ाई जारी रखना चाहते है. जबकि परिजन बच्चों को वापस लाना चाहते है. हमने विदेश मंत्रालय को वस्तुस्थिति से अवगत कराने के साथ ही डिटेल्स उपलब्ध करा दिए गए है'.