जशपुर : प्रकृति की उपासना का महोत्सव सरहुल पूजा शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच धूमधाम से मनाया (Sarhul Puja celebrated with pomp in Jashpur) गया. सरना माता, उमापति महादेव , जय श्रीराम और भारत माता के जयकारे के बीच ढोल,मांदर और झांझर के साथ लोक गीतों पर झूमते हुए श्रद्वालुओं की शोभा यात्रा आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रही. डीपू बगीचा में आयोजित सरहुल पूजा में श्रद्वालुओं ने सरना माता का आशीर्वाद और प्रसाद ग्रहण (Sarna Mata blessings and offerings received) किया. यहीं पर आयोजित धार्मिक सभा में वक्ताओं ने जनजातीय समुदाय को पीढ़ियों से चली आ रही परम्परा से भटकाने की कोशिश पर गहरी चिंता जाहिर की. सभा में षड्यंत्रकारियों से सचेत रहने की अपील की गई.
पारंपरिक वेशभूषा में आए ग्रामीण : सरहुल सरना पूजा आयोजन समिति द्वारा घोषित कार्यक्रम के मुताबिक शहर के आसपास के ग्रामीण अंचल से शोभा यात्रा में शामिल होने के लिए लोगों के जुटने का क्रम सुबह से शुरू हो गया था. जशपुर के जिला चिकित्सालय के पास स्थित वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांगण से दोपहर लगभग 1 बजे शोभायात्रा शुरू हुई. गांवों से पारंपरिक परिधान में सजकर और ढोल मांदर के साथ पूजा में पहुंचे. शोभा यात्रा जिला चिकित्सालय होते हुए देवी मंदिर प्रांगण में पहुंची. यहां शोभा यात्रा कुछ मिनट के लिए ठहरी. ढोल और नगाड़ों के साथ श्रद्वालुओं ने जयकारे लगाकर माता का अभिवादन(Sarna Mata blessings and offerings received) किया. इसके बाद रैली आगे बढ़ी. यहां से महाराजा चौक,सन्ना रोड में स्थित बजरंग बली मंदिर होते हुए शोभा यात्रा बिरसा मुंडा चौक होते हुए डीपू बगीचा पहुंची. यहां श्रद्वालुओं ने सरना माता की पूजा अर्चना करने के साथ ही जिले भर से आए बैगाओं से आशीर्वाद लिया. इसके साथ ही शोभा यात्रा धार्मिक सभा में तब्दील हो गई.
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धार्मिक सभा में बदली शोभा यात्रा : धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय (State President of Bharatiya Janata Party Vishnudev Sai) ने जिले में धर्मांतरण की बढ़ती हुई घटना पर चिंता जाहिर की. उन्होनें कहा कि जशपुर के दिवंगत कुमार दिलीप सिंह जूदेव की कर्मभूमि है. उन्होंने घर वापसी अभियान के माध्यम से देश के साथ विदेश का ध्यान भी धर्मांतरण की ओर खींचा. अब वह समय आ गया है कि हिंदू समाज को तोड़ने के लिए रची जा रही साजिश को हम सब समझें और उसे एकजुट होकर विफल करें. वहीं पूर्व राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव (Former Rajya Sabha MP Rannvijay Singh Judev) ने कहा कि बांग्लादेशियों की घुसपैठ से स्थिति बिगड़ रही है. यदि अभी इस समस्या से नहीं निपटा गया तो आने वाले समय में स्थिति भयानक होगी. पूर्व मंत्री गणेश राम भगत (Former Minister Ganesh Ram Bhagat) ने अपने ही अंदाज में सरहुल पूजा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जनजातिय समाज की सैकड़ों सालों से चली आ रही परम्परा से हमें कोई नहीं डिगा सकता. सरहुल पूजा भगवान महादेव और माता पार्वती द्वारा सृष्टि की नवसंरचना का महाउत्सव है. यह हम सबके लिए उत्साह और त्यौहार मनाने का समय है. हम सबको मिल जुल कर इसे मनाना चाहिए.