सरगुजा: कोरोना महामारी की वजह से हुए दूसरे चरण के लॉकडाउन के बाद बार-बार केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी हो रही एडवाइजरी ने लोगों को भ्रम में डाल दिया है. अलग-अलग तरह की खबरों और भाषायी अस्पष्टता की वजह से सरगुजा में कुछ लोगों को ऐसा लगा कि बीते 3-4 दिनों से लॉकडाउन में राहत दी गई है, लिहाजा कुछ लोगों ने अपनी दुकानें खोल दीं. जिसके बाद एसडीएम सड़क पर निकले और उन्होंने 6 दुकानों को सील किया, तब जाकर व्यवसायियों को समझ में आया कि सबकुछ सामान्य नहीं है.
इस बीच सड़कों पर भीड़भाड़ देखी जा रही थी. जिन दुकानों को नेशनल हाईवे पर खोलने की अनुमति मिली है, वे नगर निगम की सीमा में दुकान खोलकर बैठे थे.
लगातार स्थानीय व्यवसायियों और लोगों में आसपास के जिलों में जारी आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही थी, लिहाजा ETV भारत ने सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर से एक बार फिर स्पष्ट रूप से यह जाना कि क्या सरगुजा में भी इस तरह की कोई छूट उन्होंने अपने विशेषाधिकार के तहत दी है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि 'बिल्कुल नहीं, सरगुजा के आम लोग और व्यवसायी स्पष्ट रूप से ये समझ लें कि दूसरे चरण की जो एडवायजरी जारी हुई थी, उसमें अति आवश्यक सेवाएं शुरू की गई थीं, अब भी सिर्फ वहीं सेवाएं जारी हैं. भारत सरकार और छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से जारी लॉकडाउन के पालन की एडवायजरी ही सरगुजा में लागू है, किसी भी तरह की अन्य छूट नहीं दी गई है'.
'लॉकडाउन उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई'
कलेक्टर सारांश मित्तर ने चेतावनी देते हुए कहा कि अफवाहों में आकर अगर कोई लॉकडाउन का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो ऐसे लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगीे'. उन्होंने कहा कि कोई भी प्राइवेट स्कूल लॉकडाउन अवधि की फीस नहीं वसूल कर सकता है, इसके लिए शासन के निर्देश हैं, स्कूलों से लिखित में लिया गया है कि वो लॉकडाउन अवधि की फीस नहीं लेंगे, लेकिन अगर कोई स्कूल ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी'.