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सरगुजा में नरवा गरुवा घुरुवा बाड़ी योजना ने बदली जिंदगियां, अब गांव में ही आमदनी, रुक गया पलायन - Gathan got self reliance in Surguja

छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरुवा घुरुवा और बाड़ी से अब गांवों की सूरत बदलने (Narva Garva Ghurva Bari scheme changed lives in Surguja) लगी है.

Narva Garva Ghurva Bari scheme changed lives in Surguja
सरगुजा में नरवा गरुवा घुरुवा बाड़ी योजना ने बदली जिंदगियां
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Published : May 10, 2022, 1:29 PM IST

Updated : May 10, 2022, 6:41 PM IST

सरगुजा : प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी की शुरुआत के बाद कई तरह से सवाल इसकी उपयोगिता पर उठ रहे थे. लेकिन इस योजना के व्यापक स्वरूप ने ग्रामीण क्षेत्रों की दशा बदली है. सरगुजा में इस योजना से जुड़कर ग्रामीण समृद्ध हो रहे हैं. गौठानो में संचालित अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. ऐसी कई महिलाएं हैं जो गांव में घर के काम तक ही सीमित थी. लेकिन गौठानों ने महिलाओं को आत्मनिर्भर (Gathan got self reliance in Surguja) बनाया है.

सरगुजा में बदल रही महिलाओं की जिंदगी

गोबर बेचकर खरीदी स्कूटी : इस योजना की पड़ताल करते हुए ईटीवी भारत की टीम ने गौठानों का दौरा किया.जिसमे लुंड्रा विधानसभा के मोहनपुर गांव में एक ऐसी महिला शर्मिला मिली. जिसने गोबर बेचकर स्कूटी खरीदी है. यही नहीं महिला ने गोबर से मिली आय से सिलाई का सामान भी खरीदा है. जिससे वो दोहरी आमदनी कर रही है. महिला की माने तो सीएम भूपेश बघेल की योजना काबिले तारीफ है.क्योंकि अब गांव में किसी को भी काम की तलाश में शहर में नहीं भटकना पड़ता.

सरगुजा में योजना का असर : सरगुजा जिले में भी 305 गौठान बनाये गए हैं. जिनमे 211 गौठान में शब्जी उत्पादन, 35 में मशरूम उत्पादन, 47 में बकरी पालन, 5 में बतख पालन, 106 में मछली पालन हो रहा है. वहीं 305 गौठानों में से 200 गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर बने हैं. इनमें कर रही स्वयं सहायता समूहों की संख्या 302 है. महिला स्वसहायता समूहों मे सदस्यों की संख्या 1513 के करीब है. जिले में इन गौठानों के जरिए 1790 लोगों को रोजगार मिला है. इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख 63 हजार 6 सौ रुपए स्वयं सहायता समूहों को उनकी कमाई का हिस्सा दिया गया . जिससे औसतन प्रति व्यक्ति मासिक आय 5230 आंकी गई है.हालांकि ये आमदनी फिक्स नहीं है क्योंकि कई गौठानों ने महिलाओं ने इससे भी ज्यादा की बिक्री की है.

ये भी पढ़ें - सात समंदर पार गौठान की चर्चा, अमेरिका से सरगुजा आए शख्स ने की तारीफ

गांव वाले ब्रांड का चिप्स : गांव वाला ब्रांड के नाम से सरगुजा में महिलाएं आलू चिप्स पैक करके बेच (Surguja Gaon Wala Potato Chips) रही हैं. इस आलू चिप्स से बड़े ब्रांड को टक्कर मिल रही हैं .ग्रामीण आमदनी के लिये किए गए प्रयासों में मुख्य रूप से 10 प्रसंस्करण इकाई प्रस्तावित हैं जिनमे से 7 प्रसंस्करण इकाई में काम शुरू है. 3 तेल मील, 1 दाल मील, 1 आटा मील, और 5 अन्य एक्टिविटी प्रस्तावित हैं. इनमें 2 तेल मील, 1 दाल मील, और 4 अन्य इकाई स्थापित कर दी गई हैं. इसके अलावा जिले में 8 स्थानों गुलाल बनाने की यूनिट और 2 स्थानों पर पेंट बनाने की यूनिट प्रस्तावित है. जल्द ही इनमें भी काम कर लोग रोजगार से जुड़ सकेंगे.

सरगुजा : प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी की शुरुआत के बाद कई तरह से सवाल इसकी उपयोगिता पर उठ रहे थे. लेकिन इस योजना के व्यापक स्वरूप ने ग्रामीण क्षेत्रों की दशा बदली है. सरगुजा में इस योजना से जुड़कर ग्रामीण समृद्ध हो रहे हैं. गौठानो में संचालित अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. ऐसी कई महिलाएं हैं जो गांव में घर के काम तक ही सीमित थी. लेकिन गौठानों ने महिलाओं को आत्मनिर्भर (Gathan got self reliance in Surguja) बनाया है.

सरगुजा में बदल रही महिलाओं की जिंदगी

गोबर बेचकर खरीदी स्कूटी : इस योजना की पड़ताल करते हुए ईटीवी भारत की टीम ने गौठानों का दौरा किया.जिसमे लुंड्रा विधानसभा के मोहनपुर गांव में एक ऐसी महिला शर्मिला मिली. जिसने गोबर बेचकर स्कूटी खरीदी है. यही नहीं महिला ने गोबर से मिली आय से सिलाई का सामान भी खरीदा है. जिससे वो दोहरी आमदनी कर रही है. महिला की माने तो सीएम भूपेश बघेल की योजना काबिले तारीफ है.क्योंकि अब गांव में किसी को भी काम की तलाश में शहर में नहीं भटकना पड़ता.

सरगुजा में योजना का असर : सरगुजा जिले में भी 305 गौठान बनाये गए हैं. जिनमे 211 गौठान में शब्जी उत्पादन, 35 में मशरूम उत्पादन, 47 में बकरी पालन, 5 में बतख पालन, 106 में मछली पालन हो रहा है. वहीं 305 गौठानों में से 200 गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर बने हैं. इनमें कर रही स्वयं सहायता समूहों की संख्या 302 है. महिला स्वसहायता समूहों मे सदस्यों की संख्या 1513 के करीब है. जिले में इन गौठानों के जरिए 1790 लोगों को रोजगार मिला है. इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख 63 हजार 6 सौ रुपए स्वयं सहायता समूहों को उनकी कमाई का हिस्सा दिया गया . जिससे औसतन प्रति व्यक्ति मासिक आय 5230 आंकी गई है.हालांकि ये आमदनी फिक्स नहीं है क्योंकि कई गौठानों ने महिलाओं ने इससे भी ज्यादा की बिक्री की है.

ये भी पढ़ें - सात समंदर पार गौठान की चर्चा, अमेरिका से सरगुजा आए शख्स ने की तारीफ

गांव वाले ब्रांड का चिप्स : गांव वाला ब्रांड के नाम से सरगुजा में महिलाएं आलू चिप्स पैक करके बेच (Surguja Gaon Wala Potato Chips) रही हैं. इस आलू चिप्स से बड़े ब्रांड को टक्कर मिल रही हैं .ग्रामीण आमदनी के लिये किए गए प्रयासों में मुख्य रूप से 10 प्रसंस्करण इकाई प्रस्तावित हैं जिनमे से 7 प्रसंस्करण इकाई में काम शुरू है. 3 तेल मील, 1 दाल मील, 1 आटा मील, और 5 अन्य एक्टिविटी प्रस्तावित हैं. इनमें 2 तेल मील, 1 दाल मील, और 4 अन्य इकाई स्थापित कर दी गई हैं. इसके अलावा जिले में 8 स्थानों गुलाल बनाने की यूनिट और 2 स्थानों पर पेंट बनाने की यूनिट प्रस्तावित है. जल्द ही इनमें भी काम कर लोग रोजगार से जुड़ सकेंगे.

Last Updated : May 10, 2022, 6:41 PM IST
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