सरगुजा: जिले में ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया है. 60 वर्षीय बलरामपुर जिले के बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने बताया कि आंख और नाक में परेशानी की वजह से इन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट कराया गया था. ईएनटी विभाग के प्रमुख ने इनकी जांच की. मरीज का शुगर लेवल अनकंट्रोल्ड था, जिसके बाद एंडोस्कोपी किया गया और बॉयोप्सी टेस्ट किया गया. जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. मरीज का इलाज शुरू किया. मरीज के परिजन ने उन्हें एम्स में भेजने का निवेदन किया. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मरीज को रायपुर एम्स के लिए रेफर कर दिया है.
बिलासपुर में मिले 3 मरीज
बिलासपुर के सिम्स में 2 महिलाओं सहित 3 मरीजों को भर्ती किया गया है. इसमें दो मरीजों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. तीनों ही कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे. इसके बाद उन्हें दिक्कत शुरू हुई. ब्लैक फंगस को लेकर शासन के निर्देश पर प्रशासन अलर्ट पर है. ब्लैक फंगस से प्रभावित मरीजों की पहचान की जा रही है. बताया जा रहा है कि सोमवार को तीन नए मरीजों को सिम्स लाया गया. इसमें रतनपुर की 40 वर्षीय महिला, गौरेला पेंड्रा जिले की 35 वर्षीय महिला और जांजगीर अकलतरा का 50 वर्षीय पुरुष शामिल है.
छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मरीज, बाजारों में दवाइयों की किल्लत
अब तक 2 की मौत
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक महिला की मौत हो गई. महिला ब्लैक फंगस का शिकार थी. महिला कोरोना से रिकवर हो चुकी थी और उनके शरीर में प्लेटलेट्स की कमी थी. दुर्ग के ही एक युवक की जवाहर लाल नेहरू चिकित्सक अनुसंधान केंद्र में ब्लैक फंगस की वजह से मौत हो गई.
छत्तीसगढ़ में 17 मई तक 76 केस
छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के 17 मई तक 76 केस सामने आ चुके हैं. सभी का इलाज जारी है. प्रदेश में ब्लैक फंगस का इलाज चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध हैं. हालांकि रायपुर की सीएमएचओ मीरा बघेल का कहना है कि