सरगुजा: छत्तीसगढ़ में कोरोना का पीक फरवरी के पहले हफ्ते तक (Corona peak in Chhattisgarh till February ) रह सकता है. 2 साल से कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इस बात का अनुमान लगाया है. हालांकि कोरोना की तीसरी लहर में राहत की बात ये है कि इस बार मरीज अस्पताल ज्यादा नहीं पहुंच रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में हर रोज 5 हजार से ज्यादा संक्रमित केस सामने आ रहे हैं. इस बीच मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना संक्रमण का पीक अब तक नहीं आया है. 5 फरवरी तक कोरोना अपने चरम पर होगा. उसके बाद कोरोना केस में गिरावट होगी. 20 मार्च तक स्थिति सामान्य हो जाएगी. पिछले साल कोरोना पीक के दौरान अधिकतम 850 केस हर रोज मिलते थे. लेकिन इस बार अधिकतम 600 केस मिल रहे हैं. इस समय कोरोना के मरीज सर्दी, खांसी और फ्लू की दवाइयां लेकर ही ठीक हो रहे हैं. हालांकि इनकी संख्या स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में दर्ज नहीं हो पा रही है.
संक्रमित होने के 24 घंटे में लक्षण
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि 'कोरोना की पहली और दूसरी लहर में यह देखा गया था कि वायरस के सम्पर्क में आने के कुछ दिनों बाद लक्षण आ रहे थे. सर्दी- खांसी होने के बाद ही संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा था. अब यह देखा जा रहा है कि वायरस के संपर्क में आने के दूसरे दिन से ही लोगों में लक्षण आने शुरू हो जा रहे हैं. बड़ी बात यह है कि एक बार संक्रमण होने के बाद व्यक्ति सर्दी-खांसी होने के तीन दिन पहले से लेकर सर्दी-खांसी ठीक होने के तीन दिन बाद तक दूसरों को संक्रमित कर सकता है.
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एक से पांच को संक्रमण
संक्रमण की तीसरी लहर में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण करने की दर भी पांच प्रतिशत मानी जा रही है. एक संक्रमित व्यक्ति से अधिकतम पांच लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. अच्छी बात यह है कि अस्पताल में एडमिशन प्रतिशत 0.5 फीसदी है. यह राहत की बात है.