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जशपुर में नदियों को बचाने का अभियान, नदियों के उद्गम स्थलों को संवारने का काम

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Published : May 5, 2022, 12:48 PM IST

Updated : May 5, 2022, 6:44 PM IST

जशपुर जिले से करीब एक दर्जन नदियां निकलती हैं. लेकिन प्रदूषण के कारण इन नदियों के उद्गम स्थल खतरे में (Campaign to save rivers in Jashpur) हैं. जिसे बचाने के लिए अब जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि आगे आए हैं.

Campaign to save rivers in Jashpur
जशपुर में नदियों को बचाने का अभियान

जशपुर : छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसा जशपुर जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है. ऊंची पहाड़ियां घने जंगल एवं नदी नालों से परिपूर्ण जिला अब अपना अस्तित्व धीरे-धीरे खोता जा रहा है. यहां से निकलने वाली नदियां अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहीं हैं.

जशपुर में नदियों को बचाने का अभियान

जिसे बचाने के लिए जिला प्रशासन ने मुहिम शुरु की है. आपको बता दें कि जशपुर जिले में छोटी-बड़ी कुल एक दर्जन से भी अधिक नदियों का उद्गम स्थल है. इन नदियों के उद्गम स्थलों की देखरेख नहीं होने से इन जलस्तर काफी नीचे चला गया है. वहीं अतिक्रमण और प्रदूषण नदियों का दम घोंट रहा है.

जिला प्रशासन ने शुरु की मुहिम : इन नदियों के संरक्षण की लगातार मांग के बाद अब जिला प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है. जिले की प्रमुख नदियाँ डोड़की, मैनी, ईब, कनहर,गेउर और सोनमुठ नदी के संरक्षण के लिए अभियान शुरू (Campaign to save rivers in Jashpur) हुआ है. अभियान के तहत स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी मिलकर अब छुट्टियों के दिन इन नदियों के उद्गम स्थल के साथ नदी के अन्य हिस्सों में श्रमदान कर रहे हैं.

श्रमदान के दौरान उद्गम स्थलों के आसपास से झाड़ियों को हटाने और पत्थर बिछाने का काम किया जाएगा.वहीं अवैध उत्खनन से नदियों के प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर पड़ने वाले असर को देखते हुए, इसके खिलाफ सख्ती की भी तैयारी है.

ये भी पढ़ें-कन्हर नदी के सूखने से गहराया जलसंकट

मैनी नदी से शुरु हुआ अभियान : जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में मौजूद मैनी नदी से अभियान की शुरुआत की (Campaign started from Maini river) गई है. जिसे बचाने के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने श्रमदान किया.

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का कहना है कि नदी के उद्गम स्थल के साथ उसके निरंतर बहने की जिम्मेदारी हम सबकी है.लेकिन बेतरतीब प्रदूषण और अतिक्रमण के कारण नदियां अपना अस्तित्व खो रहीं हैं. जिसे बचाने के लिए हम सब ने मिलकर संकल्प लिया है. हालात ये हैं कि जिन किसानों का काम नदी के पानी से चल जाता था.वहां तक अब पानी नहीं पहुंच पा रहा.

जशपुर : छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसा जशपुर जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है. ऊंची पहाड़ियां घने जंगल एवं नदी नालों से परिपूर्ण जिला अब अपना अस्तित्व धीरे-धीरे खोता जा रहा है. यहां से निकलने वाली नदियां अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहीं हैं.

जशपुर में नदियों को बचाने का अभियान

जिसे बचाने के लिए जिला प्रशासन ने मुहिम शुरु की है. आपको बता दें कि जशपुर जिले में छोटी-बड़ी कुल एक दर्जन से भी अधिक नदियों का उद्गम स्थल है. इन नदियों के उद्गम स्थलों की देखरेख नहीं होने से इन जलस्तर काफी नीचे चला गया है. वहीं अतिक्रमण और प्रदूषण नदियों का दम घोंट रहा है.

जिला प्रशासन ने शुरु की मुहिम : इन नदियों के संरक्षण की लगातार मांग के बाद अब जिला प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है. जिले की प्रमुख नदियाँ डोड़की, मैनी, ईब, कनहर,गेउर और सोनमुठ नदी के संरक्षण के लिए अभियान शुरू (Campaign to save rivers in Jashpur) हुआ है. अभियान के तहत स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी मिलकर अब छुट्टियों के दिन इन नदियों के उद्गम स्थल के साथ नदी के अन्य हिस्सों में श्रमदान कर रहे हैं.

श्रमदान के दौरान उद्गम स्थलों के आसपास से झाड़ियों को हटाने और पत्थर बिछाने का काम किया जाएगा.वहीं अवैध उत्खनन से नदियों के प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर पड़ने वाले असर को देखते हुए, इसके खिलाफ सख्ती की भी तैयारी है.

ये भी पढ़ें-कन्हर नदी के सूखने से गहराया जलसंकट

मैनी नदी से शुरु हुआ अभियान : जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में मौजूद मैनी नदी से अभियान की शुरुआत की (Campaign started from Maini river) गई है. जिसे बचाने के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने श्रमदान किया.

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का कहना है कि नदी के उद्गम स्थल के साथ उसके निरंतर बहने की जिम्मेदारी हम सबकी है.लेकिन बेतरतीब प्रदूषण और अतिक्रमण के कारण नदियां अपना अस्तित्व खो रहीं हैं. जिसे बचाने के लिए हम सब ने मिलकर संकल्प लिया है. हालात ये हैं कि जिन किसानों का काम नदी के पानी से चल जाता था.वहां तक अब पानी नहीं पहुंच पा रहा.

Last Updated : May 5, 2022, 6:44 PM IST
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